काम से निकलना अक्सर तनाव भरा हो सकता है, लेकिन सही तैयारी के साथ आप इसे आसानी से कर सकते हैं। सबसे पहले सोचिए कि क्यों इस्तीफ़ा देना चाहते हैं – बेहतर अवसर चाहिए या मौजूदा माहौल ठीक नहीं लग रहा? जब कारण स्पष्ट हों तो आगे का कदम आसान हो जाता है।
एक छोटा, साफ‑सुथरा इस्तीफ़ा पत्र बनाएं। इसमें अपना नाम, पद, और आखिरी काम करने की तारीख शामिल करें। कारण बताने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन अगर आप चाहें तो संक्षेप में लिख सकते हैं कि नया अवसर क्यों चुना। टोन प्रोफेशनल रखें, धन्यवाद के साथ समाप्त करें – इससे भविष्य में रेफ़रेंस आसान रहेगा।
पत्र को ई‑मेल या हाथ से सौंपने का तरीका कंपनी की नीति पर निर्भर करता है। अगर आप व्यक्तिगत रूप से दे रहे हैं तो बॉस से पहले बात कर लें, ताकि कोई आश्चर्य न हो। इस दौरान अपने काम के ट्रांसफ़र की योजना भी तैयार रखें – यह दिखाता है कि आप जिम्मेदार हैं और टीम को आसानी होगी।
बहुत सारी कंपनियों में नोटिस पीरियड तय होता है, आमतौर पर दो हफ़्ते से एक महीने तक। अपने अनुबंध को देखिए कि इसमें क्या लिखा है। अगर आप जल्दी निकलना चाहते हैं तो कंपनी से बातचीत करके समझौता कर सकते हैं, लेकिन लिखित रूप में सब कुछ कन्फर्म करें।
आखिरी वेतन, ग्रैच्युइटी और किसी भी बकाया भुगतान की जानकारी HR से ले लें। अक्सर एचआर विभाग इस बारे में स्पष्ट गाइडलाइन देता है – उनका अनुसरण करना फायदेमंद रहेगा।
इस्तीफ़ा देने के बाद, अपने भविष्य की योजना बनाना न भूलें। नया जॉब ढूँढ़ रहे हैं तो रेज़्यूमे को अपडेट करें, नेटवर्किंग इवेंट्स में भाग लें और इंटरव्यू प्रैक्टिस करें। अगर आगे का रास्ता अभी तय नहीं है, तो स्किल अपग्रेड पर ध्यान दें – ऑनलाइन कोर्स या छोटे प्रोजेक्ट से आप अपने प्रोफ़ाइल को मजबूत कर सकते हैं।
अंत में, इस्तीफा देना सिर्फ एक कागज़ी काम नहीं, बल्कि आपके करियर का नया मोड़ है। सही तरीका अपनाने से दोनों पक्षों के रिश्ते बने रहते हैं और नई शुरुआत भी सुगम होती है। अब जब आप जानते हैं कि क्या करना है, तो डर को पीछे छोड़ें और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें।
यूपीएससी के अध्यक्ष मनोज सोनी ने अपने छः साल के कार्यकाल के पहले वर्ष के बाद ही व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे की खबर आईएएस प्रबोशनर पूजा खेड़कर की नागरिक सेवा में जाली पहचान पर चयन विवाद के बीच आई है। सोनी ने राष्ट्रपति को इस्तीफा सौंप दिया है और वे अधिक समय सामाजिक-धार्मिक गतिविधियों में बिताना चाहते हैं।