भारत के लोकसभा चुनाव 2023 के छठे चरण का मतदान आज शुरू हो चुका है। इस चरण में कुल 58 सीटें दाव पर हैं, जिसमें उत्तर भारत के प्रमुख राज्य और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भी शामिल हैं। दिल्ली की सभी सात सीटों के लिए भी आज ही मतदान हो रहा है, जिन पर सभी की नज़रे टिकी हुई हैं।
लोकसभा चुनाव कुल सात चरणों में आयोजित किए गए हैं। पहले पांच चरण क्रमशः 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, और 20 मई को संपन्न हुए। पूरे देश में मतदान सुचारू रूप से चल रहा है, और मतदाताओं की भागीदारी उत्साहजनक रही है। छठे चरण के बाद अंतिम चरण का मतदान 1 जून को होगा और मतगणना 4 जून को निर्धारित है।
छठे चरण में जिन 58 सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें दिल्ली और उत्तर प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कुछ निर्वाचन क्षेत्र भी शामिल हैं।
दिल्ली के चुनावी मैदान पर नजर डालें तो यहां के राजनीतिक समीकरण किसी भी दल के लिए चुनौतियां पेश कर सकते हैं। आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (INC) के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। प्रत्येक सीट पर विभिन्न उम्मीदवार अपने-अपने प्रचार के साथ मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में जुटे हैं।
इस छठे चरण के मतदान के दौरान कुछ विशेष चुनौतियाँ भी हैं। कई निर्वाचन क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं ताकि चुनाव पूरी तरह से शांति और सुरक्षा के माहौल में संपन्न हो सके। कुछ क्षेत्र पर्यावरणीय समस्याओं जैसे कि गर्मी और जाम से भी जूझ रहे हैं, जो मतदान के प्रतिशत को प्रभावित कर सकते हैं।
बात करें कुछ आंकड़ों की, तो इस बार लगभग 10 करोड़ मतदाता छठे चरण में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें से युवा और नए मतदाता भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। विभिन्न एजेंसियों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा भारत के युवाओं को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए विविध अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
छठे चरण के बाद, सातवां और आखिरी चरण 1 जून को आयोजित किया जाएगा, जिसमें बचे हुए निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा। इसके पश्चात, 4 जून को मतगणना होगी और उसी दिन स्पष्ट हो जाएगा कि अगली सरकार कौन बनाएगा। भारतीय लोकतंत्र के इस महापर्व में सभी की नजरें नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर टिकी हुई हैं।
लोकसभा चुनाव के इस छठे चरण का महत्व अन्य चरणों से कुछ ज्यादा ही माना जा रहा है क्योंकि यह चुनावी प्रक्रिया के अंत की ओर बढ़ने का संकेत देता है। पार्टियाँ और उनके उम्मीदवार अंतिम चरण में अपनी पूरी शक्ति लगाकर मैदान में उतर रहे हैं, जिससे यह देखना और भी रोचक हो जाता है कि चुनाव का अंतिम परिणाम क्या होगा।