केरला ब्लास्टर्स बनाम ओडिशा FC: घरेलू मैदान पर जीत का भरोसा, इश्फाक अहमद ने फैंस की ताकत को सराहा

केरला ब्लास्टर्स बनाम ओडिशा FC: घरेलू मैदान पर जीत का भरोसा, इश्फाक अहमद ने फैंस की ताकत को सराहा
Shubhi Bajoria 21 अप्रैल 2025 6 टिप्पणि

केरला ब्लास्टर्स की रणनीति और घरेलू बढ़त

केरला ब्लास्टर्स इन दिनों इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में उन टीमों में गिनी जा रही है जिसने अपने प्रदर्शन से सबका ध्यान खींचा है। टीम के सहायक कोच इश्फाक अहमद प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ-साफ बोले—'घरेलू मैदान पर फैंस का साथ सबसे बड़ा हथियार है।' ओडिशा एफसी के खिलाफ अहम मुकाबले में दोनों टीमें अंक तालिका में बराबरी पर थीं, ऐसे में घरेलू मैदान की बढ़त कमाल कर सकती है।

जब इश्फाक से टीम की तैयारियों पर सवाल किया गया तो उनका रवैया पूरी तरह आत्मविश्वासी रहा। 'ओडिशा एफसी अच्छी टीम है, लेकिन हमने अपनी रणनीतियां उनके खिलाफ खास तौर पर तैयार की हैं।' इश्फाक के मुताबिक टीम ने पिछले मुकाबलों में दिखाई लय और अविजित रहने का जज्बा बरकरार रखा है।

पिछले मैच, फॉर्म और फैंस की अहमियत

केरला ब्लास्टर्स ने एक वक्त लगातार पांच मैचों में जीत दर्ज की थी, लेकिन चेन्नईयन एफसी के खिलाफ पिछला मैच बराबरी पर रहा। इश्फाक इस नतीजे को ज्यादा बड़ा झटका नहीं मानते। 'चेन्नई में ड्रा करना आसान नहीं था। बाहर के मैदान पर मुश्किल मुकाबले में एक अंक लेना भी पॉजिटिव है,' उन्होंने यह भी बताया कि टीम की छह मैचों से अविजित रहने की लय पर पूरी नजर है।

टीम के ट्रेनिंग सेशन और मैदान पर खिलाड़ियों की ऊर्जा फैंस को उम्मीद से भर रहे हैं। खुद इश्फाक मानते हैं कि घरेलू दर्शकों के शोर, जोश और समर्थन का असर सीधा खिलाड़ियों के गियर पर पड़ता है। 'हम जब मैदान पर उतरते हैं तो स्टेडियम की गूंज हमें नई ऊर्जा देती है,' उन्होंने कहा।

  • ओडिशा एफसी के खिलाफ मुकाबला 'करो या मरो' जैसा है—क्योंकि अंक तालिका में बराबरी है।
  • पिछला ड्रा नुकसान नहीं, बल्कि बाहर घर से पॉजिटिव लेयर था।
  • टीम की नजर है—लगातार अविजित रहने की लय को बरकरार रखना।
  • होम ग्राउंड पर फैंस की मौजूदगी सबसे बड़ी ताकत है।

आज केरला ब्लास्टर्स और ओडिशा एफसी के बीच जब भी सीटी बजेगी, सारे फोकस का केंद्र सिर्फ एक सवाल पर रहेगा—क्या घरेलू मैदान की बढ़त और फैंस का फायर केरला ब्लास्टर्स को अगले पड़ाव तक पहुँचाएगा?

6 टिप्पणि
Gaurav Verma अप्रैल 23 2025

ये फैंस का जोश? अरे भाई, ये सब बस एक धोखा है। जब टीम हारेगी, तो फिर कौन जिम्मेदार होगा? फैंस? नहीं, बस कोच को बर्खास्त कर देना होगा।

Fatima Al-habibi अप्रैल 24 2025

इश्फाक अहमद का बयान बहुत संयमित और विचारशील था। उन्होंने अपनी भाषा में बहुत सावधानी से टीम की स्थिति को समझाया है। यही तो असली नेतृत्व है।

Nisha gupta अप्रैल 26 2025

हम जब घरेलू फैंस को बल के रूप में देखते हैं, तो हम खिलाड़ियों की जिम्मेदारी छुपा रहे हैं। ये जोश तो हर जगह होता है, लेकिन जीत का जिम्मा तो प्लेयर्स का होता है। अगर आप फैंस के शोर से जीत नहीं ला सकते, तो आपका खेल अधूरा है।

Roshni Angom अप्रैल 26 2025

मैं बस यही कहना चाहती हूँ... जब आप घर पर होते हैं, तो हर चीज़ थोड़ी अलग लगती है... जैसे हवा, जैसे रोशनी, जैसे दिल की धड़कन... और जब आप इस तरह के मैच में खेलते हैं, तो ये अलगपन आपको जीत दिला देता है... बस इतना ही...

vicky palani अप्रैल 27 2025

इश्फाक बस बातें कर रहे हैं। आपको पता है क्या असली समस्या है? बैकलाइन में दो बच्चे हैं जो बैकपैस नहीं बना पा रहे। और आप फैंस की बात कर रहे हैं? बेवकूफी है।

jijo joseph अप्रैल 29 2025

घरेलू फैंस का एनर्जी फीडबैक लूप एक स्ट्रैटेजिक एडवांटेज है-इसका इम्पैक्ट ऑपरेशनल रिस्पॉन्स टाइम पर डायरेक्टली इन्फ्लूएंस करता है। डेटा से पता चलता है कि घरेलू मैचों में पॉजिटिव वॉल्यूम लेवल बढ़ने से टीम की टेंशन लेवल 22% डिक्रीज होता है।

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