इंडिया ने ओवल पर 6 रन से इंग्लैंड को हराया, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में तीसरे नंबर पर

इंडिया ने ओवल पर 6 रन से इंग्लैंड को हराया, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में तीसरे नंबर पर
Shubhi Bajoria 5 अक्तूबर 2025 3 टिप्पणि

जब Mohammed Siraj ने अंतिम ओवरों में पाँच विकेट लेकर भारत को 6 रन से जीत दिलाई, तो इस जीत का असर सिर्फ श्रृंखला स्तर पर नहीं, बल्कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की तालिका में भी साफ़ दिखा। सोमवार, 4 अगस्त 2025 को लंदन के द ओवल में खेला गया पाँचवां टेस्ट, Anderson‑Tendulkar Trophy का नियामक बना, जहाँ भारत ने 2‑2 के बराबर पर खेल को समाप्त किया और अंक तालिका में इंग्लैंड को पीछे छोड़ते हुए तीसरे स्थान पर पहुंचा।

ऐतिहासिक जीत और श्रृंखला का संतुलन

यह जीत सिर्फ छह रन की थी, पर भारत के लिए यह सबसे छोटा जीत अंतर दर्ज करती है—पहले कभी नहीं हुआ था। इंग्लैंड को 374 रन लक्ष्य था, जो अब तक द ओवल पर सबसे ऊँचा चेज़ माना जाता था। जो लक्ष्य पहले 263 रन था, उसे पार करना हर बार कठिन रहा, पर इस बार भारत ने 396 रन बना कर इंग्लैंड को हिला दिया।

भारत की दूसरी पारी में Shubman Gill की कप्तानी के तहत Yashasvi Jaiswal ने 118 रन बनाकर टीम को ठोस आधार दिया। साथ में Akash Deep (66), Ravindra Jadeja (53) और Washington Sundar (53) ने भी अहम योगदान दिया।

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में पॉइंट टेबल का बदलाव

इंडिया अब 28 अंक लेकर तालिका में 46.67% पॉइंट प्रतिशत (PCT) के साथ तीसरे स्थान पर है। इंग्लैंड, जो दो जीत, एक हार और एक ड्रॉ लेकर भी 26 अंक पर खड़ा है, 43.33% PCT के साथ चौथे स्थान पर गिर गया। उनका यह नुकसान सिर्फ इस मैच से नहीं, बल्कि लंदन के लर्ड्स टेस्ट में धीमी ओवर रेट के कारण दो अंक कटौती से भी आया।

ऑस्ट्रेलिया अब तक तीन जीत कर टॉप पर बना हुआ है, जबकि श्रीलंका 66.67% PCT के साथ दूसरे स्थान पर है। बांग्लादेश पाँच अंक पर, वेस्ट इंडीज, दक्षिण अफ्रीका, न्यूज़ीलैंड और पाकिस्तान ने अभी तक कोई अंक नहीं जमा किया है। यह तालिका दर्शाती है कि एक-एक मैच कितना बड़ा फर्क डाल सकता है।

मैच के मुख्य मोमेंट्स और खिलाड़ियों की झलक

इंग्लैंड ने शुरुआती ओवरों में 35 रन ले कर जीत का लक्ष्य तय किया था, पर फिर सायराज की तेज़ी ने उन्हें घेर लिया। सायराज ने 5/104 लिया, जबकि Prasidh Krishna ने आखिरी विकेट गिराया। आख़िरी वकील Chris Woakes ने डिसलोकेटर्ड बाएँ कंधे के साथ एक‑हाथ बैटिंग की, जिससे दर्शकों से खड़े होकर ताली और जयकार हुई। उनका साहस इंग्लैंड के लिए गौरव की बात थी, पर सायराज ने उनका अपना ही बलिदान कर दिया—वॉल्डआऊट से पहले वह “एयरप्लेन मोड” में धुंआ कर बॉलिंग कर रहा था।

इंग्लैंड की ओर से Joe Root ने 105 और Harry Brook ने 111 रन बना कर दो शतक जोड़े, पर अंत में 367 पर ऑल आउट हो गए। भारत की पहली पारी में Karun Nair 57 रन लेकर शीर्षस्थान संभाल रहे थे, पर कुल 224 रन ही बन सके। दूसरी पारी में इंग्लैंड के Gus Atkinson ने 5/33 के शानदार आंकड़े दिखाए।

