जब बात दुर्गा पूजा, विष्णु देवी के रूप में दुर्गा को सम्मानित करने वाला प्रमुख हिन्दू त्यौहार. Also known as नवरात्रि, it नौ रात‑नौ दिन की लगातार पूजा अवधि है, तो समझिये कि यह भारत में सबसे बड़े धार्मिक उत्सवों में से एक है। दुर्गा पूजा के दौरान भारी झांकियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सामुदायिक भोजन का चलन होता है, जो सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा देता है। यह त्यौहार देवी दुर्गा की शक्ति, भक्ति और विजय को दर्शाता है, और हर साल अलग‑अलग शहरों में अनोखी परम्पराओं के साथ मनाया जाता है।
दुर्गा पूजा को समझने के लिए नवरात्रि, जिन नौ दिनों में दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा होती है पर ध्यान देना जरूरी है। इसके अलावा पूजा विधि, मंदिर या घर में स्थापित मानक अनुष्ठान भी इस त्यौहार की रीढ़ है; इसमें कलश स्थापित करना, अक्षत लोटना और देवी को प्रचलित मंत्रों से आह्वान करना शामिल है। स्थानीय उत्सव, भिन्न-भिन्न राज्य या शहरों में अनूठी सांस्कृतिक श्रद्धा भी दुर्गा पूजा को रंगीन बनाते हैं, जैसे असम में बिहू, बंगाल में दुर्गा नाच और गुजरात में गरबा। आखिरी महत्वपूर्ण घटक मंदिर, पूजा स्थल जहाँ सामूहिक आरती और ध्वजाबंधन होते हैं है, जहाँ लोग एकत्रित होकर देवी की महिमा का जश्न मनाते हैं। ये सभी घटक पारस्परिक रूप से जुड़ते हैं: नवरात्रि की तिथि पूजा विधि को निर्धारित करती है, पूजा विधि स्थानीय उत्सव के स्वर को आकार देती है, और मंदिर इन सभी को सार्वजनिक मंच प्रदान करता है।
इस संकलन में आप पाएँगे कि दुर्गा पूजा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, विभिन्न क्षेत्रों में अनोखी रिवाज, सही पूजा सामग्री की सूची, और उत्सव के दौरान बनाए जाने वाले व्यंजन जैसे प्रasad और khai‑वोइड। साथ ही, मौसमी मौसम की जानकारी, यात्रा सुझाव, और सुरक्षा उपाय भी शामिल हैं, जिससे आपका अनुभव सुगम और सुरक्षित बन सके। चाहे आप पहली बार दुर्गा पूजा कर रहे हों या कई बार मनाया हो, यहाँ आपको शुरुआती से लेकर अनुभवी भक्तों तक, सभी के लिए उपयोगी टिप्स मिलेंगे।
अब नीचे आप इन लेखों में गहराई से पढ़ सकते हैं और अपनी दुर्गा पूजा की तैयारियों को और भी आसान बना सकते हैं। प्रत्येक पोस्ट में विशिष्ट जानकारी और व्यावहारिक सलाह है, जो इस पावन अवसर को यादगार बनाने में मदद करेगी।
23 सितंबर 2025 को कोलकाता में चार दशकों में सबसे अधिक वर्षा हुई, जिससे शहर में वादर भरी जलभराव की स्थिति बन गई। इस दुर्लभ बवंडर में 10 लोगों की मौत हुई, अधिकांश बिजली के संपर्क में आकर मर गए। कोलकाता हवाई अड्डे पर 90 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं, जबकि कई ट्रेनें देर या रद्द हुईं। यू.एस. कांसुलेट ने भी अपने दफ्तर बंद कर दिए और दुर्गा पूजा की तैयारियों में भी बाधा आई। शहर अब धीरे‑धीरे सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहा है।