केरल: 14 वर्षीय बालक की निपाह वायरस से मौत, स्वास्थ्य विभाग हुआ सतर्क
Shubhi Bajoria 22 जुलाई 2024 0 टिप्पणि

केरल में 14 वर्षीय बालक की निपाह वायरस से दर्दनाक मौत

केरल के मलप्पुरम जिले में एक 14 वर्षीय बालक की निपाह वायरस पॉज़िटिव पाए जाने के एक दिन बाद ही मौत हो गई। रविवार, 21 जुलाई, 2024 को बालक का निधन हुआ। बालक को गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती किया गया था और उसकी हालत गंभीर थी। उसने सुबह 10:50 बजे कार्डियक अरेस्ट का सामना किया और इसके बाद 11:30 बजे का निधन हो गया, बावजूद इसके कि डॉक्टरों ने उसे पुनः जीवित करने के सभी प्रयास किए।

बालक को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था और उसकी मूत्र उत्पादन क्षमता में भी कमी आई थी, जिसे देखते हुए उसकी हालत पहले से ही नाजुक थी। इस घटना की पुष्टि केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने की। मंत्री ने यह भी बताया कि बालक के अंतिम संस्कार स्वास्थ्य आचार नियमों के तहत किए जाएंगे।

निपाह संक्रमण का डर और एहतियाती कदम

निपाह संक्रमण का डर और एहतियाती कदम

मलप्पुरम के इस बालक के अलावा, चार अन्य लोगों को 'उच्च जोखिम श्रेणी' में रखा गया था और उनका परीक्षण किया जा रहा था। ये सभी अब मंजीरी मेडिकल कॉलेज में इलाजरत हैं। इसके साथ ही केरल स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थानीय निवासियों और अस्पतालों के पास के लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है, जिसमें लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने और अस्पतालों में मरीजों से मुलाकात करने से बचने की सलाह दी गई है।

मंत्रालय ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे आधे खाए हुए फल, पक्षियों या जानवरों द्वारा काटे गए फल, और खुले बर्तनों में संग्रहीत पेयजल का सेवन न करें। यह उपाय विशेष रूप से इस रोग के प्रसार को रोकने के लिए उठाए गए हैं।

निपाह वायरस का इतिहास और रोग का प्रकोप

निपाह वायरस का इतिहास और रोग का प्रकोप

केरल में निपाह वायरस का यह पहला मामला नहीं है। 2018, 2021 और 2023 में कोझिकोड जिले में और 2019 में एर्नाकुलम जिले में भी निपाह के कई मामलों की पुष्टि की गई थी। निपाह वायरस एक खतरनाक वायरल संक्रमण है, जो फलों के चमगादड़ से मनुष्यों में फैलता है और त्वरित पहचान और इलाज न होने पर मृत्यु तक का कारण बन सकता है।

पिछले घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने इस प्रकार के किसी भी संक्रमण को रोकने के लिए विशेष कार्य योजना तैयार की है। यह कार्य योजना न केवल त्वरित पहचान और इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करती है, बल्कि लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित करती है।

निपाह वायरस के कारण उत्पन्न होने वाले गंभीर खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने सभी चिकित्सा संस्थानों और जमीनी कर्मियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। इस वायरस के फैलाव को रोकने के लिए सफाई व्यवस्था, क्वारंटाइन प्रक्रियाएं और परीक्षणों की संख्या बढ़ाई जा रही है।

शहर वासियों को भी सलाह दी गई है कि वे अत्यधिक सतर्कता बरतें और सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। मास्क पहनना, हाथों को बार-बार धोना और सामाजिक दूरी बनाना बुनियादी सुरक्षा उपाय हैं, जिन्हें पालन करना आवश्यक है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की भावी योजना

स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि निपाह वायरस की रोकथाम के लिए विशेष टीम गठित की जाएगी जो प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई करेगी। इस टीम में विशेषज्ञ डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मी शामिल होंगे जो मरीजों की देखभाल और संक्रमण की रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

साथ ही, राज्य सरकार ने भी कहा है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए लंबे समय के उपाय किए जाएंगे। इन उपायों में जमीनी निगरानी, व्यापक जनजागरण अभियान और उच्च परीक्षण और इलाज की सुविधाएं मिलाना शामिल होगा।

वर्ष जिला निपाह वायरस के मामले
2018 कोझीकोड 23
2019 एर्नाकुलम 1
2021 कोझीकोड 18
2023 कोझीकोड 6