चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में तिरंगे रंग के परिधान से बटोरी सुर्खियाँ

चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में तिरंगे रंग के परिधान से बटोरी सुर्खियाँ
Shubhi Bajoria 11 जून 2024 6 टिप्पणि

चिराग पासवान ने तिरंगे रंग के परिधान से बटोरीं सुर्खियाँ

लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास (एलजेपी-आरवी) के प्रमुख चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में अपने अनूठे तिरंगे रंग के प्रेरित परिधान से सभी का ध्यान आकर्षित किया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस भव्य समारोह में अनेक हस्तियों, शीर्ष राजनेताओं और विदेशीगणों ने उपस्थिति दर्ज की।

चिराग के इस अनूठे परिधान ने न केवल राजनीतिक मंच पर, बल्कि फैशन और शालीनता के संदर्भ में भी सभी का ध्यान खींचा। चिराग ने इस मौके पर एक औपचारिक इंडो-वेस्टर्न ब्लैक बंद गला पहना था, जिसे एक सफेद शर्ट और काले पैंट के साथ जोड़ा गया था। उनके परिधान में सबसे विशेष था उनका तिरंगे रंग का पॉकेट स्क्वायर, जिसने देशभक्ति की भावना को व्यक्त किया।

पटना से मिली जीत और राजनीतिक यात्रा

हाजीपुर, बिहार से लोकसभा का चुनाव जीत कर आए चिराग पासवान ने अपने प्रतिद्वंदी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उम्मीदवार को बड़ी मार्जिन से हराकर अपनी जीत सुनिश्चित की। चिराग ने इस चुनाव में 6.14 लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज की। यह सीट पहले उनके दिवंगत पिता रामविलास पासवान के पास थी, जिन्होंने इसे आठ बार जीता था।

चिराग पासवान ने अपनी राजनीतिक यात्रा एक दशक से पहले शुरू की थी, और तब से लेकर अब तक उनका सफर प्रेरणादायक रहा है। राजनीति में आने से पहले, चिराग ने बॉलीवुड में भी अपनी छाप छोड़ने की कोशिश की थी। 2011 में आई फिल्म 'मिले ना मिले हम' में उन्होंने कंगना रनौत के साथ मुख्य भूमिका निभाई थी।

चिराग पासवान के नेतृत्व में सामाजिक न्याय और आर्थिक विकास में एलजेपी-आरवी ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनके नेतृत्त्व में, पार्टी ने बिहार में जिन पाँच सीटों पर चुनाव लड़ा, उन सभी पर जीत दर्ज की।

शपथ ग्रहण समारोह और धूमधाम

राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली। यह एक ऐतिहासिक अवसर था जिसे भारतीय राजनीति में बहुत मान्यता दी जा रही है। समारोह में शामिल होने वाले शीर्ष नेताओं और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया।

चिराग पासवान ने कबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली, और उनके परिधान ने उन्हें अन्य नेताओं से अलग और विशिष्ट दिखाई दिया। तिरंगे रंग का लगातार प्रदर्शित होना इस समारोह में बहुत ही प्रतीकात्मक था, जो कि अपने देश के प्रति प्रेम और निष्ठा को दर्शाता है।

चिराग पासवान की फैशन चॉइस ने न केवल राजनीतिक मंच पर बल्की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी। उनके समर्थकों और फैशन प्रेमियों ने उनके इस कदम की खूब सराहना की।

बिहार की जनता का समर्थन

बिहार की जनता का समर्थन

चिराग की यह जीत इस बात का प्रमाण है कि बिहार की जनता उन्हें कितना समर्थन देती है। उनके पिता रामविलास पासवान की विरासत को आगे बढ़ाते हुए, चिराग ने राजनीतिक मंच पर खुद को स्थापित किया है।

चिराग पासवान की यह सफलता उनके बचपन के सपनों और उनके पिता के राजनीतिक प्रशिक्षण का नतीजा है। उन्होंने बिहार की जनता की सेवा का व्रत लिया है, और इस यात्रा में वह निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।

इस समारोह में उनकी शैली और उनके तिरंगे रंग के परिधान ने यह संदेश दिया कि वह अपने देश के प्रति कितनी निष्ठा रखते हैं और इसे अपनी पहचान का हिस्सा बना चुके हैं।

चुनाव की जीत और भविष्य की योजनाएँ

हाजीपुर से लोकसभा चुनाव में मिली जीत ने चिराग पासवान को एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित किया है। उनकी नेतृत्व क्षमता और राजनीतिक कौशल ने उन्हें एक सफल नेता के रूप में पहचान दिलाई है।

एलजेपी-आरवी के नेतृत्व में, चिराग ने बिहार में कई महत्वपूर्ण योजनाओं और परियोजनाओं का आरंभ किया है। उनके नेतृत्व में पार्टी ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

चिराग पासवान ने अपने राजनीतिक सफर में कई कठिनाइयों का सामना किया है, लेकिन उनकी दृढ़ता और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है।

