IMD ने उत्तर भारत के लिए शीतलहर और घने कोहरे का अलर्ट जारी किया, 3 से 7 दिसंबर तक कड़ाके की ठंड

IMD ने उत्तर भारत के लिए शीतलहर और घने कोहरे का अलर्ट जारी किया, 3 से 7 दिसंबर तक कड़ाके की ठंड
Shubhi Bajoria 2 दिसंबर 2025 16 टिप्पणि

IMD ने 3 दिसंबर 2025 से 7 दिसंबर 2025 तक उत्तर भारत के लिए शीतलहर और घने कोहरे का अलर्ट जारी किया है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में तापमान अचानक गिरने की आशंका है, जिससे स्वास्थ्य और परिवहन दोनों पर गंभीर असर पड़ सकता है। बुजुर्गों और बच्चों के लिए यह समय खतरनाक हो सकता है — और ये सिर्फ एक ठंडी रात नहीं, बल्कि एक लंबे समय तक चलने वाली ठंड की शुरुआत है।

किन जगहों पर क्या हो रहा है?

3 दिसंबर से 5 दिसंबर तक पंजाब और उत्तर मध्य महाराष्ट्र में शीतलहर की संभावना है। इसी दौरान दिल्ली के आईटीओ, चांदनी चौक, अक्षरधाम, साकेत विहार और आनंद विहार जैसे घने आबादी वाले इलाकों में विजिबिलिटी 100 मीटर से भी कम हो सकती है। ये कोहरा सिर्फ दिखने में अजीब नहीं — ये जीवन को रोक सकता है।

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ और मुरादाबाद में रात के तापमान 5°C तक गिर चुके हैं। यहां के डॉक्टर्स का कहना है कि इस साल इन जिलों में सांस संबंधी बीमारियों के मामले पिछले साल की तुलना में 40% ज्यादा हैं।

क्यों इतनी ठंड? पीछे का विज्ञान

ये ठंड सिर्फ एक अचानक ठंडी हवा का नतीजा नहीं। IMD के अनुसार, उत्तर-पश्चिम भारत में हवाओं का पैटर्न बदल रहा है। हिमालय के ऊपर जमी ठंडी हवाएं अब अधिक तेजी से नीचे उतर रही हैं। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तापमान शून्य से नीचे है — और ये ठंड अब मैदानी इलाकों में घुल रही है।

मध्य भारत में भी बदलाव दिख रहा है। 2 दिसंबर की रात भोपाल और इंदौर में न्यूनतम तापमान 10°C से नीचे चला गया — ये अक्सर जनवरी का दौर होता है, न कि दिसंबर का। अब मध्य प्रदेश में 5-6 दिसंबर तक शीतलहर की स्थिति बन सकती है।

राजस्थान और पंजाब: अलर्ट लाल, पीला और हरा

राजस्थान में चूरू, झुंझुनूं और सीकर के लिए शीतलहर के लिए पीला अलर्ट जारी किया गया है। ये जिले अक्सर दिसंबर में गर्म रहते हैं — लेकिन इस बार रात के तापमान 3-4°C तक गिर सकते हैं।

पंजाब के किसानों को भी चिंता है। बीजों के लिए ठंड अच्छी है, लेकिन जब तापमान -2°C तक जाता है, तो नवजात फसलें मर जाती हैं। एक किसान ने कहा, “हम तो बर्फ के बाद बर्फ देख रहे हैं — ये बारिश नहीं, ये जमाव है।”

यातायात का अंधेरा: कोहरे का असर

यातायात का अंधेरा: कोहरे का असर

घना कोहरा सिर्फ ठंड नहीं — ये राष्ट्रीय राजमार्गों, रेलवे और हवाई अड्डों के लिए बड़ी समस्या है। दिल्ली एयरपोर्ट में 3 दिसंबर को 70 फ्लाइट्स रद्द हो सकती हैं। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और मेरठ के बीच रेलगाड़ियां घंटों फंसी रह सकती हैं।

एक ट्रक ड्राइवर ने बताया, “मैं रोज दिल्ली से लखनऊ जाता हूं। आज सुबह 6 बजे तक मैं एक बार भी गाड़ी नहीं चला पाया। दो घंटे बाद भी आगे की राह नहीं दिख रही थी।”

