21 सितंबर 2024 का दिन दिल्ली के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ गया जब आतिशी मार्लेना ने दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह शपथग्रहण समारोह दिल्ली सचिवालय में आयोजित किया गया था और इसमें कई प्रमुख आप नेताओं और भारी मात्रा में सामान्य जनता ने भी हिस्सा लिया। आतिशी ने अरविंद केजरीवाल के बाद सत्ता की बागडोर संभाली है, जो गत वर्षों में दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद पर थे।
समारोह में अन्य प्रमुख आप नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली, जिनमें सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत शामिल थे। सौरभ भारद्वाज को स्वास्थ्य मंत्री, कैलाश गहलोत को यातायात मंत्री, गोपाल राय को पर्यावरण मंत्री, इमरान हुसैन को खाद्य आपूर्ति मंत्री, और मुकेश अहलावत को समाज कल्याण मंत्री के पद की जिम्मेदारी दी गई है।
शपथग्रहण समारोह को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और टीवी चैनलों पर लाइव स्ट्रीम किया गया, जिससे दिल्ली और देशभर की जनता इस महत्वपूर्ण घटना का साक्षी बन सकी। समारोह में आतिशी ने जनता को समर्पित होकर काम करने का वादा किया और दिल्ली को एक नया स्वरूप देने का संकल्प लिया।
मीडिया और फोटोग्राफरों ने भी इस समारोह को खूब कवर किया। नए मंत्रिमंडल के नेताओं की तस्वीरें और उनके भाषण मीडिया में प्रमुखता से प्रकाशित हुए।
आतिशी ने शपथ लेने के बाद अपने पहले भाषण में बताया कि उनकी प्राथमिकताएँ क्या होंगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली के शिक्षा और स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार करना, यातायात व्यवस्था को सुगम बनाना, और पर्यावरण संरक्षण के उपाय लागू करना उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकताएँ रहेंगी।
उन्होंने यह भी वादा किया कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे, और स्टार्टअप्स के लिए बेहतर माहौल तैयार किया जाएगा।
नई सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। प्रदूषण, आधारभूत संरचना, और रोजगार जैसे मुद्दे प्रमुख हैं जिन्हें आतिशी और उनकी टीम को सुलझाना होगा।
इसके अलावा, राजनीतिक प्रतिरोध भी एक बड़ा मुद्दा हो सकता है, लेकिन आतिशी ने विश्वास जताया कि वे सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगी।
आतिशी और उनके मंत्रिमंडल से जनता को बड़ी उम्मीदें हैं। लोग चाहते हैं कि वे नई और प्रभावशाली नीतियाँ लेकर आएं जो दिल्ली के नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाए।
अभी देखना होगा कि आतिशी और उनकी टीम इस नई जिम्मेदारी को कैसे निभाते हैं और दिल्ली के नागरिकों की अपेक्षाओं को पूरा करने में कितनी सफल होती हैं।