उनकी इस सफलता के पीछे उनके समर्थकों का भी बड़ा योगदान है, जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया और उन्हें प्रोत्साहित किया।

आने वाले समय में, चिराग पासवान की योजनाएँ बिहार के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी।

समाज और युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा

समाज और युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा

चिराग पासवान आज की युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा हैं। उन्होंने साबित कर दिया है कि कठिन परिश्रम और संकल्प से हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

उनका जीवन और राजनीतिक सफर युवा नेताओं के लिए एक प्रेरणा बन चुका है।

चिराग पासवान का यह सफर उनके पिता रामविलास पासवान की शिक्षा और मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने अपने पिता की विरासत को न केवल संभाला है, बल्कि उसे और भी सशक्त बना दिया है।

इस समारोह ने यह साबित कर दिया कि चिराग पासवान एक मजबूत और संवेदनशील नेता हैं, जो अपने देश और राज्य के प्रति पूरी निष्ठा के साथ समर्पित हैं।

6 टिप्पणि
MANOJ PAWAR जून 11 2024

इस तरह के परिधान से देशभक्ति का संदेश देना बिल्कुल सही है। लेकिन क्या हम भूल रहे हैं कि असली देशभक्ति तो गरीबों के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा की व्यवस्था है? ये तिरंगा पॉकेट स्क्वायर तो बस एक दिखावा है।

मैंने बिहार के गाँवों में जाकर देखा है-लाखों बच्चे बिना बुक्स के पढ़ रहे हैं, और यहाँ कोई एक नेता अपने जेब में तिरंगा रखकर फोटो खिंचवा रहा है। ये नेता कौन है जो असली बदलाव लाएगा?

Pooja Tyagi जून 13 2024

अरे भाई!! ये तो बिल्कुल जबरदस्त था!! तिरंगा पॉकेट स्क्वायर?? बस इतना ही नहीं, उसकी एंट्री ने तो सारे नेताओं को बेकार बना दिया!! ये जो लोग कहते हैं कि ये दिखावा है, वो खुद तो अपने घर में तिरंगा लगाते ही नहीं!! ये आदमी तो असली देशभक्त है!! बस इतना ही नहीं, उसके पिता की विरासत को भी संभाल रहा है!! वाह!! वाह!! वाह!!!

Kulraj Pooni जून 14 2024

देशभक्ति का असली मतलब क्या है? क्या ये तिरंगा पहनना है? या ये कि एक आदमी अपने पिता के नाम के आधार पर राजनीति में आ जाए? जब एक व्यक्ति अपने बचपन के सपनों के बजाय एक विरासत को बेचता है, तो वह वास्तविक नेता नहीं, बल्कि एक विरासत का उत्तराधिकारी है।

बॉलीवुड में असफलता के बाद राजनीति में आना-क्या ये नेतृत्व का रास्ता है? क्या आपको लगता है कि देश के लिए जिम्मेदारी एक फिल्मी एक्टर के जैसी बात है?

Hemant Saini जून 14 2024

मुझे लगता है कि चिराग पासवान का ये फैशन कदम बहुत सही था। इस तरह के छोटे-छोटे एक्शन से लोगों का ध्यान खींचना जरूरी है। आजकल लोग बहुत जल्दी भूल जाते हैं कि तिरंगा क्या है।

मैंने देखा है कि युवा लोग इस तरह के दिखावे को समझते हैं। अगर एक नेता अपने कपड़े में तिरंगा लगाता है, तो वो बस एक निशान छोड़ रहा है-कि वो अपने देश को भूला नहीं।

और हाँ, उनके पिता की विरासत को आगे बढ़ाना भी एक बड़ी बात है। कम से कम उन्होंने अपने पिता के नाम को बर्बाद नहीं किया। ये तो बहुत कम लोग कर पाते हैं।

Nabamita Das जून 16 2024

तिरंगा पॉकेट स्क्वायर दिखावा है, लेकिन उनकी जीत दिखावा नहीं है। उन्होंने 6.14 लाख मत जीते-ये कोई छोटी बात नहीं है। बिहार की जनता ने उन्हें वोट दिया, और वो नेता हैं जिन्होंने पाँच सीटें जीतीं।

क्या आप जानते हैं कि बिहार में कितने लोग अभी भी बिना स्वास्थ्य सुविधा के रह रहे हैं? चिराग ने इसी लिए शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान दिया। आप तिरंगे के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन उनके लिए तिरंगा एक निशान है-एक निष्ठा का, न कि एक डिजाइन का।

chirag chhatbar जून 18 2024

ye to bas dikhawaa hai.. koi real kaam karta hai kya? bhaiya, papa ka naam leke ghar baith ke rajneeti karte ho.. film bhi fail hui thi.. ab phir se dikhawaa karte ho.. tiraanga? bhai tu toh khud bhi nahi janta ki tiraanga kya hota hai..

कुछ कहो