आंध्र प्रदेश के प्रतिष्ठित शहर विशाखापट्टनम में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) एक नया आईटी सुविधा केंद्र स्थापित करने जा रहा है, जो 10,000 कर्मचारियों को सुविधाजनक आवासीय अवसर प्रदान करेगा। इस निर्णय की घोषणा आंध्र प्रदेश की सरकार के मंत्री नारा लोकेश ने मुंबई में टीसीएस के उच्च प्रबंधन के साथ बैठक के बाद की। यह निर्णय न केवल विशाखापट्टनम को एक फिट टेक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित करने में सहायक साबित होगा बल्कि यहाँ की आर्थिक व्यवस्था में भी नई जान फूंकने का काम करेगा।
जिस गति से ट्रेन की पटरी पर दौड़ने के लिए इंजन की जरूरत होती है, उसी तरह किसी भी राज्य की प्रगति के लिए निवेश की आवश्यकता होती है। विशाखापट्टनम में नए टेक सेंटर का निर्माण एक ऐसा इंजन साबित होगा जो राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देगा और युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगा। यह कदम आंध्र प्रदेश को भारत का सबसे बिजनेस फ्रेंडली राज्य बनाने में मदद करेगा, और इसके लिए सरकार का 'स्पीड ऑफ डूइंग बिजनेस' का नारा साकार होता दिखाई देगा।
राज्य के सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इस परियोजना का उद्देश्य आर्थिक प्रगति के लिए सहायक माहौल तैयार करना है। न केवल टीसीएस बल्कि अन्य कंपनियाँ जैसे एचसीएल टेक्नोलॉजीज, लुलु ग्रुप, ब्रुकफ़ील्ड, ओबेरोई, और सुजलॉन एनर्जी भी इस दिशा में कदम उठा रही हैं। आंध्र प्रदेश सरकार न केवल निवेश के लिए बल्कि योजना और क्रियान्वयन के लिए भी प्रतिबद्ध है।
टीसीएस का यह कदम विशाखापट्टनम को एक हाई-टेक हब में बदलने की दिशा में बड़ा योगदान देगा। कार्यरत युवाओं और व्यवसायों को प्रशस्ति प्रदान करने के लिए, विश्वस्तरीय तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध होगा। इस पहल का दीर्घकालिक उद्देश्य स्थानीय श्रमिक शक्ति को प्रशिक्षित करना और उन्हें उच्चतम मानकों के अनुसार कार्य करने की सुविधा देना है।
यह नया आईटी सेंटर 10,000 नौकरियों का अवसर प्रदान करेगा, जो आंध्र प्रदेश के युवाओं के लिए वाकई एक बड़ी उपलब्धि और प्रेरणा स्रोत बनेगा। इस परियोजना की वजह से क्षेत्र में छोटे और माध्यमिक व्यवसायों में भी वृद्धि की संभावना बढ़ेगी। स्थानीय कार्यकर्ताओं को भी प्रशिक्षण और रोजगार का सुनहरा मौका मिलेगा।