तुंगभद्रा बांध – इतिहास और महत्व

अगर आप बिहार के पानी वाले क्षेत्रों में घूमने की सोच रहे हैं तो तुंगा भद्रा बांध ज़रूर देखना चाहिए। ये बाँध गंगा नदी के उपनदी पर स्थित है और 1970‑80 के दशक में बनवाया गया था। स्थानीय लोगों ने इसे जलसंधि का एक बड़ा कदम बताया क्योंकि इससे कई गाँवों को स्थायी पानी मिल गया।

बाँध की मुख्य वजह कृषि सिंचाई थी, लेकिन समय के साथ इसकी जलविद्युत क्षमता भी सामने आई। आज यहाँ से लगभग 20 मेगावॉट बिजली उत्पन्न होती है, जो नजदीकी कस्बे और गाँवों को रोशनी देती है। इस ऊर्जा उत्पादन ने स्थानीय उद्योगों में नई संभावनाएँ खोली हैं।

बांध की प्रमुख सुविधाएँ

तुंगा भद्रा बांध का जलाशय 2500 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें मछलियों की कई प्रजातियाँ पनप रही हैं। इस कारण मत्स्य पालन भी यहाँ के किसानों के लिये आय का एक स्रोत बन गया है। बाँध पर स्थापित टर्बाइनें आधुनिक तकनीक से सुसज्जित हैं और रख‑रखाव में सरकार नियमित जांच करती रहती है।

सुरक्षा की बात करें तो बांध का डिज़ाइन भूकंपीय जोखिम को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था। हर साल monsoon के दौरान जल स्तर की निगरानी की जाती है, जिससे बाढ़ की संभावना कम होती है। यह पहल स्थानीय प्रशासन को भी भरोसा दिलाती है कि बड़े पैमाने पर पानी का प्रबंधन सही हाथों में है।

पर्यटक के लिए उपयोगी जानकारी

बाँध के पास एक छोटा दर्शनीय पार्क है जहाँ से जलाशय के विस्तृत दृश्य दिखते हैं। सुबह‑शाम की हवा में टहलना और फोटोग्राफी करना बहुत पसंद किया जाता है। यदि आप परिवार के साथ आ रहे हैं तो बच्चों के लिये छोटे खेलकूद क्षेत्र भी उपलब्ध है।

पहुंचने का सबसे आसान तरीका रेलवे स्टेशन बहरैला से टैक्सी या स्थानीय बस लेना है, जो हर घंटे आती‑जाती रहती हैं। रास्ते में आपको कुछ सुंदर गाँव और खेत मिलेंगे, जहाँ आप ठंडे पनीर वाले स्नैक या ताजगी भरा लस्सी आज़मा सकते हैं।

ध्यान रखें कि जलाशय के किनारे पर फिशिंग की अनुमति नहीं है, इसलिए स्थानीय नियमों का पालन करना ज़रूरी है। अगर आप बोट राइड चाहते हैं तो बाँध प्रबंधन कार्यालय से पहले ही आरक्षण कर लें; यह सस्ता और सुरक्षित विकल्प है।

बाँध के आसपास कई धार्मिक स्थल भी हैं, जैसे कि तुंगा मन्दिर और किला दरगाह। इन जगहों पर शाम‑शाम को अक्सर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, जो यात्रा में रंग भरते हैं। आप स्थानीय बाजार से हाथ की बनावट वाले बर्तन या कपड़े भी खरीद सकते हैं।

संक्षेप में, तुंगा भद्रा बांध केवल पानी का संग्रह नहीं बल्कि ऊर्जा, कृषि और पर्यटन तीनों को जोड़ता एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहाँ आने वाले हर यात्री को कुछ न कुछ नया सीखने को मिलता है—चाहे वह जल संरक्षण के बारे में हो या स्थानीय जीवनशैली के बारे में। अगली बार जब आप बिहार की यात्रा प्लान करें, तो इस बाँध को अपनी सूची में जरूर रखें।

Shubhi Bajoria 11 अगस्त 2024

तुंगभद्रा बांध के गेट टूटा, स्थानीय निवासियों के लिए हाई अलर्ट जारी

कर्नाटक के बल्लारी जिले में तुंगभद्रा बांध का गेट नंबर 19 खराब हो गया और शनिवार देर रात टूट गया, जिसके कारण अप्रत्याशित रूप से पानी का बहाव शुरू हो गया। इस घटना के बाद क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को सचेत रहने और सावधानियां बरतने की सलाह दी है।