उधमपुर खाई हादसे में घायल CRPF जवानों का हाल जानने पहुंचे DG GP सिंह

उधमपुर खाई हादसे में घायल CRPF जवानों का हाल जानने पहुंचे DG GP सिंह
Shubhi Bajoria 10 अगस्त 2025 17 टिप्पणि

CRPF जवानों से भरी बस खाई में गिरी, तीन शहीद, 16 घायल

उधमपुर के कदवा इलाके में 7 अगस्त 2025 को एक भीषण हादसा हुआ। सुबह करीब 10:30 बजे CRPF की 72वीं बटालियन के 23 जवानों को ले जा रही बस अचानक खाई में जा गिरी। बस बसंतगढ़ में ऑपरेशन के बाद लौट रही थी और तंग-कच्चे कंडवा-बसंतगढ़ रोड पर यह हादसा हो गया। CRPF के अफसरों के मुताबिक, बस का चालक पहाड़ी रास्तों पर वाहन संभाल नहीं पाया और बस अनियंत्रित होकर सीधे गहरी खाई में जा पहुंची।

हादसे की जानकारी मिलते ही सबसे पहले स्थानीय लोग और पुलिस मौके पर पहुंची। सीटों में फंसे जवानों को निकालने के लिए रेस्क्यू शुरू हुआ। जो जवान घायल थे, उन्हें जल्द-से-जल्द जिला अस्पताल पहुंचाया गया। अफसोस की बात यह रही कि तीन जवान गंभीर चोटों के कारण मौके पर या अस्पताल ले जाते वक्त शहीद हो गए। बाकियों का इलाज तेज़ी से किया जा रहा है।

वरिष्ठ अधिकारी मौके पर, DG GP सिंह पहुंचे अस्पताल

वरिष्ठ अधिकारी मौके पर, DG GP सिंह पहुंचे अस्पताल

CRPF के डायरेक्टर जनरल जीपी सिंह खुद कमांड हॉस्पिटल, उधमपुर पहुंचे, ताकि घायल जवानों की हालत का जायज़ा ले सकें। इसके अलावा CRPF और जिला प्रशासन के बड़े अफसर भी लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। अस्पताल में जवानों के इलाज और उनकी हर ज़रूरत पर खास ध्यान दिया जा रहा है।

देश के गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर इस हादसे पर दुख जताया और शहीद जवानों को 'बहादुर' कहकर सलाम किया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, “हम इन जवानों की सेवा को कभी नहीं भूल सकते।” साथ ही, उन्होंने वरिष्ठ अफसरों को घायलों को सबसे बेहतर इलाज दिलवाने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा कि उन्होंने डिप्टी कमिश्नर सलोनी राय से बात की है, जो बचाव कार्य को खुद लीड कर रही हैं।

घटना ऐसे समय पर हुई है, जब स्वतंत्रता दिवस के चलते राज्य में सुरक्षा बलों की आवाजाही ज्यादा है। शुरुआती जानकारी के हिसाब से हादसे का कारण खतरनाक, फिसलन भरा पहाड़ी रास्ता ही समझा जा रहा है, लेकिन पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

गौर करने वाली बात ये भी है कि जम्मू-कश्मीर के इन दूरदराज पहाड़ी इलाकों में अकसर तेज़ ढलानों और जर्जर सड़कों से रूट सबसे जोखिम भरे होते हैं। इसके बावजूद जवान हर चुनौती का मुकाबला करते हुए देश की सुरक्षा में जुटे रहते हैं।

17 टिप्पणि
SRI KANDI अगस्त 12 2025

ये सब बस एक और त्रासदी है जो हम भूल जाते हैं। जवान जिस रास्ते से जाते हैं, उसे बेहतर बनाना हमारी जिम्मेदारी है।

Ananth SePi अगस्त 13 2025

भाई, ये रास्ता तो सिर्फ बस नहीं, एक जिंदगी का रास्ता है जो हर दिन किसी न किसी के लिए खतरनाक हो जाता है। कदवा-बसंतगढ़ रोड पर तो बरसों से नक्शा बनाने वाले भी डर जाते हैं, फिर भी ये लोग जा रहे हैं। ये देश का दिल है, जो बिना शिकायत के टूट रहा है।

कल एक दोस्त ने बताया कि उसका भाई भी इसी बटालियन में है। वो बोला, 'हमें नहीं पता कि कब ये खाई हमारे लिए भी खुल जाएगी।' और फिर भी वो जाता है। ये क्या है? बस फौज नहीं, ये तो देश का खून है।

सरकार जब नए रास्ते बनाने की बात करती है, तो लोग कहते हैं 'पैसा कहाँ से आएगा?' लेकिन अगर ये जवान गायब हो जाएं, तो उस पैसे का क्या होगा? क्या उनके घरों में बच्चों की शिक्षा के लिए भी पैसा नहीं बचेगा?

