जेमिमाह रोड्रिग्ज: 2025 में भारतीय महिला क्रिकेट की नई चमक

जेमिमाह रोड्रिग्ज: 2025 में भारतीय महिला क्रिकेट की नई चमक
Shubhi Bajoria 26 सितंबर 2025 0 टिप्पणि

जेमिमाह रोड्रिग्ज का करियर और 2025 की शानदार फॉर्म

जब भारतीय महिला क्रिकेट के बारे में बात होती है, तो दिमाग में कई नाम आते हैं, पर इस साल जेमिमाह रोड्रिग्ज का नाम सबसे तेज़ी से उभर रहा है। 23 साल की उम्र में वह अपने आप को भारत की बैटिंग लाइन‑अप के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी बनाते दिखा रही हैं। 2025 में सिर्फ 11 innings में 479 रन बनाकर, दो शतक और एक फ़िफ़्टी लगाकर, उन्होंने अपने 2018 के debut से लेकर अब तक की प्रगति को एक नई दिशा दी है।

रोड्रिग्ज ने अपनी पहली ODI 12 मार्च 2018 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेाली थी। तब से लेकर अब तक उन्होंने 51 मैचों में 1,457 रन बनाए हैं, औसत 32.37 और स्ट्राइक‑रेट 87.87 के साथ। इस आंकड़े में दो शतक और सात फ़िफ़्टियों का योगदान है, साथ ही उन्होंने पार्ट‑टाइम ऑफ‑स्पिन से 5 विकेट भी लिए हैं।

2025 की शुरुआत में इरलैंड के खिलाफ खेली गई उस match में उन्होंने पहला शतक बनाया – 91 गेंदों में 102 रन। यह innings सिर्फ एक नंबर नहीं, बल्कि उनके आत्म‑विश्वास की नई परत थी। बाद में अपने करियर‑बेस्ट 123 रन (101 गेंद) का परफॉर्मेंस उन्होंने वही साल में दिखाया, जिसने दर्शाया कि वह सिर्फ अँकर ही नहीं बल्कि तेज़ी से मापदंड बदलने वाली भी हैं।

मई 2025 में श्रीलंका‑विमेन ट्राई‑नेशन सीरीज़ के दौरान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनका दूसरा शतक रिकॉर्ड तोड़ गया। 89 गेंदों में सौ रन बनाकर उन्होंने भारतीय महिलाओं की तीसरे सबसे तेज़ शतक का खिताब जीता। इस रिकॉर्ड के आगे केवल स्मृति मंडाना (70 गेंद) और हार्मनप्रीत कौर (87 गेंद) ही हैं। इस innings के बाद भारत ने 337/9 का बड़ा स्कोर बनाया, जिससे टीम को प्रतियोगिता में एक मजबूत स्थिति मिली।

उनकी बैटिंग शैली में अब सिर्फ प्राकृतिक फ़्लेयर नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और परिपक्वता का मिश्रण है। गेंद के साथ उनका तालमेल, शॉट‑सिलेक्शन की विविधता और दबाव में शांत रहने की क्षमता उन्हें मध्य‑क्रम की रीढ़ बना देती है।

भविष्य की संभावनाएँ और विश्व कप की तैयारी

भविष्य की संभावनाएँ और विश्व कप की तैयारी

जेमिमाह का अगला बड़ा चुनौती 2025 के अपने पहले ODI विश्व कप में भाग लेना है। टीम के अंदर और बाहरी दोनों ही धारणाएँ इस बात की हैं कि उनकी फ़ॉर्म जारी रहेगी और वह मैच‑विनर पर बड़ा प्रभाव डालेंगी।

उन्हें देखते हुए कई विशेषज्ञ कहते हैं कि उनकी अगली पारी में वह अपने वर्तमान शिखर पर ही नहीं, बल्कि उससे भी आगे पहुँच सकती हैं। आंकड़ों की बात देखें तो हर साल उनका रन‑स्कोर और स्ट्राइक‑रेट दोनों में सुधार देखा गया है – यह निरंतरता ही उनके आत्म‑विश्वास का मुख्य स्रोत है।

वो सिर्फ एक बैटर नहीं, बल्कि एक रोल मॉडल भी बन रही हैं। छोटे‑छोटे शहरों की लड़कियों के लिए उनका सफ़र प्रेरणा का स्रोत है, जिससे वह खुद को भारतीय महिला क्रिकेट का भविष्य कहे जाने लगती हैं। उनकी मेहनत, तकनीकी कौशल और मानसिक मजबूती ने यह साबित कर दिया है कि कैसे एक युवा खिलाड़ी विश्व स्तर पर खुद को स्थापित कर सकता है।

आगे के कुछ महीनों में अगर वह इस गति को बनाए रखती हैं, तो भारतीय टीम के लिए न सिर्फ एक भरोसेमंद स्टीमर, बल्कि टीम‑स्पिरिट को ऊँचा रखने वाला एक प्रमुख खिलाड़ी बनेंगी। उनके साथियों ने भी कहा है कि उनका सकारात्मक दृष्टिकोण और टीम के अंदर का ऊर्जा का स्रोत हमेशा पूरे दल को प्रेरित करता है।

जैसे-जैसे विश्व कप के दांव तेज़ होते जा रहे हैं, जेमिमाह की पावर‑हिटिंग और सहजता से चलने वाली खेल शैली वह हथियार बन जाएगी, जो भारत को जीत की सीढ़ियाँ चढ़ा सकती है।