जब आप IMD, भारतीय मौसम विभाग, जो पूरे देश में मौसम की भविष्यवाणी, चेतावनी और जलवायु डेटा देता है. Also known as इंडियन मेटियोलॉजिकल डिपार्टमेंट की बात करते हैं, तो सबसे पहले दो चीज़ें आती हैं: ऑरेंज अलर्ट, भारी बारिश या तेज़ हवाओं के समय जारी किया गया गंभीर चेतावनी स्तर और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI), वायुमंडलीय प्रदूषकों की माप, जिसे IMD लगातार मॉनिटर करता है. इन तीनों को जोड़ने वाला मुख्य विचार यह है कि IMD न सिर्फ मौसम बताता है, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा और स्वास्थ्य को सीधे प्रभावित करने वाले संकेत भी देता है.
पहला सम्बन्ध है IMD और भारी बारिश, वर्षा की तीव्रता जो बाढ़, जलजमा और सड़कों की बाधा बनाती है के बीच. हर साल जुलाई‑अगस्त में भारत में मॉनसून की अवधि आती है, और इस समय विभाग सटीक रेनफ़ॉल डेटा और संभावित बाढ़ के मानचित्र जारी करता है। इससे स्थानीय प्रशासन तेज़ी से प्राथमिकता वाले इलाकों में बचाव कार्य शुरू कर सकता है। यही कारण है कि मुंबई जैसे तटवर्ती शहरों में ऑरेंज अलर्ट का प्रभाव सीधे लोगों की दैनिक योजना पर पड़ता है।
दूसरा संबंध IMD और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के बीच है। धुएँ और औद्योगिक उत्सर्जन के कारण AQI अक्सर अलर्ट स्तर तक पहुँच जाता है। IMD इस डेटा को 30‑minute अपडेट्स में जनता को देता है, जिससे लोग धुंध वाले समय में बाहर जाने या एयर प्यूरीफायर चलाने का फैसला कर सकते हैं। इस तरह के real‑time जानकारी से स्वास्थ्य एजेंसियां भी अति‑संवेदनशील समूहों को विशेष सलाह भेजती हैं।
तीसरा कनेक्शन IMD और ऑरेंज अलर्ट के प्रयोग पर है। जब विभाग को लगा कि बारिश की तीव्रता, हवा की गति या समुद्री लहरें सामान्य सीमा से बाहर हैं, तो वह ऑरेंज अलर्ट जारी करता है। इस स्तर की चेतावनी का मतलब है कि स्थानीय प्रशासन को स्कूल बंद, ट्रैफ़िक रूटिंग और जनजागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। कई बार इस अलर्ट को समझकर लोग अपने घरों में बचाव उपाय तैयार कर लेते हैं, जिससे नुकसान कम हो जाता है।
संबंधों को और स्पष्ट करने के लिए IMD ने डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म भी तैयार किया है। उदाहरण के तौर पर, मोबाइल ऐप और वेबसाइट पर रियल‑टाइम रेनफ़ॉल मैप, सूनामी वार्निंग और AQI ग्राफ़ उपलब्ध हैं। ये टूल न सिर्फ आम जनता बल्कि कृषि प्रदाताओं, लॉजिस्टिक कंपनियों और इवेंट ऑर्गेनाइज़र्स के लिए निर्णय‑लेने में मदद करते हैं। जब हम देखते हैं कि माउस की रिपोर्ट पर टॉवर बघी में धूप की मात्रा घट रही है, तो हम तुरंत फसल की सिंचाई योजना बदल सकते हैं।
एक और पहलू है कि IMD की भविष्यवाणी मॉडल में मौसम विज्ञान के विभिन्न डाटा स्रोत मिलते हैं: सैटेलाइट इमेज, रडार, मौसम स्टेशन और समुद्री बौछारें। इन सबको एक साथ प्रोसेस करके विभाग ‘मॉडर्न प्रेडिक्शन’ दे पाता है। इससे न केवल अलर्ट की सटीकता बढ़ती है, बल्कि प्रेडिक्शन की समय सीमा भी विस्तारित होती है‑कभी‑कभी 7‑दिन तक। किसान इन भविष्यवाणियों को फसल बोने या कटाई की योजना बनाने में उपयोग करते हैं।
अंत में, IMD का काम सिर्फ मौसम बताना नहीं, बल्कि हम सभी को सुरक्षित रखने के लिए डेटा, अलर्ट और गाइडलाइन देना है। नीचे आप इस टैग में शामिल लेखों में देखें कि कैसे मुंबई में ऑरेंज अलर्ट ने यात्रियों को प्रभावित किया, कैसे AQI स्तर ने स्वास्थ्य सलाह बदल दी, और किन क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण बाढ़ का खतरा था। ये सब जानकारी आपके दैनिक योजना और लोको‑स्थानीय निर्णयों में मदद करेगी।
IMD ने 1 अक्टूबर को दिल्ली में हल्की बारिश की चेतावनी जारी की, जिससे तापमान 23‑31 °C तक गिरा। 3‑5 अक्टूबर तक बादल‑बारिश की संभावना और दशहरा के उत्सव पर विशेष सावधानियां।