स्वास्थ्य पर गहरा असर

इस शीतलहर का सबसे खतरनाक असर उन लोगों पर पड़ेगा जिनके पास बचाव का कोई रास्ता नहीं। IMD के विश्लेषण के अनुसार, बुजुर्गों, बच्चों और हृदय, फेफड़े या जोड़ों की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए यह समय खतरनाक हो सकता है।

दिल्ली के एक सार्वजनिक अस्पताल में 1 दिसंबर से 2 दिसंबर तक 127 लोगों को सांस लेने में तकलीफ के कारण भर्ती किया गया — जिसमें से 89 बुजुर्ग थे। एक डॉक्टर ने कहा, “हम अभी तक इस तरह की बढ़त को इस वक्त नहीं देखा। ये बस ठंड नहीं, ये एक चिकित्सकीय आपातकाल है।”

दिसंबर से फरवरी: ठंड बनी रहेगी

दिसंबर से फरवरी: ठंड बनी रहेगी

ये सिर्फ एक सप्ताह की बात नहीं। IMD के नवीनतम पूर्वानुमान के अनुसार, दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 तक उत्तर और मध्य भारत में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की पूरी संभावना है। शीतलहर के दिनों की संख्या पिछले 10 सालों की तुलना में 20-25% ज्यादा हो सकती है।

पूर्वोत्तर भारत और हिमालय की तलहटी में अधिकतम तापमान सामान्य से थोड़ा अधिक रह सकता है — लेकिन ये भी बहुत कम है। यानी, यहां के लोग भी ठंड से बच नहीं पाएंगे।

तमिलनाडु और श्रीलंका: दूसरा तूफान

उत्तर की ठंड के बीच, दक्षिण में भी बड़ी बातें हो रही हैं। तमिलनाडु और पुडुचेरी में IMD ने रेड अलर्ट जारी किया है — अत्यधिक बारिश की आशंका है। इसी बीच, श्रीलंका में चक्रवात ‘दितवाह’ ने 153 लोगों की जान ले ली। भारत ने आपरेशन सागर बंधु शुरू किया है — बचाव बेड, दवाइयां और खाना भेजा जा रहा है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

शीतलहर क्या होती है और यह कैसे पहचानी जाती है?

शीतलहर तब होती है जब किसी क्षेत्र का न्यूनतम तापमान सामान्य से 4.5°C या अधिक कम हो जाए, और यह स्थिति कम से कम दो दिन तक बनी रहे। IMD इसे तापमान डेटा और लंबे समय के औसत के आधार पर घोषित करता है। उत्तर भारत में यह अक्सर दिसंबर-जनवरी में आती है, लेकिन इस बार यह पहले से शुरू हो गई है।

घना कोहरा क्यों इतना खतरनाक है?

घना कोहरा न केवल दृश्यता को 100 मीटर तक कम कर देता है, बल्कि यह वायु प्रदूषण को भी जमा करता है। दिल्ली जैसे शहरों में कोहरे के साथ PM2.5 का स्तर 300 µg/m³ तक पहुंच जाता है — जो WHO के निर्देशों से छह गुना ज्यादा है। यह बच्चों और बुजुर्गों के फेफड़ों के लिए जानलेवा हो सकता है।

क्या यह ठंड जलवायु परिवर्तन का ही परिणाम है?

हां, वैज्ञानिकों का मानना है कि हिमालय की बर्फ का पिघलना और उत्तरी ध्रुव की गर्मी का बढ़ना हवाओं के पैटर्न को बदल रहा है। इसके कारण ठंडी हवाएं अचानक और तेजी से दक्षिण की ओर धकेली जा रही हैं — जिससे शीतलहर अधिक अक्सर और अधिक तीव्र हो रही है।

किस तरह के लोगों को सबसे अधिक खतरा है?

65 साल से अधिक आयु के लोग, बच्चे, गर्भवती महिलाएं और हृदय, फेफड़े या जोड़ों की बीमारी से जूझ रहे लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। इनमें तापमान में तेज गिरावट दिल के दौरे, सांस लेने में तकलीफ और जोड़ों में दर्द को बढ़ा सकती है। एक अध्ययन के अनुसार, शीतलहर के दौरान मृत्यु दर 15-20% तक बढ़ जाती है।

क्या रेलवे और हवाई सेवा को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा?

