जब भी कोई बड़ा धनराशि सही तरीके से नहीं चलती तो उसे वित्तीय अनियमितता कहते हैं। ये अक्सर सरकारी बजट, निजी कंपनियों या शेयर बाजार में दिखते हैं। अगर आप समझेंगे कि ये कैसे होती है, तो अपने पैसे को सुरक्षित रख सकते हैं।
सबसे पहले देखें कि सबसे ज्यादा कौन‑सी गड़बड़ी होती है। बजट में असमानता यानी सरकारी योजना के लिए तय रकम का कुछ हिस्सा अलग काम में लग जाना। आर्थिक धोखाधड़ी जैसे फर्जी निवेश स्कीम, जिसमें लोग अपनी बचत को झूठे प्रॉफ़िट दिखा कर ले लेते हैं। फिर insider trading, जहाँ अंदरूनी लोग स्टॉक की कीमतों को अपने फायदे के लिये बदलते हैं। इन सब का असर आम आदमी तक पहुँचता है – महँगी वस्तुएं, कम नौकरी और बचत में नुकसान.
पहचान आसान है अगर आप नियमित रूप से खबरों को पढ़ते हों और वित्तीय रिपोर्ट्स पर नज़र रखें। सरकारी बजट की मुख्य बातें अक्सर मीडिया में आती हैं, तो उन पर ध्यान दें। किसी भी निवेश के प्रस्ताव को तुरंत नहीं मानें; कंपनी का पंजीकरण, पिछले रिकॉर्ड और रिटर्न दर जांचें। अगर ऑफर बहुत ज़्यादा अच्छा लगता है, तो एक बार दोबारा सोचें – आमतौर पर धोखा वही होता है जो असामान्य रूप से आकर्षक दिखता है.
रोकथाम के लिए कुछ साधारण कदम मददगार होते हैं। अपना पैसा कई जगह नहीं रखें, यानी पोर्टफ़ोलियो में विविधता लाएँ। बैंक और वित्तीय संस्थानों की भरोसेमंद रेटिंग देखें। यदि कोई सरकारी योजना में हिस्सा ले रहे हैं तो आधिकारिक वेबसाइट से फ़ॉर्म भरें और प्रमाणिक दस्तावेज़ सुरक्षित रखें.
अंत में, अगर आप किसी घोटाले का शिकार हुए हों तो तुरंत पुलिस या आर्थिक अपराध विभाग को रिपोर्ट करें। समय पर शिकायत करने से बड़ी रकम वापस मिल सकती है और भविष्य के धोखेबाज़ों को रोकने में मदद मिलती है. इस तरह छोटा‑छोटा कदम लेकर वित्तीय अनियमितताओं को अपने जीवन में कम कर सकते हैं.
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने हालिया पोस्ट में भारत से जुड़े एक महत्वपूर्ण खुलासे के संकेत दिए हैं। पिछले साल अदानी समूह पर लगाए गंभीर आरोपों के कारण चर्चा में आई इस अमेरिकी फर्म की नई रिपोर्ट को लेकर निवेशक और बाजार विश्लेषक उत्सुक हैं। अदानी समूह ने आरोपों का खंडन किया जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें क्लीन चिट दी है।