आपने शायद सुना होगा कि अगले साल पूरे देश में कई चुनाव हो रहे हैं। लेकिन अक्सर लोग सवाल करते हैं‑ कौन से चुनाव हैं, कब वोट डालना है और किसे चुनना सही रहेगा? चलिए, इसे आसान शब्दों में समझते हैं ताकि आप बिना झंझट के अपना मतदान कर सकें।
2025 में सबसे बड़ा इवेंट राज्य विधानसभा चुनाव है। कई राज्यों में एक साथ वोटिंग होगी, जैसे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक. इसके अलावा लोकसभा सीटों पर भी कुछ मध्यावधि चुनौतियाँ होंगी। अगर आप इन क्षेत्रों में रहते हैं तो अपना मतदान कार्ड तैयार रखें। अधिकांश मतदाता पोर्टल से ऑनलाइन जानकारी मिल जाती है – बस अपने आधार नंबर या एंटी‑डुप्लीकेट नंबर डालें और तारीख देखें.
पहला कदम: अपने निर्वाचन क्षेत्र को जानें. आप ई-नामांकन पोर्टल में अपना नाम, उम्र और पता जाँच सकते हैं। दूसरा: वोटिंग स्टेशन पर पहुँचते ही अपनी फोटो‑आईडी (आधार/पैन) और EPIC कार्ड दिखाएँ। क्यू में इंतजार करते समय कोई भी दस्तावेज़ भूलें नहीं – खासकर अगर आप पहली बार वोट दे रहे हों. तीसरा: मतदान बटन दबाते ही अपना पसंदीदा उम्मीदवार चुनें, फिर सील बंद करें.
अगर आप पर्सनली नहीं जा पा रहे हैं तो पोस्टल वैटिंग या एब्सेंट वोटिंग की सुविधा उपलब्ध है। इसके लिए आपको अपने स्थानीय निर्वाचन कार्यालय में आवेदन करना होगा, और फिर एक निश्चित अवधि के भीतर अपना बैलेट मिल जाएगा.
अब बात करते हैं कुछ उपयोगी टिप्स की. सबसे पहले, चुनाव से पहले उम्मीदवारों के कार्य‑सूची पढ़ें – उनके पिछले रिकॉर्ड, विकास योजनाएँ और आपराधिक पृष्ठभूमि पर नज़र रखें. दूसरा, सोशल मीडिया पर फैलाए गए अफ़वाहों को तुरंत फॉलो नहीं करें; आधिकारिक स्रोत या विश्वसनीय समाचार साइट देखें. तीसरा, अगर आपको मतदान में कोई परेशानी महसूस हो तो तुरंत निर्वाचन अधिकारी से मदद माँगे.
अंत में एक बात याद रखें – आपका एक वोट ही कई बार बदल सकता है। चाहे वह सड़क की हालत सुधरनी हो, स्कूल की सुविधाएँ बढ़नी हों या रोजगार के अवसर मिलें, सभी का असर आपके चुनावी चयन पर निर्भर करता है. इसलिए मतदाता अधिकार को समझकर, समय से पहले तैयार रहें और अपना वोट डालने जाएँ.
सवाल‑जवाब सत्र में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: क्या मैं अपने घर से बाहर रह कर भी वोट दे सकता हूँ? हाँ, आप एब्सेंट वैटिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं. क्या मेरे पास दो वोटिंग कार्ड हो सकते हैं? नहीं, एक ही व्यक्ति को केवल एक EPIC मिलता है – डुप्लीकेट होने पर आपका वोट रद्द किया जा सकता है.
तो अब देर न करें, अपने एपीआईसी या आधार नंबर से ऑनलाइन जांचें और चुनावी कैलेंडर में अपना दिन चिह्नित करें. याद रखें, लोकतंत्र की ताकत आप जैसे मतदाताओं के हाथों में है!
उड़ीसा में अंतिम चरण के चुनाव में 62.66% मतदान दर्ज हुआ। यह चुनाव छह लोकसभा क्षेत्रों में संपन्न हुआ। शाम के समय लंबी कतारों को देखते हुए अंतिम मतदान प्रतिशत 75% तक पहुंचने की संभावना है। 66 उम्मीदवारों का भविष्य ईवीएम में सुरक्षित हुआ। भाजपा और बीजद के प्रमुख उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला भी हुआ।