Ryan Rickelton के दो लगातार छक्के: IPL 2025 में वानखेड़े पर MI-DC मुकाबले की तस्वीर बदली

Ryan Rickelton के दो लगातार छक्के: IPL 2025 में वानखेड़े पर MI-DC मुकाबले की तस्वीर बदली
Shubhi Bajoria 7 सितंबर 2025 6 टिप्पणि

दो गेंदें, दो छक्के—और वानखेड़े में मैच की रफ्तार बदल गई। IPL 2025 की प्लेऑफ रेस अपने चरम पर है और ऐसे दबाव के पल में ओपनर Ryan Rickelton ने Dushmantha Chameera के खिलाफ जिस तरह शुरुआत की, उसने मुंबई इंडियंस की पारी को वो तेज शुरुआत दी जिसकी उन्हें उम्मीद थी। यह वही मैच था जिसमें जीत के साथ मुंबई को सीधे प्लेऑफ का टिकट मिल सकता था, जबकि दिल्ली कैपिटल्स के लिए यह हार लगभग बाहर का रास्ता दिखा सकती थी।

वानखेड़े की शाम: दो गेंद, दो छक्के

दूसरा ओवर, नई गेंद, और पावरप्ले की सख्त फील्डिंग पाबंदियां—चमीरा ने तीसरी गेंद फुलर डालने की कोशिश की, लेकिन रिकेटन ने बिना किसी एक्स्ट्रा मूवमेंट के बैलेंस पकड़ा और सीधा सिर के ऊपर से गेंद को स्टैंड्स में पहुंचा दिया। अगली ही गेंद पर श्रीलंकाई पेसर ने लेंथ खींची, ऑफ-स्टंप के बाहर रखा, उम्मीद थी कि लंबा शॉट मुश्किल होगा। रिकेटन ने लाइन में आकर लॉन्ग-ऑफ के ऊपर से क्लीन हिट लगाया—लगातार दूसरा सिक्स।

उस ओवर से 15 रन निकले और दिल्ली को जल्दी ही अहसास हो गया कि पावरप्ले में गलती की गुंजाइश नहीं है। रिकेटन ने 18 गेंदों पर 25 रन बनाकर अपना रोल निभाया—तेज शुरुआत, स्ट्राइक रेट ऊंचा, और ड्रेसिंग रूम को वह राहत कि शुरुआती झटका नहीं लगे। पारी चाहे जितनी लंबी हो, T20 में ऐसे छोटे-छोटे स्पर्ट्स ही बड़ा फर्क लाते हैं।

तकनीकी तौर पर रिकेटन की खासियत साफ दिखी—फुलर लेंथ पर सीधा बैट-प्रेजेंटेशन और हेड पोजिशन स्थिर। बाहर जाती गेंद पर उन्होंने बैट का फेस खुला रखा लेकिन पूरी बॉडी वेट ट्रांसफर से शॉट को ऊंचाई और दूरी दी। चमीरा जैसे हाई-pace गेंदबाज के खिलाफ यह तभी संभव है जब आप रिलीज पॉइंट जल्दी पढ़ लें और लाइन से बाहर गिरती गेंद के ऊपर क्लीन एंगल बना लें।

इस मिनी-फेज का असर फील्डिंग सेट-अप पर भी दिखा। मिड-ऑफ पीछे गया, लंबी बाउंड्री की सुरक्षा बढ़ी और इनर-रिंग में गैप्स खुले। पावरप्ले में यही माइक्रो-एडजस्टमेंट बाद की गेंदों को बाउंड्री खोजने लायक बना देते हैं—भले अगला ओवर कोई और डाल रहा हो।

मंच भी वानखेड़े का था—फ्लैट डेक, तेज आउटफील्ड और शाम ढलते-ढलते गेंदबाजों के लिए पकड़ चुनौती। टॉस पर दिल्ली के स्टैंड-इन कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने फील्डिंग चुनी—ऐसे कंडीशंस में स्कोर चेस करना अक्सर लॉजिकल लगता है। लेकिन तभी तो शुरुआत का हर ओवर मायने रखता है; शुरुआती छह ओवर में 35-45 से ऊपर निकलते ही गेंदबाजों पर दबाव दोगुना हो जाता है।

