अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 खास है क्योंकि यह आयोजन अपनी 10वीं वर्षगांठ मना रहा है। हर साल की तरह, यह 21 जून को मनाया जाएगा, जो इस बार शुक्रवार को पड़ता है। इस वर्ष का थीम 'योग फॉर सेल्फ एंड सोसाइटी' रखा गया है। इस थीम का उद्देश्य न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य का बल्कि सामाजिक सद्भाव और समुदाय कल्याण का भी प्रचार-प्रसार करना है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की स्थापना 2014 में हुई थी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में इसका प्रस्ताव पेश किया था। यह प्रस्ताव तेजी से स्वीकृत हुआ और 11 दिसंबर 2014 को सराहना के साथ इसे आधिकारिक रूप से अपनाया गया। पहली बार इस दिवस को 21 जून 2015 को मनाया गया था। इस दिन को विशेष रूप से चुना गया क्योंकि यह ग्रीष्म संक्रांति का दिन है, जो प्रकाश और कल्याण का प्रतीक है।
योग का महत्व अत्यधिक व्यापक है। यह शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारता है, मानसिक स्पष्टता प्रदान करता है और तनाव को कम करने में सहायक होता है। योग एक पूर्ण और समग्र दृष्टिकोण देता है जो न केवल शारीरिक अभ्यास बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन को भी बढ़ावा देता है। लोग इसे नियमित अपनाकर अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं।
योग ने सांस्कृतिक और भौगोलिक सीमाओं को तोड़ा है और हमें एक वैश्विक समाज के रूप में एकसाथ लाया है। यह समुदाय और समाज के विभिन्न वर्गों को एक साथ जोड़ता है, जिससे समग्र कल्याण को बढ़ावा मिलता है। इसके माध्यम से हम न केवल व्यक्तिगत सुधार की दिशा में बल्कि सामूहिक सुधार की दिशा में भी कदम उठा सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर लोगों से योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आग्रह किया है। उन्होंने इसे एक ऐसा साधन बताया है जिससे हम स्वस्थ जीवनशैली को अपना सकते हैं और लम्बे समय तक स्वस्थ रह सकते हैं। यह व्यक्तिगत और सामूहिक कल्याण का एक महत्वपूर्ण साधन है।
इस वर्ष की थीम 'योग फॉर सेल्फ एंड सोसाइटी' पर जोर दिया गया है। इसका उद्देश्य यह है कि सिर्फ स्वयं के लिए योग का अभ्यास न करते हुए, समाज में भी इसकी महत्ता को बढ़ावा दें। यह थीम इस विचार को पुष्ट करती है कि एक स्वस्थ व्यक्ति ही स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है और समाज की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
योग दिवस अब एक वैश्विक पर्व बन गया है जिसे अलग-अलग देशों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। लाखों लोग इस दिन एकसाथ मिलकर योग का अभ्यास करते हैं, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है बल्कि संस्कृति और विचारों का आदान-प्रदान भी करता है। एक मंच पर कई संस्कृतियों का आना और योग के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ उठाना एक बेहद सराहनीय पहल है।
योग की विभिन्न विधाएं हैं जिनमें पारंपरिक हठयोग, अष्टांग योग, कपालभाति, प्राणायाम और ध्यान शामिल हैं। प्रत्येक विधा का अपना महत्व है और ये सभी मिलकर संपूर्ण योग का निर्माण करती हैं। हठयोग जहां शारीरिक आसनों पर जोर देता है, वहीं ध्यान मानसिक शांति और संतुलन पर केंद्रित होता है। प्राणायाम श्वांस-प्रश्वांस को नियंत्रित करता है और शरीर में ऊर्जा का संचार करता है।
योग के लाभ अनगिनत हैं। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारता है बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी मजबूत बनाता है। योग के नियमित अभ्यास से रक्तचाप नियंत्रण में रहता है, हृदय रोगों का जोखिम कम होता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी योग एक वरदान है, जो उत्तेजना, तनाव और अवसाद को दूर करता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक ऐसा अवसर है जिसमें हम एकजुट होकर योग के महत्व को समझ सकते हैं और इसे अपने जीवन का हिस्सा बना सकते हैं। यह न केवल एक दिन का उत्सव है बल्कि एक नई जीवनशैली अपनाने का संकल्प है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पहल हमें एक स्वस्थ और समृद्ध भविष्य की ओर प्रेरित करती है, जिसमें हम सभी खुशहाल और संतुलित जीवन जी सकते हैं।