मैं तो सोचता हूँ कि ये रास्ता बस बनाने का नहीं, बल्कि उसे रखने का भी एक विचार होना चाहिए। क्या कोई इसके लिए एक ट्रस्ट बना सकता है? जहाँ हर नागरिक थोड़ा दे सके? एक रुपया, दो रुपया, लेकिन लाखों लोगों का एक साथ जुटाना।

ये जवान जिस जगह जाते हैं, वो जगह तो बहुत दूर है। लेकिन उनकी याद तो हमारे दिलों में है। अगर हम इनकी याद को बरकरार रखना चाहते हैं, तो इनके रास्ते को भी सुरक्षित रखना होगा।

मैं अपने दोस्तों के साथ एक अभियान शुरू करने वाला हूँ - 'रास्ता बचाओ, जवान बचाओ'। अगर कोई जुड़ना चाहे, तो मुझे DM करें। ये बस एक शब्द नहीं, ये एक जिम्मेदारी है।

Gayatri Ganoo अगस्त 14 2025

ये हादसा बस एक दुर्घटना नहीं है ये एक नियोजित षड्यंत्र है जिसमें सरकार और बड़े ठेकेदार शामिल हैं जो सड़कों को जानबूझकर खराब रखते हैं ताकि जवानों की जान जाए और फिर उनके परिवारों को नौकरी देकर शांत कर दें।

harshita sondhiya अगस्त 14 2025

ये जवान कौन हैं जिनकी जान इतनी सस्ती है? ये सड़कें तो अभी तक बनी नहीं जो जवानों के लिए बनी हों? ये सरकार तो बस वीडियो बनाती है और फिर भूल जाती है।

Balakrishnan Parasuraman अगस्त 16 2025

मैं इस हादसे के बारे में बात करने के लिए नहीं आया हूँ। मैं आया हूँ इस बात को याद दिलाने के लिए कि ये जवान हमारे देश के निर्माता हैं। उनके बिना ये देश क्या होगा? और इस तरह की लापरवाही का जवाब तो अभी भी नहीं दिया गया।

Animesh Shukla अगस्त 17 2025

अगर हम ये सोचें कि ये जवान अपने घर से निकले थे - शायद एक बच्चे के लिए दूध लेने के लिए, शायद अपनी माँ को फोन करने के लिए - और अब वो नहीं हैं। तो क्या हम इसे सिर्फ एक खबर के रूप में देख सकते हैं? क्या हम इसे एक आँख बंद करके भूल सकते हैं? क्या हम इसे एक आँख बंद करके भूल सकते हैं?

मैं तो सोचता हूँ कि जब तक हम इन जवानों के जीवन को अपने जीवन के बराबर नहीं समझेंगे, तब तक ये हादसे दोहराएंगे।

Abhrajit Bhattacharjee अगस्त 17 2025

मैं बस ये कहना चाहता हूँ कि ये जवान अपने परिवार के लिए जीते हैं। उनके बिना ये देश अधूरा है। उनके लिए बेहतर रास्ते बनाना हमारी जिम्मेदारी है।

Raj Entertainment अगस्त 18 2025

अगर आपको लगता है कि ये सिर्फ एक दुर्घटना है, तो आप गलत हैं। ये एक नियमित अपराध है जो हम सब अनदेखा कर रहे हैं। ये जवान जिस रास्ते से जाते हैं, वो रास्ता बनाने वालों को जेल में डालना चाहिए।

Manikandan Selvaraj अगस्त 20 2025

ये जवान बस एक बस में गिरे नहीं ये एक राजनीति में गिरे हैं जो उनकी जान को बेचती है। किसी ने इसे रोका नहीं क्योंकि ये बस एक जवान था।

Naman Khaneja अगस्त 21 2025

हम सब इस बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन क्या कोई इसके लिए कुछ कर रहा है? मैं अपने दोस्तों के साथ एक अभियान शुरू कर रहा हूँ - एक रुपया दें, एक रास्ता बनाएं। कोई जुड़ेगा?

Gaurav Verma अगस्त 22 2025

ये हादसा तब हुआ जब किसी ने भी नहीं देखा।

Fatima Al-habibi अगस्त 22 2025

मुझे लगता है कि इस हादसे के बाद सरकार ने जो बयान दिए हैं, वो सिर्फ एक धोखा है। अगर ये जवान अगर एक आम नागरिक होते, तो क्या ये इतनी तेज़ी से जवाब दिया जाता?

Nisha gupta अगस्त 23 2025

हम देश के लिए जवानों को भेजते हैं, लेकिन उनके लिए रास्ता नहीं बनाते। ये एक अपराध है जिसकी सजा नहीं है। हम सब इसके साथ जुड़े हैं।

Roshni Angom अगस्त 25 2025

हर जवान का एक नाम होता है, एक माँ, एक बहन, एक बच्चा। ये सिर्फ एक आँकड़ा नहीं है। ये एक इंसान है। और इस बात को भूलना हमारा सबसे बड़ा अपराध है।

vicky palani अगस्त 27 2025

ये जवान जिनकी जान गई, उनके घरों में अब कोई नहीं है जो उनके लिए रोए। और हम सब यहाँ बस बातें कर रहे हैं। ये देश बहुत बदल गया है।

jijo joseph अगस्त 28 2025

इस हादसे के बाद रास्तों की रखरखाव की लाइन बनाने के लिए एक ऑपरेशनल फ्रेमवर्क की आवश्यकता है - जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा बलों के लिए ट्रांसपोर्ट लॉजिस्टिक्स को एक अलग कैटेगरी में रखा जाए।

Arman Ebrahimpour अगस्त 29 2025

ये जवान तो देश के लिए मर गए, लेकिन इनके लिए कोई यादगार नहीं बनाया गया? जो लोग ये बात करते हैं वो अपने घरों में बैठे हैं। ये सब नाटक है।

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