हर साल यूपी बोर्ड के नतीजों में छात्राओं का प्रदर्शन चर्चा में रहता है, लेकिन 2025 के नतीजे तो एक कदम और आगे बढ़ चुके हैं। UP Board 12th Result 2025 जारी होते ही जिले से लेकर शहर तक हर जगह लड़कियों की सफलता ने खासी चर्चा बटोरी। इस साल 12वीं बोर्ड में कुल 25.77 लाख छात्रों ने परीक्षा दी, जिनमें से लड़कियों का पास प्रतिशत जहां 88.42% रहा, वहीं लड़के 77.78% पर ठहरे। यह अंतर 10.64% का है, जो अपने आप में बड़ी बात है। कक्षा 10 के नतीजों में भी यही ट्रेंड कायम दिखा—यहां लड़कियों का पास प्रतिशत 93% और लड़कों का 86% रहा। ओवरऑल पास प्रतिशत 89.78% है। न केवल इस साल, बल्कि पिछले सालों में भी यह ट्रेंड जारी रहा है।
पिछले साल यानी 2024 में 12वीं के नतीजे 82.60% पास प्रतिशत के साथ आए थे। उस वक्त 24.52 लाख बच्चों ने परीक्षा दी थी और 20.26 लाख ने सफलता पाई थी। वहीं 10वीं के नतीजों में 89.55% पास प्रतिशत रहा। इन आंकड़ों से साफ है कि यूपी की छात्राएं लगातार बोर्ड परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं।
अगर टॉपर्स की बात करें तो 2024 में 12वीं के टॉपर शुबहम वर्मा रहे, जिनके 489/500 मार्क्स (97.80%) आए थे। उनके पीछे छह बच्चे 488 नंबर लाए थे—जिनमें विशु चौधरी, काजल सिंह, राज वर्मा, कशिश मौर्या, चार्ली गुप्ता और सुजाता पांडे शामिल हैं। पांच अन्य छात्रों ने 487 मार्क्स हासिल कर अपनी जगह बनाई। हर साल बच्चों की मेहनत के अलावा, यूपी बोर्ड ने मूल्यांकन में पारदर्शिता के लिए उत्तर पुस्तिका जांच में बेहद सख्ती बरती है। शिक्षकों को साफ निर्देश दिए गए थे कि किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो। पूरे उत्तर प्रदेश में हजारों केंद्रों पर लाखों कॉपियों की जांच की गई, और हर जिले में निगरानी के लिए अलग से अधिकारी तैनात रहे। इससे बच्चों की मेहनत को पूरा सम्मान मिला।
रिजल्ट देखने के लिए प्रक्रिया आसान रखी गई है: आपको बस upresults.nic.in पर जाना है, वहां 10वीं या 12वीं का रिजल्ट चुनना है, रोल नंबर डालना है और सबमिट करना है। बस, आपका रिजल्ट स्क्रीन पर आ जाएगा। इसे डाउनलोड करके आप भविष्य के लिए रख सकते हैं।
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में इतने लाख बच्चों का मुख्य परीक्षा परिणाम आना सिर्फ आंकड़ों या टॉपर्स के नामों का मामला नहीं है। यह उन परिवारों की उम्मीदों और बच्चों की मेहनत की असली तस्वीर दिखाता है। खासकर UP Board 12th Result 2025 ने यह भी साफ कर दिया कि लड़कियां आज शिक्षा की रणनीति में मजबूत पकड़ बना रही हैं। स्कूलों, शिक्षकों और परिवारों को अब बच्चों की तैयारी की दिशा और बदलावों को भी समझना होगा।