लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला की बेटी पर फेक पोस्ट मामले में ध्रुव राठी की प्रतिक्रिया

समाचार 14 जुलाई 2024 प्रियंका कश्यप

लोकप्रिय यूट्यूबर ध्रुव राठी पर फर्जी पोस्ट का आरोप

लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला की बेटी अंजलि बिड़ला के खिलाफ किए गए एक फर्जी पोस्ट के मामले में मशहूर यूट्यूबर ध्रुव राठी पर आरोप लगाए गए हैं। यह पोस्ट कहती है कि अंजलि बिड़ला ने बिना कोई परीक्षा दिए ही संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास कर ली है। महाराष्ट्र की साइबर पुलिस ने इस घटना के बाद मामला दर्ज किया है।

ध्रुव राठी का स्पष्टीकरण

ध्रुव राठी ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि वह इस पोस्ट से किसी भी तरह से जुड़े हुए नहीं हैं। उन्होंने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर एक अखबार की कतरन साझा की, जिसमें बताया गया है कि यह फर्जी पोस्ट एक पैरोडी अकाउंट द्वारा की गई थी। पैरोडी अकाउंट '@dhruvrahtee' ने अंजलि बिड़ला से संबंधित सभी पोस्ट और टिप्पणियों को हटाते हुए माफी मांग ली है।

मामले की विस्तृत जांच

साइबर पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और यह जानने की कोशिश में है कि फर्जी पोस्ट का असली स्रोत कौन है। ध्रुव राठी ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने ना तो इस पोस्ट को लिखा है और न ही उसे साझा किया है। यह फर्जी खबर एक अन्य यूजर से कॉपी कर पोस्ट की गई थी।

यह मामला उस समय सामने आया जब पैरोडी अकाउंट द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए फर्जी दावों के कारण अंजलि बिड़ला को अनुचित आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। आईपीसी और आईटी एक्ट के तहत साइबर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी की आवश्यकता

यह घटना एक बार फिर सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर जिम्मेदारी और सतर्कता की आवश्यकता पर जोर देती है। फर्जी खबरों और आरोपों का प्रसार न केवल प्रभावित व्यक्तियों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है बल्कि इससे समाज में भी गलत संदेश जाता है।

ध्रुव राठी की लोकप्रियता

ध्रुव राठी एक लोकप्रिय यूट्यूबर हैं, जिनकी वीडियो में सामाजिक, राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर विस्तृत जानकारी और विश्लेषण होता है। वह अपनी निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में उन पर लगाए गए इस आरोप ने उनके अनुयायियों के बीच सवाल खड़े कर दिए हैं।

आपराधिक मुकदमों का असर

इस मामले का कानूनी पहलू भी महत्वपूर्ण है। इस तरह के फर्जी पोस्ट और उनके खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमों से यह साफ होता है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर साझा किए गए कंटेंट के लिए कानूनी जिम्मेदारी और संरचना की आवश्यकता है।

आप सभी को इस मामले के प्रति जागरूक रहना चाहिए और सोशल मीडिया पर साझा की गई जानकारी की सत्यता को जांचने का प्रयास करना चाहिए।

अंतिम निष्कर्ष

ध्रुव राठी के स्पष्टीकरण और पैरोडी अकाउंट की माफी के बाद, यह मामला एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। साइबर पुलिस की जांच के बाद ही इसके सभी पहलुओं पर पूरी स्पष्टता मिल सकेगी।

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