केरल में घातक 'दिमाग खाने वाला' अमीबा: 14 वर्षीय लड़के की तीसरी मौत, दो महीनों में तीन मरीज़

केरल में घातक 'दिमाग खाने वाला' अमीबा: 14 वर्षीय लड़के की तीसरी मौत, दो महीनों में तीन मरीज़
Shubhi Bajoria 5 जुलाई 2024 9 टिप्पणि

केरल में घातक 'दिमाग खाने वाला' अमीबा: 14 वर्षीय लड़के की तीसरी मौत

केरल में एक और दुःखद घटना सामने आई है जहाँ कोझिकोड जिले में 14 वर्षीय मृदुल की दुर्लभ 'दिमाग खाने वाले' अमीबा, नेगलेरिया फाउलेरी के संक्रमण के कारण मृत्यु हो गई है। यह घटना पिछले दो महीनों में इस प्रकार की तीसरी मौत है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि मृदुल को बुधवार रात करीब 11:20 बजे मौत ने अपने घेरे में लिया। यह मामला तब सामने आया जब मृदुल ने तालाब में नहाने के बाद उलटी और सिरदर्द की शिकायत की।

संक्रमण का कारण और लक्षण

यह संक्रमण अमूमन तब होता है जब संक्रमित पानी से यह अमीबा नाक के माध्यम से मानव शरीर में प्रवेश करता है और मस्तिष्क तक पहुँचता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह अमीबा स्वतंत्र रूप से जीवन जीने वाला, परजीवी नहीं है। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, उलटी और दौरे शामिल हैं। बाद के चरणों में यह गंभीर लक्षण जैसे कड़ापन गर्दन में, भ्रम, संतुलन खोना, और मतिभ्रम उत्पन्न कर सकता है।

दो महीनों में तीन मौतें

यह अनोखा मामला पिछले दो महीनों की तीसरी घटना है, जिसमें केरल की मल्लपुरम में एक पांच वर्षीय लड़की और कन्नूर में एक तेरह वर्षीय लड़की की ऐसे ही संक्रमण से मृत्यु हो चुकी है। मल्लपुरम में यह घटना 21 मई को और कन्नूर में 25 जून को दर्ज की गई थी। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि यह संक्रमण अत्यंत घातक है और इसमें जान बचने की संभावनाएँ बहुत कम हैं।

स्वास्थ्य विभाग की सलाह

स्वास्थ्य विभाग ने इस प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए सतर्कता बरतने की सलाह दी है। विशेष रूप से तालाब या अन्य किसी सार्वजनिक जलाशय में नहाने के दौरान सतर्क रहना चाहिए। कोझिकोड के तालाब में नहाने वाले अन्य लोगों को भी सलाह दी जा रही है कि वे किसी भी असामान्य स्वास्थ्य लक्षण को हल्के में न लें और तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

पुनः सुरक्षा व्यवस्था

स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि इस प्रकार के संक्रमण के मामले पहले भी हो चुके हैं। 2017 और 2023 में तटीय अलप्पुझा जिले में भी इस संक्रमण के मामले दर्ज हुए थे। विशेषज्ञों के अनुसार, यह संक्रमण अत्यंत गंभीर है और इसमें मृत्यु दर लगभग 100% है। इसलिए, किसी भी संक्रमित पानी में नहाने से बचना ही सबसे महत्वपूर्ण है।

केरल के अन्य जिलों में भी स्वास्थ्य तथा नागरिक सुरक्षा विभाग को सतर्क कर दिया गया है। तालाबों तथा नदियों में नहाने के बारे में विशेष निर्देश जारी किए गए हैं ताकि लोगों को इस खतरनाक संक्रमण से बचाया जा सके।

इस प्रकार की घटना न केवल चारों तरफ चिंता का विषय बनी हुई है बल्कि यह स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए भी चुनौती बन गई है। उचित उपाय और जागरूकता के माध्यम से ही इस संक्रमण से बचा जा सकता है और लोगों की जान बचाई जा सकती है।

9 टिप्पणि
Anjali Akolkar जुलाई 6 2024

ये बात सच में दिल तोड़ देती है 😔 हमें बस इतना करना है कि बच्चों को तालाबों में नहाने से रोकें और जागरूकता बढ़ाएं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जो सलाह दी जा रही है वो बहुत जरूरी है।

sagar patare जुलाई 6 2024

अरे भाई ये सब बकवास है ये अमीबा कहाँ से आया अच्छा से तालाब बनाओ ना वरना हर साल एक बच्चा मरेगा तो क्या हुआ अभी तो जिंदगी भी नहीं बची लोगों की

srinivas Muchkoor जुलाई 6 2024

ye negleria kaam nahi karta kya ye toh bas ek myth hai jaise ki 5g se cancer hota hai.. sab kuch government ki galti hai unhone hi sabko darraya hai

Shivakumar Lakshminarayana जुलाई 8 2024

ये सब एक बड़ी साजिश है। अमीबा का नाम तो लगता है बस एक डरावना शब्द है। असल में ये सब जल निगम और विदेशी कंपनियों की चाल है जो लोगों को डराकर पानी के बिजली के बिल बढ़ा रही हैं। कोई रिपोर्ट नहीं है कि ये अमीबा असल में मस्तिष्क में घुसता है। बस डर फैलाने के लिए नाम बनाया गया है।

Parmar Nilesh जुलाई 9 2024

हमारे देश में इतनी बड़ी जागरूकता नहीं है। हम तो अपने आप को बड़ा समझते हैं लेकिन बच्चों को तालाब में नहाने देते हैं। अगर हम अपने बच्चों की जान बचाना चाहते हैं तो पहले अपने घर की सफाई से शुरू करें। ये सब विदेशी दवाओं का बिजनेस है।

Arman Ebrahimpour जुलाई 9 2024

क्या आप जानते हैं कि ये अमीबा को अमेरिका ने बनाया है ताकि हमारे बच्चे मरें और हमारी जनसंख्या कम हो जाए... ये सब जानबूझकर किया जा रहा है... और अभी तक किसी ने इसका पता नहीं लगाया... अभी तक किसी ने इसे रोका नहीं... बस लोगों को डरा रहे हैं...

SRI KANDI जुलाई 10 2024

मुझे लगता है कि हमें बस इतना करना चाहिए कि बच्चों को तालाब में नहाने से रोकें... और अगर नहाना ही है तो अच्छी तरह से धो लें... बस इतना ही... बहुत ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है... लेकिन सावधान तो रहना चाहिए...

Ananth SePi जुलाई 11 2024

देखिए ये अमीबा तो सैकड़ों सालों से भारत के तालाबों में रहता आया है, लेकिन अभी तक इतने लोगों को इसका अहसास नहीं हुआ। अब जब डॉक्टरों के पास बेहतर टेस्ट हैं तो इसके मामले सामने आ रहे हैं। ये कोई नया खतरा नहीं है, बस हमारी जागरूकता बढ़ रही है। अगर हम अपने नदी-तालाब के पानी की गुणवत्ता का ख्याल रखें, तो इस तरह के घटनाक्रम खत्म हो जाएंगे। ये सिर्फ एक अमीबा नहीं, ये तो हमारी सामाजिक लापरवाही का परिणाम है।

Gayatri Ganoo जुलाई 13 2024

ये सब बकवास है इस अमीबा का कोई सबूत नहीं है ये सब डराने के लिए बनाया गया है जिससे लोग डॉक्टर के पास जाएं और दवाएं खरीदें

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