अमित मिश्रा का चयन संघर्ष: एमएस धोनी और विराट कोहली के समय की चुनौतियां

अमित मिश्रा का चयन संघर्ष: एमएस धोनी और विराट कोहली के समय की चुनौतियां
Shubhi Bajoria 17 जुलाई 2024 10 टिप्पणि

अमित मिश्रा का चयन संघर्ष: एमएस धोनी और विराट कोहली के समय की चुनौतियां

भारतीय क्रिकेट में अमित मिश्रा का नाम उन खिलाड़ियों में शामिल है, जिन्होंने अपनी स्पिन गेंदबाजी से कई मैचों का रुख मोड़ दिया। लेकिन, उनके करियर का सबसे कठिन दौर तब आया जब उन्हें टीम में चयन के लिए संघर्ष करना पड़ा। हाल ही में, मिश्रा ने अपने क्रिकेट करियर के चुनौतियों पर खुलकर बात की, विशेष रूप से एमएस धोनी और विराट कोहली की कप्तानी वाले युग में।

धोनी की कप्तानी में चुनौतियां

अमित मिश्रा ने बताया कि एमएस धोनी की कप्तानी के दौरान, उन्हें कुछ ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, जो उनके लिए बेहद कठिन थीं। मिश्रा ने कहा कि अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद, उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। उन्होंने ज़िक्र किया कि कई बार बिना किसी कारण बताये उन्हें 'विश्राम' दिया गया, जबकि उनकी खुद की मंशा खेलना थी। ऐसे में, मिश्रा को लगता था कि यह एक तरह का मानसिक तनाव होता था, जब आपका प्रदर्शन अच्छा हो और फिर भी आप टीम का हिस्सा न बन पाएं।

विराट कोहली के साथ कठिनाइयाँ

विराट कोहली के कप्तानी का समय भी मिश्रा के लिए संघर्षपूर्ण रहा। उन्होंने कहा कि आईपीएल के दौरान उन्होंने कोहली से अपनी भविष्य की योजना के बारे में बात करनी चाही, लेकिन उन्हें स्पष्ट उत्तर नहीं मिल सका। मिश्रा ने कई बार चयन में अनिश्चितताओं का सामना किया, जो उनके मनोबल के लिए दु:खदायी था।

चोटें और अनियमित चयन

मिश्रा का करियर चोटों से भी बाधित रहा है। 2017 में, इंग्लैंड के खिलाफ एक टी20 सीरीज के दौरान उन्हें अपने घुटने में चोट लगी, जिसने उन्हें लंबे समय के लिए बाहर कर दिया। चोटों के चलते उनकी फॉर्म और टीम में जगह को भी नुकसान हुआ। इसके बावजूद, उन्होंने कभी भी आधिकारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा नहीं की है।

मिश्रा का प्रदर्शन

अमित मिश्रा ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 36 वनडे, 22 टेस्ट और 10 टी20 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। इन मैचों में उन्होंने कुल 156 विकेट हासिल किए हैं। उनके इन प्रदर्शनों से यह स्पष्ट होता है कि मिश्रा की गेंदबाजी क्षमता अद्वितीय रही है, लेकिन सिलेक्शन की राजनीति और चोटों ने उनके करियर पर गहरा प्रभाव डाला है।

भावनात्मक संघर्ष

अमित मिश्रा ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि एक खिलाड़ी के लिए सिर्फ अच्छा प्रदर्शन करना ही काफी नहीं होता। टीम में चयन के लिए कप्तान और चयनकर्ताओं का पसंद किया जाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें कई बार यह महसूस कराया गया कि वे टीम की 'संयोजन' में फिट नहीं बैठते। ऐसे में, मिश्रा के लिए यह भावना बेहद कष्टप्रद थी कि उनके निष्पक्ष प्रदर्शन के बावजूद उन्हें अवसरों से वंचित रखा गया।

आगे की राह

हालांकि, मिश्रा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से आधिकारिक संन्यास की घोषणा नहीं कर चुके हैं, लेकिन उनके लिए अब देश की टीम में वापसी की संभावना दिन-ब-दिन कम होती जा रही है। इसके बावजूद, आईपीएल जैसे टूर्नामेंट्स में उनका प्रदर्शन हमेशा उत्कृष्ट रहा है। यह देखना रोचक होगा कि वे आगे किन मौकों का लाभ उठाते हैं और अपने करियर को किस दिशा में ले जाते हैं।

10 टिप्पणि
SRI KANDI जुलाई 18 2024

अमित मिश्रा का करियर देखकर लगता है, कि क्रिकेट में टैलेंट से ज्यादा टीम की राजनीति जीतती है।

