भारत में हर पाँच साल बाद लोकसभा चुनाव होता है। यह वही समय है जब नागरिकों को अपना वोट डाल कर देश की नीति तय करने वाले सांसद चुनना पड़ता है। कई लोग इस प्रक्रिया को जटिल समझते हैं, पर असल में बस कुछ आसान कदम हैं – मतदाता सूची चेक करो, सही दिन और स्थान पता करो, फिर मतदान केंद्र पर जाकर वोट डालो.
लोकसभा भारत की नीचे वाली संसद है। 543 सीटों के लिए देश भर में चुनाव होते हैं, हर एक क्षेत्र (कनस्टिट्यूएंसी) से एक उम्मीदवार जनता द्वारा चुना जाता है। यह वोटिंग प्रक्रिया पूरे देश में समान नियमों पर चलती है – ‘पहले पासे, फिर मत’ जैसा सिस्टम. अगर आप इस बार पहली बार जा रहे हैं तो बस पहचान पत्र और घर का पता ले कर जाएँ.
सबसे पहले अपने नाम के साथ एंट्री चेक करें। EPIC नंबर या वोटर आईडी से आप ऑनलाइन या नजदीकी मतदान केंद्र में पता लगा सकते हैं. फिर चुनाव दिवस पर समय पर पहुँचें, सुरक्षा जांच के बाद अपनी पहचान दिखाएँ और बॉल्ट पेपर में अपना पसंदीदा उम्मीदवार चुनें.
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वोट डालते समय कुछ बातें याद रखें: किसी भी प्रकार की दलील या खरीद‑फरोख्त में न फंसें, अपने मतदान स्थल पर शांत रहें और सभी निर्देशों का पालन करें. अगर आप पहली बार वोट डाल रहे हैं तो स्टाफ से मदद माँगने में कोई हर्ज नहीं.
परिणाम आने के बाद भी आपका काम खत्म नहीं होता। चुनाव परिणाम अक्सर धीरे‑धीरे अपडेट होते हैं, खासकर दूर-दराज़ क्षेत्रों में. हमारी साइट पर लाइव काउंटिंग टेबल और विशेषज्ञों की राय मिलती है, जिससे आप समझ पाएँगे कि कौन से मुद्दे सबसे ज़्यादा असर डाल रहे हैं.
अगर किसी कारणवश आप मतदान नहीं कर पाए तो अगले चुनाव तक इंतजार न करें – अब के नियमों में आधार कार्ड या पासपोर्ट जैसी पहचान का इस्तेमाल करके भी वोटिंग संभव है. इस सुविधा को समझें और अपने अधिकारों का पूरा उपयोग करें.
अंत में, याद रखिए कि आपका एक ही वोट देश की दिशा तय कर सकता है. चाहे आप ग्रामीण क्षेत्र से हों या शहर के कॉरिडोर से, आपके वोट से ही संसद में बदलाव आता है. तो देर न करें – मतदाता सूची चेक करें, चुनाव तारीख नोट करें और मतदान केंद्र पर अपना अधिकार प्रयोग करें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपने मंत्रिपरिषद के साथ इस्तीफा सौंप दिया। राष्ट्रपति ने इस्तीफा स्वीकार करते हुए नवीनतम सरकार के कार्यभार ग्रहण करने तक प्रशासन को कार्य जारी रखने का निर्देश दिया। मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ 8 जून को लेने की उम्मीद है।
उड़ीसा में अंतिम चरण के चुनाव में 62.66% मतदान दर्ज हुआ। यह चुनाव छह लोकसभा क्षेत्रों में संपन्न हुआ। शाम के समय लंबी कतारों को देखते हुए अंतिम मतदान प्रतिशत 75% तक पहुंचने की संभावना है। 66 उम्मीदवारों का भविष्य ईवीएम में सुरक्षित हुआ। भाजपा और बीजद के प्रमुख उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला भी हुआ।
भारत के लोकसभा चुनाव के छठे चरण का मतदान शुरू हो चुका है। इस चरण में 58 सीटें दाव पर हैं, जिनमें दिल्ली की सभी सात सीटें शामिल हैं। चुनाव का यह दौर देश के राजनीतिक परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण है।