ट्रांसफ़ॉर्मिंग इम्पैक्ट: भारत, इंग्लैंड और टेबल

ट्रांसफ़ॉर्मिंग इम्पैक्ट: भारत, इंग्लैंड और टेबल

इस जीत ने भारत को सिर्फ सीरीज का बराबर ही नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक बढ़त भी दी। भारत की बॉलिंग यूनिट ने सायराज के इर्द‑गिर्द एक नई रणनीति दिखाई, जिससे इंग्लैंड को आख़िरी ओवरों में भी दबाव में रखा गया। इंग्लैंड की ओर से ओवर‑रेट पेनल्टी ने उनका पॉइंट प्रतिशत घटाया, जिससे वे प्रेरणा की कमी महसूस कर सकते हैं। इस तरह का छोटा‑छोटा अंतर भविष्य के टूर में बड़ी भूमिका निभा सकता है, विशेषकर अब जब विश्व चैंपियनशिप में टॉप‑फ़ाइव के लिए हर अंक मायने रखता है।

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की वर्तमान अवस्था में, भारत का 46.67% PCT इंग्लैंड को पीछे छोड़ता है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया (100%) और श्रीलंका (66.67%) के बीच की दूरी अभी भी बड़ी है। इसलिए अगली दो टेस्ट—भारत बनाम न्यूज़ीलैंड और भारत बनाम अफ्रीका—बहुत अहम होंगी।

आगे क्या? आगामी टेस्ट और संभावित परिदृश्य

जनवरी में होने वाले न्यूज़ीलैंड टूर में भारत को तेज़ पिचों पर अपने स्पिनर का समर्थन मिलेगा, जबकि न्यूज़ीलैंड की तेज़ बॉलर्स को सायराज जैसी तेज़ बॉलर की जरूरत होगी। इसके अलावा, इंग्लैंड के साथ आने वाले शरद ऋतु में दो टेस्ट की श्रृंखला होगी, जहाँ दोनों टीमों को अपने ओवर‑रेट को सुधारना पड़ेगा, नहीं तो अंक कटौती से फिर से टेबल पर असर पड़ेगा।

यदि भारत अगले दो मैच जीत लेता है, तो उनका प्रतिशत 55‑60% के बीच पहुंच सकता है, जिससे टॉप‑फोर में जगह बनना आसान हो जाएगा। वहीं, इंग्लैंड को अगर अपने ओवर‑रेट को सुधारा नहीं तो और अंक खोने का जोखिम है। यह सब दिखाता है कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप अब केवल जीत‑हार से नहीं, बल्कि अनुशासन और रणनीति से भी तय होती है।

Frequently Asked Questions

भारत की इस जीत से वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में उनकी स्थिति कैसे बदल गई?

भारत ने 28 अंक और 46.67% पॉइंट प्रतिशत के साथ तालिका में तीसरा स्थान हासिल किया, जबकि इंग्लैंड 26 अंक और 43.33% के साथ चौथे स्थान पर गिर गया। इस परिवर्तन का मुख्य कारण सायराज की पाँच विकेट वाली बॉलिंग और इंग्लैंड की ओवर‑रेट पेनल्टी था।

इंग्लैंड को दो अंक कटौती क्यों मिली?

इंग्लैंड को लंदन के लर्ड्स टेस्ट में धीमी ओवर रेट की वजह से दो अंक की पेनल्टी लागू हुई। यह नियम ICC द्वारा सभी टीमों को निर्धारित ओवर‑रेट बनाए रखने के लिए लगाया गया है।

Chris Woakes की एक‑हाथ बैटिंग का क्या महत्व था?

Woakes ने बाएँ कंधे की डिसलोकेशन के बावजूद एक‑हाथ बैटिंग करके टीम की आख़िरी कोशिश को जीवित रखा, जिससे दर्शकों की सराहना बढ़ी और इंग्लैंड को आख़िरी ओवर में थोड़ा भरोसा मिला, पर अंततः सायराज की बॉलिंग ने उन्हें पराजित किया।

आगामी टेस्ट में भारत को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा?

भारत को न्यूज़ीलैंड की तेज़ पिचों और स्पिनर‑फ्रेंडली परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, ओवर‑रेट को बनाए रखना और सायराज जैसी तेज़ बॉलर की निरंतरता जरूरी होगी ताकि अंक तालिका में आगे बढ़ा जा सके।

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की वर्तमान टॉप‑तीन में कौन हैं?

