यूपीएससी अध्यक्ष मनोज सोनी ने व्यक्तिगत कारणों से दिया इस्तीफा, कार्यकाल समाप्ति से 5 वर्ष पहले

यूपीएससी अध्यक्ष मनोज सोनी ने व्यक्तिगत कारणों से दिया इस्तीफा, कार्यकाल समाप्ति से 5 वर्ष पहले
Shubhi Bajoria 21 जुलाई 2024 11 टिप्पणि

यूपीएससी अध्यक्ष मनोज सोनी ने दिया इस्तीफा

यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) के वर्तमान अध्यक्ष, डॉ. मनोज सोनी ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पद संभाले हुए अभी एक वर्ष ही हुआ था। व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए और अपने सामाजिक-धार्मिक योगदान को बढ़ावा देने हेतु, उन्होंने राष्ट्रपति को अपने इस्तीफे का पत्र सौंपा है।

व्यक्तिगत कारण और सामाजिक-धार्मिक सेवा

सोनी ने अपने इस्तीफे में प्रमुख रूप से कुछ व्यक्तिगत कारणों का उल्लेख किया है। अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि वे विशेषकर 'अनूपम मिशन' जैसे सामाजिक और धार्मिक कार्यों में अपनी सक्रियता बढ़ाना चाहते हैं। यह एक ऐसा गैर-लाभकारी संगठन है जो स्वामीनारायण संप्रदाय से जुड़ा हुआ है। इसका उद्देश्य समाज सेवा और धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है।

आईएएस पूजा खेड़कर विवाद

इस्तीफे की यह खबर ऐसे समय में आई है जब आईएएस प्रबोशनर पूजा खेड़कर का मामला चर्चा में है। खेड़कर पर आरोप है कि उन्होंने नागरिक सेवा में चयन के लिए जाली पहचान का इस्तेमाल किया था। इस विवाद के चलते यूपीएससी ने उनके खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज करवाई है। माना जा रहा है कि इस विवाद से उत्पन्न तनाव का भी सोनी के इस्तीफे में कुछ योगदान हो सकता है।

मनोज सोनी का शैक्षणिक और प्रशासनिक सफर

मनोज सोनी का शैक्षणिक और प्रशासनिक सफर

डॉ. मनोज सोनी एक प्रतिष्ठित शिक्षा विशेषज्ञ हैं। 2017 में यूपीएससी में सदस्य के रूप में शामिल हुए थे और पिछले वर्ष अध्यक्ष बने थे। उनकी शिक्षा एवं प्रशासन में उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए, उन्हें 2005 में महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी, बड़ौदा का उप-कुलपति बनाया गया था, इस पद पर नियुक्ति के समय वे सबसे युवा उप-कुलपति थे। इसके बाद उन्होंने डॉ. बाबासाहब आंबेडकर मुक्त विश्वविद्यालय, गुजरात में भी दो कार्यकाल पूरे किए हैं।

सरकार की प्रतिक्रिया और आगे की दिशा

मनोज सोनी का इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया गया है और सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ दिनों में स्थिति और स्पष्ट हो सकती है और संभव है कि सरकार स्थिति को संभालने के लिए कुछ नए कदम उठाए।

उत्क्रम स्थिति में यूपीएससी

यूपीएससी एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्थान है जो देश के सर्वोच्च नागरिक सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन करती है। ऐसे में इसके अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा देना असामान्य बात है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस दिशा में क्या निर्णय लेती है और किसे नया अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है।

नया नेतृत्व और चुनौती

नया नेतृत्व और चुनौती

यूपीएससी के नए अध्यक्ष की नियुक्ति करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा। नए अध्यक्ष को न केवल नागरिक सेवाओं की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की जिम्मेदारी होगी, बल्कि उन्हें सोशल मीडिया और आधुनिक तकनीकों के बढ़ते प्रभाव को भी ध्यान में रखना होगा।

नए अध्यक्ष को इस संस्थान की साख को बनाए रखने और सुधारने के लिए अपने प्रशासनिक कौशल का पूरा इस्तेमाल करना होगा।

