दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं आतिशी, आप नेताओं ने ली मंत्री पद की शपथ

दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं आतिशी, आप नेताओं ने ली मंत्री पद की शपथ
Shubhi Bajoria 22 सितंबर 2024 7 टिप्पणि

दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं आतिशी

21 सितंबर 2024 का दिन दिल्ली के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ गया जब आतिशी मार्लेना ने दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह शपथग्रहण समारोह दिल्ली सचिवालय में आयोजित किया गया था और इसमें कई प्रमुख आप नेताओं और भारी मात्रा में सामान्य जनता ने भी हिस्सा लिया। आतिशी ने अरविंद केजरीवाल के बाद सत्ता की बागडोर संभाली है, जो गत वर्षों में दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद पर थे।

मंत्रियों की शपथग्रहण

समारोह में अन्य प्रमुख आप नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली, जिनमें सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत शामिल थे। सौरभ भारद्वाज को स्वास्थ्य मंत्री, कैलाश गहलोत को यातायात मंत्री, गोपाल राय को पर्यावरण मंत्री, इमरान हुसैन को खाद्य आपूर्ति मंत्री, और मुकेश अहलावत को समाज कल्याण मंत्री के पद की जिम्मेदारी दी गई है।

समारोह का माहौल

शपथग्रहण समारोह को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और टीवी चैनलों पर लाइव स्ट्रीम किया गया, जिससे दिल्ली और देशभर की जनता इस महत्वपूर्ण घटना का साक्षी बन सकी। समारोह में आतिशी ने जनता को समर्पित होकर काम करने का वादा किया और दिल्ली को एक नया स्वरूप देने का संकल्प लिया।

मीडिया और फोटोग्राफरों ने भी इस समारोह को खूब कवर किया। नए मंत्रिमंडल के नेताओं की तस्वीरें और उनके भाषण मीडिया में प्रमुखता से प्रकाशित हुए।

आतिशी की प्राथमिकताएँ

आतिशी ने शपथ लेने के बाद अपने पहले भाषण में बताया कि उनकी प्राथमिकताएँ क्या होंगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली के शिक्षा और स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार करना, यातायात व्यवस्था को सुगम बनाना, और पर्यावरण संरक्षण के उपाय लागू करना उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकताएँ रहेंगी।

उन्होंने यह भी वादा किया कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे, और स्टार्टअप्स के लिए बेहतर माहौल तैयार किया जाएगा।

चुनौतियों से निपटने की तैयारी

नई सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। प्रदूषण, आधारभूत संरचना, और रोजगार जैसे मुद्दे प्रमुख हैं जिन्हें आतिशी और उनकी टीम को सुलझाना होगा।

इसके अलावा, राजनीतिक प्रतिरोध भी एक बड़ा मुद्दा हो सकता है, लेकिन आतिशी ने विश्वास जताया कि वे सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगी।

नवीन नीतियों की उम्मीद

आतिशी और उनके मंत्रिमंडल से जनता को बड़ी उम्मीदें हैं। लोग चाहते हैं कि वे नई और प्रभावशाली नीतियाँ लेकर आएं जो दिल्ली के नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाए।

अभी देखना होगा कि आतिशी और उनकी टीम इस नई जिम्मेदारी को कैसे निभाते हैं और दिल्ली के नागरिकों की अपेक्षाओं को पूरा करने में कितनी सफल होती हैं।

7 टिप्पणि
Naman Khaneja सितंबर 22 2024

ये तो बहुत अच्छी बात है! 🙌 आतिशी जी ने जो प्राथमिकताएँ बताई हैं, वो तो दिल्ली के हर आम आदमी की चाहत है। शिक्षा, स्वास्थ्य, यातायात... सब कुछ सुधर जाए तो जिंदगी बदल जाएगी। उम्मीद है सिर्फ वादे नहीं, असली काम भी होगा।

Gaurav Verma सितंबर 23 2024

ये सब नाटक है। अरविंद के बाद कोई नहीं बचता। ये सब फिल्मी भाषण, फोटोज, लाइव स्ट्रीम... असल में कुछ नहीं बदलेगा। प्रदूषण तो अब और बढ़ जाएगा। सब बोल रहे हैं, कोई काम नहीं कर रहा।

Fatima Al-habibi सितंबर 25 2024

मुझे लगता है कि इस शपथग्रहण का वातावरण बहुत संगठित था। हालाँकि, यह देखना आवश्यक है कि इन वादों का वास्तविक अनुप्रयोग कैसे होगा। आम जनता के लिए इनके निर्णयों का प्रभाव क्या होगा, यह अभी अनिश्चित है।

Nisha gupta सितंबर 25 2024

हमें वादों से ज्यादा कार्यों की जरूरत है। शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए बजट बढ़ाना तो सिर्फ शुरुआत है। अगर ये सरकार वास्तव में बदलाव चाहती है, तो उन्हें ब्यूरोक्रेसी को तोड़ना होगा। नहीं तो ये सब बस एक नया नाम लेकर पुरानी गलतियाँ दोहराना होगा।

Roshni Angom सितंबर 27 2024

मुझे लगता है... कि आतिशी जी का नेतृत्व असली बदलाव ला सकता है... अगर वो लोगों के साथ रहें... और बस टीवी पर नहीं... और अगर वो सच में महिलाओं की सुरक्षा को गंभीरता से लें... तो हो सकता है कि दिल्ली वाकई बदल जाए... बस... उम्मीद है...

vicky palani सितंबर 29 2024

सौरभ भारद्वाज को स्वास्थ्य मंत्री बनाया? वो तो अपने घर का बिजली बिल भी नहीं चुका पाया था! और कैलाश गहलोत को यातायात? उन्होंने तो अपनी गाड़ी के लिए पार्किंग टिकट भी नहीं लगवाया था! ये सब नाम लेकर अपने दोस्तों को नौकरी दे रहे हैं। ये सरकार बस एक बड़ा घोटाला है।

jijo joseph सितंबर 29 2024

इस नए मंत्रिमंडल के लिए स्ट्रेटेजिक प्लानिंग की जरूरत है-स्टेकहोल्डर एनगेजमेंट, की परफॉर्मेंस मेट्रिक्स, और एक डिजिटल गवर्नेंस फ्रेमवर्क। अगर वे सिर्फ पॉलिसी डिक्लेरेशन करते रहेंगे तो इम्पैक्ट लिमिटेड रहेगा। बेस्ट प्रैक्टिसेज को इंटीग्रेट करना होगा।

कुछ कहो