ऑस्ट्रेलिया पहले स्थान पर 30 अंक (100% PCT) के साथ है, श्रीलंका दूसरे स्थान पर 66.67% PCT के साथ, और भारत अब तीसरे स्थान पर 46.67% PCT के साथ स्थापित है।

3 टिप्पणि
Subi Sambi अक्तूबर 5 2025

सिराज ने आख़िरी ओवर में दिखाया दम, पाँच विकेट लेकर भारत को मुश्किल से छह रन से जीत दिलाई। उसकी तेज़ी ने इंग्लैंड की बैटिंग लाइन‑अप को पूरी तरह फ्रीज़र में डाल दिया। इस जीत से टीम का मनोबल बढ़ा और पॉइंट टेबल में बदलाव भी साफ़ दिखा। अब भारत तीसरे स्थान पर स्थिर हो गया, जबकि इंग्लैंड को पीछे हटना पड़ा।

Pradeep Chabdal अक्तूबर 12 2025

सांख्यिकीय रूप से देखें तो पाँच‑विकेट के साथ सिराज ने अपनी औसत को वाकई अद्वितीय बना दिया। इस मैच में उनका इकोनॉमिक रेट भी शीर्ष‑तीन में था, जो दर्शाता है कि औसत रन प्रति ओवर बहुत कम रहा। इस तरह की बॉलिंग परफॉर्मेंस को अक्सर 'मैच‑विनर' कहा जाता है, लेकिन आंकड़ों की गहराई में और भी कई बातें छुपी हुई हैं।

Arun kumar Chinnadhurai अक्तूबर 19 2025

भारत की इस जीत ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में दशकों के बाद नई ऊर्जा का संचार किया। पहले तो सबको लगा कि यह सिर्फ एक छोटा‑साफ़ जीत है, पर असल में यह टेबल पर धुरी बदलने वाला मोड़ है। 28 अंक और 46.67% पीसीटी के साथ तीसरे स्थान पर पहुंचना कोई छोटी बात नहीं। इस स्थिति से भारत को आगामी दो टेस्ट में टॉप‑फोर की दहलीज़ तक पहुँचने का वास्तविक मौका मिला है। दूसरी ओर इंग्लैंड की दो अंक की पेनल्टी ने उन्हें चौथे स्थान पर धकेल दिया, जो आगे के मैचों में उनके लिए भारी बोझ बन सकता है। सायराज की पाँच‑विकेट वाली बॉलिंग ने न सिर्फ रनों को रोक दिया, बल्कि टीम के आत्मविश्वास को भी बहुबल दिया।
गिल की कप्तानी में जैनसवाल का शतक बेतहाशा महत्वपूर्ण रहा, क्योंकि वह स्थिरता का आधार था।
जडेगा और सन्दर की मध्य‑क्रम की ब्लॉकिंग ने इंग्लैंड को आगे की गति से रोक दिया।
ऑस्ट्रेलिया अभी भी शीर्ष पर है, पर उनका रास्ता भी कठिन है क्योंकि उनके पास अभी भी कई टेस्ट बची हैं।
श्रीलंका का दूसरा स्थान स्थायी नहीं है, क्योंकि उनकी शेष मैचों में लगातार प्रदर्शन चाहिए।
भारत को अब अपनी बॉलिंग स्ट्रेटेजी को और तेज़ी से लागू करना होगा, खासकर ओवर‑रेट के नियम को ध्यान में रखते हुए।
स्पिनर्स को पिच की स्थिति का सही उपयोग करना होगा, जबकि तेज़ बॉलर्स को लगातार रिफ़ॉर्मेट करनी होगी।
अगर भारत अगले दो टेस्ट में भी इसी तरह का दबाव बनाए रखता है, तो उनका पीसीटी 55‑60% तक चढ़ सकता है।
यह प्रतिशत उन्हें टॉप‑फोर में सुरक्षित जगह दिलाने में काफ़ी मदद करेगा।
इंग्लैंड को अपनी ओवर‑रेट को सुधारने की जरूरत है, नहीं तो और अंक नुकसान उनका टेबल पर प्रभाव डालता रहेगा।
आख़िरकार, इस जीत ने न केवल अंक तालिका में बदलाव लाया, बल्कि टीम के भीतर आत्मविश्वास का नया स्तर स्थापित किया है।

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