जब भी आप चुनाव की खबर देखते हैं तो "मतदान प्रतिशत" या "वोट शेयर" के बारे में सुनते हैं। ये दो चीज़ें असल में वही बात कहती हैं – कितने लोग आपके पसंदीदा उम्मीदवार को वोट दे रहे हैं और कुल मतदाता में से उनका हिस्सा कितना है। अगर 1 लाख वोटर थे और 60,000 लोगों ने मतदान किया, तो मतदान प्रतिशत 60% होगा।
गणना बहुत सीधी है: मतदान प्रतिशत = (कुल मतों की संख्या ÷ पंजीकृत वोटरों की कुल संख्या) × 100. अगर आप किसी राज्य या पूरे देश का डेटा देख रहे हों, तो इस फॉर्मूले से तुरंत पता चल जाता है कि लोगों ने कितनी भागीदारी की। उदाहरण के तौर पर, अगर यूपी में 2 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं और 1.5 करोड़ ने वोट दिया, तो मतदान प्रतिशत (1.5/2)×100 = 75% होगा।
वोट शेयर बताता है कि किसी पार्टी या उम्मीदवार को कुल मतों में कितना हिस्सा मिला। फॉर्मूला है: वोट शेयर = (किसी पार्टी/उम्मीदवार के वोट ÷ कुल मतदान) × 100. अगर किसी चुनाव में कुल 1 लाख वोट हुए और बीजेपी ने 40,000 वोट जीते, तो उसकी वोट शेयर 40% होगी। ये आँकड़ा राजनीतिक विश्लेषकों को बताता है कि कौनसे क्षेत्र में पार्टी की पकड़ मजबूत या कमजोर है।
वोट शेयर अक्सर अलग‑अलग राज्यों में बहुत बदलता रहता है। जैसे उत्तर भारत में बड़ी पार्टियों का प्रतिशत अधिक हो सकता है, जबकि दक्षिण में नई गठबंधनें तेज़ी से उभरती हैं। इसलिए सिर्फ कुल जीत नहीं, बल्कि प्रत्येक राज्य या कांस्टीट्यूंसी की वोट शेयर देखना ज़रूरी होता है।
एक और दिलचस्प बात – मतदान प्रतिशत और वोट शेयर का आपस में तालमेल भी देख सकते हैं। अगर किसी चुनाव में मतदान प्रतिशत बहुत कम (जैसे 45%) हो, तो बड़े पार्टियों को अपने बेस से बाहर के मतों पर भरोसा नहीं करना पड़ता। लेकिन जब प्रतिशत 80% से ऊपर जाता है, तो छोटे पार्टियों की जीत का मौका बढ़ जाता है क्योंकि सभी वोटर सक्रिय होते हैं और नई आवाज़ें सुनी जाती हैं।
आखिरकार, ये आँकड़े न सिर्फ चुनावी परिणाम को समझाते हैं बल्कि अगली बार के चुनाव में रणनीति बनाने में मदद भी करते हैं। पार्टियों को पता चलता है कि किसे अधिक प्रचार करना चाहिए, कौनसे मुद्दे मतदाता तक पहुँचे नहीं, और कहां पर अपने अभियान को मजबूत करने की जरूरत है।
तो जब भी आप अगले चुनाव का इंतज़ार करें, ध्यान रखें – मतदान प्रतिशत और वोट शेयर दोनों ही आपके लिए अहम संकेतक हैं कि जनता कितनी भागीदारी कर रही है और कौनसे नेता या पार्टी को सबसे ज्यादा भरोसा मिला है।
उड़ीसा में अंतिम चरण के चुनाव में 62.66% मतदान दर्ज हुआ। यह चुनाव छह लोकसभा क्षेत्रों में संपन्न हुआ। शाम के समय लंबी कतारों को देखते हुए अंतिम मतदान प्रतिशत 75% तक पहुंचने की संभावना है। 66 उम्मीदवारों का भविष्य ईवीएम में सुरक्षित हुआ। भाजपा और बीजद के प्रमुख उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला भी हुआ।