11 टिप्पणि
Gayatri Ganoo जुलाई 21 2024

ये सब बातें बस ढकोशल हैं। असली वजह तो पूजा खेड़कर के मामले का दबाव है। वो लोग जब तक नहीं फटते, तब तक नहीं छोड़ते। अब यूपीएससी का नाम ही गंदा हो गया है।

harshita sondhiya जुलाई 23 2024

इस आदमी ने तो बस अपनी धार्मिक भावनाओं के नाम पर बच निकलना था! जब तक जिम्मेदारी आती है, तब तक वो भागता है। अब ये सामाजिक सेवा का नाटक कर रहा है। बस एक और नाम बदल दिया है अपना!

Balakrishnan Parasuraman जुलाई 24 2024

ये लोग अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। यूपीएससी देश का अहम संस्थान है और इसका अध्यक्ष इस्तीफा दे रहा है? ये अपराध है राष्ट्र के खिलाफ। किसी और को नियुक्त करो जो देश के लिए लड़े, न कि अपनी धार्मिक यात्रा के लिए।

Animesh Shukla जुलाई 24 2024

क्या व्यक्तिगत कारणों में दबाव शामिल नहीं हो सकता? क्या हम एक इंसान को बस एक पद के नाम पर बांध सकते हैं? अगर वो अपनी आत्मा के साथ सच रहना चाहता है, तो क्या उसकी इच्छा का सम्मान नहीं किया जाना चाहिए? ये सिर्फ एक नौकरी नहीं, ये एक जीवन चयन है।

Abhrajit Bhattacharjee जुलाई 26 2024

मैं उनके निर्णय का सम्मान करता हूँ। अगर कोई व्यक्ति अपने आंतरिक मूल्यों के अनुसार जीना चाहता है, तो उसे आजादी देनी चाहिए। यूपीएससी को अब नया नेतृत्व चाहिए - जो न तो डरा हुआ हो, न ही भावनात्मक बहाने बनाए।

Raj Entertainment जुलाई 26 2024

भाई ये सब तो बस बातों का खेल है। असल में तो यूपीएससी के अंदर की खाई बढ़ रही है। कोई भी अध्यक्ष अगर बाहर जाना चाहे, तो उसे जाने दो। अब नया आदमी लाओ जो नौकरी करे, न कि नाटक।

Manikandan Selvaraj जुलाई 28 2024

ये सब झूठ है बस इतना ही ये लोग अपनी गलतियों से बचने के लिए धार्मिक नाम लेते हैं अब ये अनूपम मिशन वाला नाम ले रहे हैं अगला चरण तो अपने बच्चों को भी धर्म के नाम पर बेच देंगे

Naman Khaneja जुलाई 28 2024

अच्छा हुआ वो निकल गए! अब नया अध्यक्ष आएगा और यूपीएससी को सही दिशा में ले जाएगा। बस थोड़ा धैर्य रखो भाई, सब ठीक हो जाएगा 😊

Gaurav Verma जुलाई 29 2024

इस्तीफा देने से पहले उन्होंने जो कुछ भी किया था, वो सब एक योजना थी। अब वो नए नेता के लिए रास्ता बना रहे हैं। ये तो राजनीति है।

Fatima Al-habibi जुलाई 29 2024

व्यक्तिगत कारणों का उल्लेख तो हर कोई करता है। लेकिन जब एक इंसान इतनी जल्दी इस्तीफा दे दे, तो उसके पीछे कुछ और होता है। ये बस एक औपचारिकता है।

Nisha gupta जुलाई 30 2024

हर निर्णय का एक कारण होता है। शायद ये व्यक्तिगत कारण वास्तविक हैं। लेकिन अगर उनके निर्णय के पीछे संस्थान के लिए एक गहरा संकट था, तो क्या हम उसे नजरअंदाज कर सकते हैं? यूपीएससी की साख को बचाने के लिए, नए नेतृत्व को न केवल कार्यकुशलता चाहिए, बल्कि आत्मिक दृढ़ता भी।

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