कोलकाता में चार दशकों की सबसे भारी बारिश: 90 से अधिक उड़ानें रद्द, ट्रेन सेवाएँ बाधित, दुर्गा पूजा पर असर

कोलकाता में चार दशकों की सबसे भारी बारिश: 90 से अधिक उड़ानें रद्द, ट्रेन सेवाएँ बाधित, दुर्गा पूजा पर असर
Shubhi Bajoria 24 सितंबर 2025 0 टिप्पणि

23 सितंबर को कोलकाता ने चार दशकों में दर्ज सबसे भारी वर्षा देखी। लगातार सोमवार से शुरू हुई इस बवंडर ने पूरे शहर को जलजमाव, राहगीरों की असुविधा और सार्वजनिक सेवाओं में बड़े व्यवधान का सामना कराया। कोलकाटा भारी बारिश ने न केवल स्थानीय जीवन को थाम दिया, बल्कि कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को भी अजनबी बनाकर छोड़ दिया।

प्रमुख प्रभाव

जलभारी बारिश के कारण उत्पन्न हुए सबसे ठोस परिणाम नीचे सूचीबद्ध हैं:

  • कोलकाता अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 90 से अधिक घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द, जिससे हजारों यात्रियों को अनिश्चित स्थितियों का सामना करना पड़ा।
  • भारतीय रेलवे की कई प्रमुख लाइनों पर ट्रेनें देर से चलीं, कुछ मार्ग पूरी तरह रद्द कर दिए गए, जिससे दैनिक प्रवासियों और यात्रियों पर भारी असर पड़ा।
  • बतौर अंतिम परिणाम, जलभराव के कारण 10 लोगों की मौत हुई, जिनमें अधिकांश ने पानी में विद्युत संरक्षण उपकरणों के संपर्क में आ कर घातक शॉक झेला।
  • यू.एस. कांसुलेट जनरल कोलकाता ने सुरक्षा कारणों से अपने सभी कार्यस्थलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया, जो इस आपदा की गंभीरता को दर्शाता है।
  • दुर्गा पूजा के कार्यक्रमों में आयी बाधा के कारण मुख्य देवी-पूजा प्रतिमाओं को प्लास्टिक शीट से ढककर सुरक्षित किया गया, जबकि कई आरती स्थल भी जल से बाधित रहे।

इन घटनाओं ने न केवल आर्थिक नुकसान बढ़ाया, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को भी कमजोर कर दिया। कई प्रांतों से मदद के लिए बल्क कार्गो और राहत सामग्री लाने की घोषणा की गई, परन्तु बुनियादी जल निकासी सुविधाओं की कमी ने राहत कार्य को धीमा कर दिया।

प्रतिक्रिया और राहत कार्य

प्रतिक्रिया और राहत कार्य

बढ़ते जलभराव के मद्देनज़र, कोलकाता महानगर पालिका ने आपातकालीन कमाण्ड सेंटर स्थापित किया और जल निकासी के लिए अतिरिक्त पंप स्थापित करने का आदेश दिया। एंटी‑न्यूट्रीशन टीमों ने प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कर्मियों को तैनात किया और फंसते लोगों को सुरक्षित किया।

साथ ही, मेट्रो और बस सेवाओं ने भी अस्थायी रूप से संचालन बंद कर दिया, जिससे यात्रियों को वैकल्पिक साधनों का सहारा लेना पड़ा। लोकप्रिय टेलीविजन चैनलों ने सतत् अपडेटेज़ देकर जनता को सुरक्षा उपायों और बचाव कार्यों की जानकारी दी।

वर्तमान में, शहर के अधिकांश जिले धीरे‑धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौट रहे हैं, पर कुछ स्थानों पर अभी भी पानी की लहरें दिख रही हैं। निर्माणाधीन जल निकासी परियोजनाओं को तेज़ी से पूरा करने की योजना बनाई गई है, ताकि भविष्य में ऐसी आपदाएं कम प्रभावित हों।

जैसे ही मौसम का हल्का होना शुरू हुआ है, स्थानीय बाजारों और व्यापारियों ने धीरे‑धीरे अपनी दुकानों को खोलना शुरू किया है। परन्तु, दुर्गा पूजा की तैयारियों में अब भी कुछ देरी दिख रही है; कई पंडाल और झूलों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना पड़ रहा है। इस बीच, स्थानीय प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे जलभराव वाले क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचें और आवश्यकतानुसार सरकारी निर्देशों का पालन करें।