धनुष की 50वीं फिल्म रायन: समीक्षा और महत्वपूर्ण जानकारी

धनुष की 50वीं फिल्म रायन: समीक्षा और महत्वपूर्ण जानकारी
Shubhi Bajoria 26 जुलाई 2024 13 टिप्पणि

धनुष की 50वीं फिल्म 'रायन': एक विस्तृत समीक्षा

दिग्गज अभिनेता धनुष की 50वीं फिल्म 'रायन' दर्शकों के बीच आई और उनकी इस नई प्रस्तुति ने फिल्मी दुनिया में हलचल मचा दी। फिल्म का निर्देशन प्रख्यात निर्देशक एस. शंकर ने किया है, जो पहले भी कई जनप्रिय फिल्में बना चुके हैं। 'रायन' को लेकर सभी की अपेक्षाएँ अधिक थीं, और कहीं न कहीं यह फिल्म उन पर खरा भी उतरी है।

धनुष का अभिनय: अद्भुत और प्रचंड

फिल्म में धनुष ने एक बार फिर अपने अदाकारी के हुनर को पेश किया है। उनकी भूमिका को समीक्षक 'प्रचंड' और 'जीवंत' कह रहे हैं। धनुष ने हमेशा की तरह अपने किरदार को पूरी तरह जीकर पर्दे पर उतारा है, जिससे दर्शक उनकी अदाकारी से बांधे रहते हैं। फिल्म में उनके अभिनय की तारीफ चारों ओर की जा रही है और इसे उनके करियर की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।

फिल्म की कहानी: रहस्यमय और रोचक

'रायन' की कहानी एक समूह की है जो किस्मत के झोंकों से एकत्र आता है और एक रहस्य को सुलझाने में लग जाता है। फिल्म की कहानी में रहस्य और रोमांच के तत्व बखूबी पिरोये गए हैं। पहले भाग में फिल्म 'रोमांचक' और 'रोमांचकारी' नजर आती है। इसके एक्शन दृश्य और दृश्यात्मक प्रभाव बेहद प्रामाणिक और उत्कृष्ट हैं। दर्शकों को पहले हिस्से में दमदार दृश्य और कथानक का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है।

दूसरा भाग: धीमे और परिपूर्ण

हालांकि, फिल्म का दूसरा भाग कुछ हद तक 'अनुमेय' और 'धीमा' प्रतीत होता है। प्रथम हिस्से की तेज गति के मुकाबले, दूसरा भाग उतना ताजगी भरा और उत्साहजनक नहीं है। यहां पर कहानी में कुछ मोड़ और घुमावान अपेक्षित होते हैं, जो की दर्शकों की उत्सुकता को बनाए रख सकें। इस कारण फिल्म की गति को लेकर दर्शकों के अंदर कुछ मिलीजुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।

माध्यमिक कलाकारों का अभिनय

अकेला धनुष ही नहीं, बल्कि फिल्म के अन्य माध्यमिक कलाकारों ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। अक्षरा हासन और प्रिया भवानी शंकर ने अपने-अपने किरदारों को सजीव बना दिया है। इन्हें 'प्रभावशाली' और 'उम्मीदवार' ठहराया जा रहा है, और इन कलाकारों का भविष्य का सफर भी उम्मीदों से भरा हुआ प्रतीत हो रहा है।

संगीत: आनंद दूगुना करने वाला

फिल्म की संगीत रचना अनिरुद्ध रविचंदर ने की है और यह फिल्म के अनुभव को 'पावन' बनाने में सहायक है। संगीतकार ने दिलकश धुनों को फिल्म की पटकथा के अनुसार ढाला है, जिससे फिल्म की समग्रता में अपूर्व वृद्धि हुई है। संगीत के माध्यम से दर्शकों को और भी अधिक जोड़कर रखा गया है।

समापन: धनुष के प्रशंसकों के लिए 'रायन' एक जरूर

संक्षेप में, 'रायन' सभी निष्प्राण नहीं है। हालांकि, इसे 'महाकाव्य' तो नहीं हो सकता, परंतु इसकी शक्तिशाली कहानी, चुस्त निर्देशन और अद्भुत अदाकारी के कारण यह फिल्म दर्शकों को अंत तक बांधे रखती है। विशेषकर धनुष के प्रशंसकों के लिए यह फिल्म एक मस्ट-वॉच है। यदि आप रहस्यमय और एक्शन से भरपूर ड्रामों के शौकीन हैं, तो 'रायन' आपके लिए एक रोमांचकारी सिनेमा अनुभव प्रदान करेगा।

13 टिप्पणि
Anjali Akolkar जुलाई 28 2024

रायन देख कर लगा जैसे धनुष ने अपनी पूरी जिंदगी का एक लम्हा फिल्म में बख़र दिया है ❤️