नहीं, लेकिन अगर कोहरे की दृश्यता 50 मीटर से कम हो जाए, तो रेलवे गाड़ियां अस्थायी रूप से रोक दी जाती हैं। हवाई अड्डे भी उड़ानों को लंबे समय तक रोक सकते हैं — जैसे 2023 में दिल्ली में 140 फ्लाइट्स रद्द हुई थीं। यात्री अपने यात्रा प्लान को लचीला रखें और हर घंटे अपडेट चेक करें।

सामान्य लोग क्या कर सकते हैं?

घर में गर्म पानी पीएं, बाहर जाने से पहले गर्म कपड़े पहनें, खासकर गर्दन और सिर को ढकें। बुजुर्गों के लिए घर में गर्मी का इंतजाम करें — बिजली कटने पर गर्म कंबल और गर्म पानी के बोतल तैयार रखें। बच्चों को बाहर न निकालें, और अगर कोहरा हो तो बाहर जाने से बचें।

16 टिप्पणि
Ayushi Kaushik दिसंबर 3 2025

इस ठंड में मेरी दादी का बर्फ जैसा फेफड़ा है, वो रात को गर्म पानी की बोतल से सोती हैं। अब तो बिजली भी बार-बार कटती है, और गैस सिलेंडर नहीं मिल रहा। हम लोग बस एक दूसरे को गले लगाकर गर्मी बांट रहे हैं। ये सिर्फ ठंड नहीं, ये हमारी इंसानियत की परीक्षा है।

Basabendu Barman दिसंबर 5 2025

ये सब IMD का नाटक है। असली कारण तो चीन के जाली उपग्रह हैं जो हिमालय की बर्फ पिघला रहे हैं। अमेरिका और भारत के बीच जलवायु युद्ध चल रहा है, और हम बस इसकी चपेट में हैं। आप लोग जो कह रहे हैं, वो सब सरकारी धोखा है।

Krishnendu Nath दिसंबर 5 2025

दोस्तों ये ठंड बहुत बड़ी बात है पर डरने की नहीं बल्कि तैयार होने की बात है! घर में गर्म कंबल रखो, गर्म पानी पिओ, बच्चों को बाहर न निकालो! जिंदगी तो जीनी है ना डर के आगे भागने के बजाय! चलो आज से ही शुरू करते हैं अपनी ठंड की लड़ाई!

dinesh baswe दिसंबर 6 2025

शीतलहर के दौरान बुजुर्गों के लिए गर्म पानी की बोतल और गर्म कंबल बहुत जरूरी हैं। विशेष रूप से जब बिजली कटती है, तो बिजली के बिना गर्मी का साधन बनाना जरूरी है। गर्म चाय और गर्म खाना भी शरीर के तापमान को बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा, घर के अंदर दरवाजों और खिड़कियों को बंद रखना चाहिए।

Boobalan Govindaraj दिसंबर 7 2025

हां भाई ये ठंड बहुत खतरनाक है पर इसे हरा लो! एक गर्म कंबल, एक गर्म चाय, और एक अच्छा दिल तो बस यही चाहिए! आज तुम जो भी कर रहे हो, वो बहुत बढ़िया है। बस याद रखो, ये ठंड तो गुजर जाएगी, पर तुम्हारी हिम्मत तो बनी रहेगी!

M Ganesan दिसंबर 7 2025

ये सब ठंड तो बस एक बहाना है। सरकार लोगों को डरा रही है ताकि वे अपने बजट के लिए अधिक पैसे खर्च करें। ये ठंड कभी नहीं आई थी, ये सब अखबारों और टीवी की फेक खबरें हैं। तुम लोग अपने दिमाग से सोचो, जिंदगी में कुछ भी सच नहीं है!

ankur Rawat दिसंबर 7 2025

हमारे गांव में भी ये ठंड बहुत बुरी तरह से लगी है। पुराने घरों में बिजली नहीं है, और गैस भी नहीं। लोग लकड़ी जला रहे हैं, और बच्चे बर्फ जैसे बिस्तर पर सो रहे हैं। ये न सिर्फ जलवायु परिवर्तन है, बल्कि हमारी सामाजिक असमानता का भी परिणाम है। हमें अपने आसपास के लोगों को भी समझना होगा।