प्लेऑफ की जंग और रणनीति

तालिका की तस्वीर सचमुच तंग थी—गुजरात टाइटन्स, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और पंजाब किंग्स पहले ही टॉप-4 में जगह बना चुके थे। बचे एक स्लॉट के लिए मुंबई 14 अंकों के साथ चौथे पायदान पर, और दिल्ली 13 अंकों के साथ ठीक पीछे। मुंबई के लिए समीकरण सरल: यह मैच जीतो और चौथी टीम बनो। दिल्ली के लिए राह मुश्किल: मुंबई को हराओ और फिर पंजाब किंग्स के खिलाफ भी जीत लाओ, तभी उम्मीद जिंदा रहेगी—वो भी इस शर्त पर कि नेट रन रेट की गणित मुस्कुराए।

दिल्ली की कप्तानी इस मैच में फाफ डु प्लेसिस के पास रही क्योंकि नियमित कप्तान अक्षर पटेल तबीयत के कारण बाहर थे। फाफ की सोच साफ थी—नमी का फायदा, चेस की सुरक्षा और शुरुआती विकेटों से दबाव। इसलिए चमीरा से आक्रामक शुरुआत करवाई गई। लेकिन जैसे ही रिकेटन ने बैक-टू-बैक छक्के जड़े, फील्डिंग प्लान में बदलाव लाना पड़ा—हार्ड लेंथ और ऑफ-चैनल के साथ फील्ड पीछे खिसकी, और स्ट्राइक रोटेशन आसान हो गया।

मुंबई की प्लानिंग भी सटीक लगी—लेफ्ट-हैंड ओपनर को शुरुआती ओवर में फुलर लेंथ के खिलाफ डाउन द ग्राउंड हिट्स की आजादी, और ऑफ-स्टंप के बाहर गेंद मिलने पर लॉफ्टेड कवर ड्राइव/लॉन्ग-ऑफ को टारगेट करना। पावरप्ले में यही परफेक्ट टेम्पलेट है: रिस्क-रिवॉर्ड संतुलित रखो, लेकिन ढीली गेंद को बख्शो मत। रिकेटन ने यही किया—और 18 गेंद में 25 रन का कैमियो प्लेटफॉर्म बन गया।

चमीरा का एंगल लेफ्ट-हैंडर्स के खिलाफ स्वाभाविक तौर पर बाहर जाता है, जो लॉफ्टेड शॉट में मिस-हिट की संभावना बढ़ाता है। लेकिन रिकेटन ने फ्रंट-फुट के साथ क्रीज का इस्तेमाल किया—लाइन के करीब आकर, गेंद को अपने आर्क में लाया और हवा में खींचने की बजाय बैट-फेस के साथ क्लीन कनेक्शन पर भरोसा किया। नतीजा—लॉन्ग-ऑफ के ऊपर से सुरक्षित, हाई-परसेंटेज हिट।

यहां से मैच की मैथमेटिक्स बदलती है। शुरुआती 2-3 ओवर में अगर गेंदबाज पर दबाव बन जाए, तो मिड-ओवर्स में फील्ड फैलती है और एक-एक सिंगल मिलाना आसान होता है। वहीं गेंदबाज तब वैरिएशन—स्लोअर वन, ऑफ-कटर, शॉर्ट बॉल—पर ज्यादा निर्भर होने लगता है, जिससे बाउंड्री-बॉल की प्रतीक्षा करना बल्लेबाज के लिए आसान हो जाता है।

  • टॉस: दिल्ली ने फील्डिंग चुनी—चेस की रणनीति और शाम की नमी को ध्यान में रखते हुए।
  • हाइलाइट: दूसरे ओवर में रिकेटन के लगातार दो छक्के, चमीरा के ओवर से 15 रन।
  • इम्पैक्ट: रिकेटन 18 गेंद पर 25—तेज शुरुआत, मुंबई को शुरुआती बढ़त।

भीड़ की ऊर्जा भी इस मैदान में कहानी लिखती है। वानखेड़े का शोर हर बाउंड्री के बाद बढ़ता जाता है, और गेंदबाज के रन-अप से ठीक पहले आने वाली वह अतिरिक्त आवाज कई बार लंबाई-लाइन पर असर डालती है। रिकेटन के दो शॉट्स ने वही चिंगारी जलाई—ड्रैसिंग रूम रिलैक्स हुआ और डगआउट में प्लान बी की जगह प्लान A पर टिके रहने का आत्मविश्वास बढ़ा।

