पिछले कुछ सालों में ड्रोन का इस्तेमाल सशस्त्र हमलों के लिए बढ़ा है। चाहे भारत की सीमा पर या बड़े शहरों में, ये छोटे उड़ने वाले उपकरण तेज़ी से लक्ष्य तक पहुँच जाते हैं और अक्सर बड़ी तबाही मचा देते हैं। इसलिए इस टॉपिक को समझना जरूरी है, ताकि आप खुद भी सही जानकारी रख सकें और जरूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई कर सकें।
सबसे पहले देखिए कारण। अक्सर ड्रोन का प्रयोग आतंकवादी समूह अपनी आवाज़ सुनाने के लिए करते हैं, क्योंकि यह कम लागत में बड़ी दूरी तक पहुँच सकता है। दूसरी ओर, कुछ राज्य या गैर‑राज्य एजेंसियां इसे जासूसी या निगरानी के लिये इस्तेमाल करती हैं। तकनीक के विकास से ड्रोन छोटे, तेज़ और आसानी से छिपे रहने वाले बन गए हैं, इसलिए उनका दुरुपयोग भी आसान हो गया।
देश में कई बार सीमाओं पर घुसपैठ करने वाली टीमें ड्रोन को निगरानी या हथियार ले जाने के लिये इस्तेमाल कर चुकी हैं। इससे न सिर्फ सुरक्षा बलों को मुश्किल होती है बल्कि आम जनता की रोज़मर्रा की ज़िंदगी भी प्रभावित हो जाती है। समझदारी यही है कि आप इस खतरे के मूल कारणों से अवगत रहें और सरकारी अपडेट्स पर नजर रखें।
ड्रोन हमले से बचाव के लिये सबसे पहले जागरूकता जरूरी है। यदि आपके इलाके में ड्रोन की आवाज़ सुनें या अजीब चमक देखें, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। कई शहरों में अब ‘ड्रोन डिटेक्शन’ सिस्टम लगाया जा रहा है – यह तकनीक अनजान ड्रोन को पहचान कर अलार्म देता है।
घर में भी छोटे‑छोटे कदम मददगार होते हैं: खिड़कियों पर मोटी स्क्रीन लगाएँ, बाहर के खुले स्थानों में बड़े पेड़ या छतरियां रखें जो संभावित उड़ान पथ को बाधित करें। अगर आप किसी बड़ी इवेंट की तैयारी कर रहे हैं तो स्थानीय प्रशासन से ड्रोन‑निषेध क्षेत्र के बारे में पूछें और अपने स्टाफ को इस विषय पर ट्रेनिंग दें।
समाचारों के लिये भरोसेमंद स्रोत चुनना भी अहम है। हमारा साइट "स्वर्ण मसाले समाचार" रोज़ाना अपडेटेड ड्रोन हमलों की खबर, सरकारी ब्रीफ़िंग और विशेषज्ञ राय पेश करता है। आप यहाँ से ताज़ा जानकारी ले सकते हैं और सुरक्षित रहने के टिप्स को फॉलो कर सकते हैं।
अंत में याद रखें कि डरने से कुछ नहीं होगा, लेकिन तैयार रहना बहुत फ़ायदा देगा। ड्रोन तकनीक आगे भी विकसित होगी, इसलिए लगातार सीखते रहें, सरकारी अलर्ट पर ध्यान दें और अपने आसपास की सुरक्षा के प्रति सतर्क रहें। यही तरीका है सुरक्षित रहने का, चाहे आप घर में हों या सड़क पर।
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच तनाव बढ़ने से दक्षिण कोरिया सतर्क हो गया है। उत्तर कोरिया ने सीमा पर सड़कें उड़ाने की चेतावनी दी है। यह कदम तब उठाया गया जब उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर उसके राजधानी में ड्रोन भेजने का आरोप लगाया। उत्तर कोरिया का कहना है कि ऐसा हुआ तो इसे युद्ध की घोषणा माना जाएगा। दोनों देशों के बीच ऐसी स्थिति लंबे समय से बनी हुई है।