Sunil Mantri जुलाई 29 2024

फिल्म तो बहुत बढ़िया है पर शंकर का डायरेक्शन थोड़ा ओवरबोर्ड है... और अनिरुद्ध के गाने तो बिल्कुल फिट नहीं बैठे... ये फिल्म तो बस एक बड़ा बजट वाला ब्रांडिंग एक्सरसाइज है

sagar patare जुलाई 29 2024

अरे भाई ये फिल्म तो धनुष के फैन्स के लिए ही है ना... बाकी लोगों को तो लगेगा ये क्या बकवास है ये सब एक्शन और ड्रामा... बस इतना ही तो है

srinivas Muchkoor जुलाई 31 2024

रायन की कहानी तो बिल्कुल पुरानी फिल्मों से चुराई गई है... और शंकर अब तो सिर्फ बड़े बजट और बड़े नामों से चलता है... असली कला तो कहीं और है

Shivakumar Lakshminarayana अगस्त 1 2024

ये फिल्म सिर्फ एक राजनीतिक रिप्रेजेंटेशन है... धनुष का किरदार एक छिपा हुआ राष्ट्रवादी नायक है... और अनिरुद्ध का संगीत एक बड़े बैंक के एडवरटाइजमेंट की तरह है... सब कुछ बनाया गया है ताकि लोगों को एक निश्चित भावना दी जा सके

Parmar Nilesh अगस्त 3 2024

अरे भाई ये फिल्म तो दक्षिण भारत की आत्मा का जीवंत प्रतिनिधित्व है... धनुष ने अपने रक्त से रंग दिया है इस फिल्म को... शंकर ने एक ऐसा विजुअल वॉर बनाया है जो बॉलीवुड के झूठे रोमांटिक ड्रामों से बहुत ऊपर है... ये फिल्म एक जातीय ब्रावरी है

Arman Ebrahimpour अगस्त 4 2024

क्या तुम्हें पता है ये फिल्म सिर्फ एक शुरुआत है... अगले 3 महीनों में एक बड़ा राजनीतिक शॉक आएगा... और ये फिल्म उसकी अग्रिम चेतावनी है... धनुष का किरदार एक गुप्त संगठन का प्रतिनिधि है... और अनिरुद्ध के गाने में बर्बर बाइनरी कोड छिपा है... जागो भाई

SRI KANDI अगस्त 6 2024

मुझे लगा धनुष ने बहुत खूबसूरती से अपने किरदार को जी लिया... और अक्षरा की भूमिका तो दिल को छू गई... बस थोड़ा दूसरा हिस्सा धीमा लगा... लेकिन फिल्म अच्छी थी

Ananth SePi अगस्त 6 2024

रायन एक ऐसी फिल्म है जो दक्षिण भारतीय सिनेमा के असली दिल को छूती है... धनुष का अभिनय न सिर्फ एक अभिनय है बल्कि एक अध्यात्मिक अनुभव है... शंकर ने इस फिल्म में एक ऐसा सांस्कृतिक स्तर बनाया है जो अभी तक किसी ने नहीं बनाया... अनिरुद्ध के संगीत में तमिल संगीत के गहरे रूढ़िवादी तत्व छिपे हैं... ये फिल्म एक विश्व विरासत है... और अक्षरा की आँखों में एक ऐसी गहराई है जो बस दक्षिण भारतीय महिलाओं में ही मौजूद होती है... ये फिल्म एक जीवन बदलने वाली घटना है

Gayatri Ganoo अगस्त 6 2024

अगर तुम ये फिल्म देखोगे तो तुम्हारी जिंदगी बदल जाएगी... ये फिल्म एक गुप्त संदेश देती है... और धनुष का किरदार तुम्हारे अंदर के डर को दिखाता है... तुम्हें पता है कि ये फिल्म किसने बनाई है... ये फिल्म एक जाल है

harshita sondhiya अगस्त 8 2024

अरे भाई ये फिल्म तो बिल्कुल बेकार है... धनुष ने अपना सारा अभिनय एक तरफ फेंक दिया... शंकर का डायरेक्शन तो बिल्कुल बर्बर है... ये फिल्म तो बस एक बड़ा धोखा है... अगर तुमने ये फिल्म देखी तो तुम्हारी आत्मा बदल जाएगी... बेवकूफ लोग

Balakrishnan Parasuraman अगस्त 9 2024

इस फिल्म को देखकर भारतीय सिनेमा की गरिमा का एहसास हुआ... धनुष के अभिनय ने देश की आत्मा को जगाया... शंकर ने एक ऐसा काम किया है जिसे दुनिया को देखना चाहिए... ये फिल्म भारत की शक्ति का प्रतीक है

Animesh Shukla अगस्त 10 2024

क्या तुमने कभी सोचा है कि ये फिल्म सिर्फ एक कहानी नहीं... ये एक आध्यात्मिक यात्रा है... धनुष का किरदार जिस तरह अपने भीतर के डर को स्वीकार करता है... वही तो हम सबको करना चाहिए... शायद ये फिल्म हमें याद दिला रही है कि असली शक्ति भीतर होती है... अक्षरा के चेहरे पर जो भाव थे... वो तो एक ऐसी चुप्पी थी जिसमें सारी दर्द की कहानी छिपी थी... और अनिरुद्ध के संगीत में जो धुन थी... वो तो एक ऐसी आवाज थी जो हमारे अंदर के बच्चे को बुला रही थी... ये फिल्म न सिर्फ देखने के लिए है... बल्कि जीने के लिए है

कुछ कहो