अब दोनों टीमों के लिए यहां से खेल फाइन-ट्यूनिंग का है। दिल्ली को बीच के ओवरों में गति बदलनी होगी—कटर, बैक-ऑफ-द-हैंड स्लोअर और शॉर्ट बॉल्स से बल्लेबाजों के टेम्पो को तोड़ना होगा। एक-दो कड़े ओवर और नई गेंद से हुए नुकसान की भरपाई संभव है। मुंबई के लिए काम उतना ही साफ है—प्लेटफॉर्म को कैश करो, 10 से 15वें ओवर के बीच गलती न करो, और डेथ ओवर्स में 2 बड़े ओवर निकालो। प्लेऑफ की दौड़ में यही बारीकियां फासला बनाती हैं।

तालिका के हिसाब से यह सिर्फ एक लीग मैच नहीं—यह नॉकआउट जैसा है। मुंबई की जीत उन्हें सीधे चौथी टीम बना देती, और दिल्ली की हार उन्हें बाहर की तरफ धकेलती। दिल्ली के लिए दो मैच, दो जीत और नेट रन रेट—यही फॉर्मूला बचा था। ऐसे में रिकेटन के दो छक्के महज दो शॉट्स नहीं, उस दिन की रणनीतिक बढ़त थे, जिन्होंने शुरुआती घंटे में घटनाक्रम की दिशा तय कर दी।

6 टिप्पणि
Gaurav Verma सितंबर 9 2025

ये छक्के नहीं, ये राजनीति है। दिल्ली वालों ने गेंदबाजी बदलने की जगह टीम के अंदर ही षड्यंत्र रच लिया। ये सब टीम मैनेजमेंट का फर्ज़ी नेट रन रेट वाला खेल है।

Fatima Al-habibi सितंबर 11 2025

रिकेटन की तकनीक असली थी। लेकिन यह भी सच है कि चमीरा की गेंदें थोड़ी बेकार थीं। शायद वो भी जानते थे कि इस मैच का नतीजा पहले से तय है।

Nisha gupta सितंबर 12 2025

इस मैच के बाद ये सवाल उठता है-क्या टी20 में शुरुआती ओवरों का असर इतना बड़ा हो सकता है कि पूरी टूर्नामेंट की दिशा बदल जाए? ये सिर्फ बल्लेबाजी का जादू नहीं, ये एक नए युग की शुरुआत है। जहां एक ओवर में बदलाव आ सकता है, और जहां एक बल्लेबाज का दो गेंदों का प्रदर्शन टीम की भाग्य रेखा को खींच सकता है।


हम सब इसे एक शॉट के रूप में देखते हैं, लेकिन वास्तव में ये एक संस्कृति का उदय है-जहां रिस्क लेना अभी भी जीत की एकमात्र राह है।

Roshni Angom सितंबर 13 2025

रिकेटन ने जो किया वो बस एक बल्लेबाज का काम था… लेकिन उसके बाद जो हुआ, वो टीम का जीवन बदल गया… और शायद ये तो बस शुरुआत है…

vicky palani सितंबर 14 2025

ये सब बकवास है। रिकेटन ने बस दो गेंदों पर भाग्य चलाया। दिल्ली की टीम बिल्कुल निष्क्रिय थी, कप्तान फाफ भी नहीं जागा। ये मैच तो जीतने के लिए नहीं, बल्कि हारने के लिए खेला गया था। अक्षर पटेल की जगह फाफ क्यों? ये फैसला ही टीम को बर्बाद कर रहा है।

jijo joseph सितंबर 16 2025

लॉन्ग-ऑफ के ऊपर का क्लीन हिट, फ्रंट-फुट का प्रोपर ट्रांसफर, और फुलर लेंथ पर बैट-फेस का ओपनिंग-ये सब एक्सप्लोइटेड एंगल्स का परफेक्ट एक्जीक्यूशन था। डेटा के हिसाब से, ऐसे शॉट्स की सफलता रेट इस लेवल पर 12% से ऊपर नहीं जाता। रिकेटन ने इसे 100% बना दिया।


फील्डिंग एडजस्टमेंट्स भी एक्सपोनेंशियलली डिस्टॉर्ट हो गए। मिड-ऑफ पीछे की रणनीति ने लॉन्ग-ऑफ को बाउंड्री बना दिया। इसका इको-इफेक्ट अगले 3 ओवर्स में भी दिखा।

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