दुनिया के महानतम नेताओं में से एक, एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि 27 जुलाई को मनाई जाती है। यह दिन हमें उनके अद्वितीय विचारों, प्रेरणादायक व्यक्तित्व और देश के प्रति उनके अपार समर्पण की याद दिलाता है। एपीजे अब्दुल कलाम, जिन्हें 'मिसाइल मैन' के नाम से जाना जाता है, ने भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था और उन्होंने अपनी कठोर मेहनत और समर्पण के बल पर वैज्ञानिक के रूप में अद्वितीय ऊंचाइयों को छुआ।
कलाम ने न केवल वैज्ञानिक क्षेत्र में बल्कि शिक्षा, नेतृत्व और नवाचार के क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए। उनकी सोच और दृष्टिकोण ने न केवल भारतीय युवाओं को बल्कि पूरी दुनिया को प्रेरित किया है। इस लेख में हम उनके कुछ महान विचारों और उद्धरणों को साझा करेंगे जो आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
किसी भी राष्ट्र की प्रगति में शिक्षा का महत्व अनमोल है। एपीजे अब्दुल कलाम ने शिक्षा को राष्ट्र की रीढ़ माना और शिक्षा में सुधार और आविष्कार को मुख्य आधार बनाया। उनके शब्द थे, "शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसको आप दुनिया बदलने के लिए उपयोग कर सकते हैं।" यह विचार हमें शिक्षा के माध्यम से समाज को बदलने का संदेश देता है।
कलाम का मानना था कि कठिन परिश्रम, परम सफलता की कुंजी है। उन्होंने कहा, "सपना सच करने के लिए सपना देखना जरूरी है, लेकिन उसे मेहनत और संघर्ष के बिना प्राप्त नहीं किया जा सकता।" उन्होंने संघर्ष और मेहनत के महत्व को प्रतिपादित करते हुए सभी को प्रेरित किया कि किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए निरंतर प्रयास आवश्यक है।
असली नेता वह होता है जो अपने कार्यों और विचारों से समाज को सकारात्मक दिशा में ले जाता है। कलाम का विश्वास था, "नेता वह नहीं होता जो सबसे आगे चलता है, बल्कि वह जो सबको साथ लेकर चलता है।" उनके इस विचार ने सही मायनों में नेतृत्व की परिभाषा को स्पष्ट किया और सभी को सच्चे नेतृत्व के महत्व का बोध कराया।
कलाम का वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नवाचार के प्रति प्रेम उन्हें हमेशा प्रासंगिक बनाए रखता है। उन्होंने कहा, "नवाचार भविष्य की बिजली है और अगर हम इसके पास नहीं हैं, तो हम पीछे छूट जाएंगे।" विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान ने भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया।
देश के प्रति उनका समर्पण अद्वितीय था। वे मानते थे, "यदि किसी देश को भ्रष्टाचार मुक्त और सुंदर मस्तिष्क वाले लोगों का देश बनाना है, तो मुझे दृढ़ता के साथ मानता हूँ कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य इसे प्राप्त कर सकते हैं। ये हैं माँ, पिता और शिक्षक।" यह उद्धरण समाजिक ढांचे में माता-पिता और शिक्षकों की भूमिका को उजागर करता है।
एपीजे अब्दुल कलाम की विचारधारा और उनके उद्धरण आज भी हमें प्रेरित करते हैं। उनकी सोच, उनके विचार और उनका व्यक्तित्व हमें सदैव यह सिखाता है कि किसी भी बाधा को पार करना संभव है, बशर्ते हम मेहनत और समर्पण के साथ प्रयास करें।
आइए, इस पुण्यतिथि पर हम सभी कलाम के महान विचारों और उनकी प्रेरणा से सीख लें और अपने जीवन में उसे लागू करने का संकल्प लें। इस तरह हम उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। उनके विचार हमें यह सीख देते हैं कि चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, हमें अपने लक्ष्यों की ओर निरंतर अग्रसर रहना चाहिए।