Ganesh Dhenu दिसंबर 8 2025

मैं तमिलनाडु से हूं, और यहां बारिश और आर्द्रता का समय है। लेकिन उत्तर में जो हो रहा है, वो मुझे बहुत दुख दे रहा है। हमारे यहां लोग ठंड के बारे में बात नहीं करते, लेकिन यहां के लोगों के लिए ये जीवन और मृत्यु का सवाल है। हम सब एक हैं, चाहे हम कहां से हों।

Yogananda C G दिसंबर 9 2025

यह ठंड जलवायु परिवर्तन के एक अत्यधिक जटिल और बहुआयामी परिणाम है जिसमें हिमालय की बर्फ का पिघलना, उत्तरी ध्रुव की गर्मी का बढ़ना, वायु प्रवाह के अस्थिर होने के कारण बर्फीली हवाओं का अचानक दक्षिण की ओर धकेले जाना, और शहरी वायु प्रदूषण के साथ कोहरे के अत्यधिक घने होने के कारण तापमान और आर्द्रता के बीच असंगति पैदा हो रही है जिसके कारण शीतलहर अधिक अक्सर और अधिक तीव्र हो रही है और इसके असर से स्वास्थ्य और परिवहन दोनों पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है जिसकी व्यापक रूप से जांच की जानी चाहिए और इसके लिए एक व्यापक नीति की आवश्यकता है।

Divyanshu Kumar दिसंबर 10 2025

हमारे गांव में तो लोग अभी भी लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाते हैं। इस ठंड में बच्चे बर्फ के बीच रोते हैं। लेकिन सरकार के पास तो बस ट्वीट करने का समय है। हमें वास्तविक समाधान चाहिए, न कि अलर्ट।

mohit saxena दिसंबर 11 2025

ये ठंड तो अब नियम बन गई है। लेकिन अगर तुम घर में गर्म कंबल रखो, गर्म चाय पियो, और बच्चों को बाहर न निकालो, तो ये ठंड तुम्हें नहीं लगेगी। बस थोड़ी सी तैयारी करो, और ये सब बहुत आसान हो जाएगा।

Sandeep YADUVANSHI दिसंबर 12 2025

ये ठंड तो सिर्फ गरीबों की समस्या है। जिनके पास गैस, बिजली, और हीटर है, वो तो बस गर्म कॉफी पी रहे हैं। ये अलर्ट तो सिर्फ उन लोगों के लिए है जिनके पास कुछ नहीं है। ये सिस्टम तो बस उन्हें भूल गया है।

Vikram S दिसंबर 12 2025

ये ठंड बाहरी शक्तियों की साजिश है! अमेरिका और चीन ने हमारी बर्फ को पिघलाया है ताकि हमारी अर्थव्यवस्था डूब जाए! हमें अपने आप को बचाना होगा! हमें अपने अंदर की शक्ति को जगाना होगा! भारत जीतेगा!

nithin shetty दिसंबर 14 2025

क्या कोहरे के साथ PM2.5 का स्तर वास्तव में 300 µg/m³ तक पहुंच जाता है? क्या ये डेटा IMD के ऑफिशियल रिपोर्ट से मेल खाता है? मैंने देखा है कि कई बार ये आंकड़े अतिशयोक्ति होते हैं। क्या कोई असली स्रोत दे सकता है?

Aman kumar singh दिसंबर 15 2025

दोस्तों, ये ठंड हमें एक साथ ला रही है। मैंने अपने गांव में एक गर्म चाय का शिविर लगाया है। जो भी आए, उसे गर्म चाय और गर्म रोटी मिलती है। ये छोटी बात है, लेकिन इससे दिल गर्म होता है। हम सब एक हैं।

UMESH joshi दिसंबर 15 2025

ठंड सिर्फ तापमान का मुद्दा नहीं है। ये हमारी आत्मा की गर्मी की कमी को दर्शाती है। जब हम एक दूसरे को भूल जाते हैं, तो ठंड हमारे अंदर घुस जाती है। आज किसी को गले लगाओ। बस एक छोटी सी गर्मी। वो भी जीवन बदल सकती है।

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