Ananth SePi जुलाई 20 2024

अरे भाई, धोनी के जमाने में तो हर कोई अपनी बात रखता था, पर अमित मिश्रा जैसे खिलाड़ी को बार-बार बाहर करना क्या था? उनकी स्पिन की बारिश जब बरसती, तो दुश्मन के बल्लेबाज़ तो बैठ जाते, पर चयन समिति के बैठक कमरे में क्या होता? वो तो एक अलग ही फिल्म है-जहाँ टीम का रंग बदलता है, लेकिन खिलाड़ी का दिल नहीं। कोहली के दौर में भी ऐसा ही चला, लेकिन अब तो लगता है जैसे उनका नाम ही चयन की लिस्ट से धुंधला हो गया है। एक ऐसा खिलाड़ी जिसने 156 विकेट लिए, और फिर भी किसी के दिमाग में नहीं बैठ पाया? ये क्या तरीका है? शायद अब उनका असली करियर IPL में चल रहा है, जहाँ बल्लेबाज़ भी उनकी गेंद से डरते हैं।

Gayatri Ganoo जुलाई 21 2024

ये सब चयन की राजनीति है भाई साहब, धोनी ने जो चुना वो अपना बनाया था, कोहली ने जो चुना वो अपना बनाया था, मिश्रा तो बस एक टूल था जो कभी चलता था कभी नहीं। ये टीम नहीं बल्कि एक नाटक है।

harshita sondhiya जुलाई 23 2024

ये सब बकवास है! अगर तुम 156 विकेट ले रहे हो तो टीम में बैठो बस! इतनी बड़ी बात है कि चयनकर्ते तुम्हें नहीं देख पा रहे? ये भारतीय क्रिकेट बोर्ड की बेवकूफी है। अमित मिश्रा को अभी भी टीम में डालो, अगर नहीं तो ये बोर्ड ही बंद हो जाए।

Balakrishnan Parasuraman जुलाई 24 2024

अमित मिश्रा के खिलाफ ये सारी आलोचना बेमानी है। भारतीय क्रिकेट टीम के लिए चयन एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसमें टीम के संतुलन को प्राथमिकता दी जाती है। उनकी गेंदबाजी अच्छी थी, लेकिन उनका फॉर्मेट आधुनिक क्रिकेट के अनुकूल नहीं था। इसलिए उनका चयन नहीं हुआ।

Animesh Shukla जुलाई 25 2024

अमित मिश्रा की कहानी सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि उन सभी लोगों की है जिन्हें उनकी क्षमता के बावजूद अवसर नहीं मिले। क्या हम असल में उनकी गेंदबाजी के लिए नहीं चुन रहे, बल्कि उनकी उपस्थिति के लिए? क्या हम अपने टीम के लिए नहीं, बल्कि अपने दिमाग के लिए चयन कर रहे हैं? ये सवाल तो बहुत गहरे हैं। एक खिलाड़ी को बार-बार अनिश्चितता में छोड़ देना, क्या यह खेल का नियम है? या यह हमारी संस्कृति का एक दोष है? मैं सोचता हूँ कि अगर हम इस तरह के खिलाड़ियों को नहीं समझ पाते, तो हमारा क्रिकेट एक टैलेंट के बजाय एक अनुकूलन का खेल बन जाएगा।

Abhrajit Bhattacharjee जुलाई 26 2024

मिश्रा के लिए ये बहुत दर्दनाक रहा होगा। लेकिन उनकी मेहनत और धैर्य की तारीफ करनी चाहिए। उन्होंने कभी हार नहीं मानी, और अभी भी आईपीएल में अच्छा खेल रहे हैं। ये असली हीरो हैं।

Raj Entertainment जुलाई 28 2024

भाई, मिश्रा को अभी भी टीम में डाल दो। अगर आप उनकी गेंद देखोगे, तो समझ जाओगे कि वो एक बार जब चल पड़े तो बल्लेबाज़ तो बैठ जाते हैं। ये टीम में उनकी जगह बनाओ, बस।

Manikandan Selvaraj जुलाई 28 2024

कोहली और धोनी दोनों ने उनका नाम भूल दिया ये बहुत बड़ी गलती है ये भारतीय क्रिकेट का शर्मनाक पल है अगर तुम इसे भूल गए तो मैं तुम्हें याद दिला दूंगा

Naman Khaneja जुलाई 29 2024

बस एक बात कहूँ... मिश्रा जी आपकी मेहनत की तारीफ है! आप अभी भी आईपीएल में जीत रहे हैं, ये ही असली जीत है! ❤️

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