जब रात में साफ़ आसमान देखते हैं तो चाँद की रोशनी हमें खींच लेती है। लेकिन बहुत लोग नहीं जानते कि इस सफेद गोले के पीछे कितने मजेदार तथ्य छिपे हैं। यहाँ हम सरल भाषा में उन बातों को बताएंगे, जिससे आपका ज्ञान थोड़ा बढ़ेगा और आप अगली बार किसी बातचीत में इनका इस्तेमाल कर सकेंगे।
सैकड़ों करोड़ साल पहले पृथ्वी पर टकराव हुआ था। उस समय एक बड़ी चट्टान (जिसे थिया कहा जाता है) ने धरती से टक्कर मार दी और उसका कुछ हिस्सा अलग होकर आज हम जो चाँद देखते हैं, वह बन गया। वैज्ञानिक इसे "जिएम्प्लानेटरी इम्पैक्ट" कहते हैं, पर आपको सिर्फ इतना ही याद रखना है कि हमारा चाँद एक ‘जुड़वां’ जैसा बना था।
आपको शायद पता होगा कि कभी चाँद गोल दिखता है, तो कभी अर्द्ध-गोल या फिर चमकीला “ड्राई” बन जाता है। यह इसलिए होता है क्योंकि सूर्य की रोशनी पृथ्वी और चाँद के बीच से अलग‑अलग कोनों पर पड़ती है। जब हम पूरी तरह प्रकाशित भाग देखते हैं तो उसे ‘पूर्णिमा’ कहते हैं, और अंधेरे भाग को ‘अमावस्या’। ये चरण हर 29.5 दिन में दोहराते हैं, इसलिए कैलेंडर बनाते समय इसको ध्यान में रखना जरूरी होता है।
आजकल चाँद के बारे में कई रोचक खबरें आती रहती हैं – जैसे कि कोई नया अंधकार या सुपरमून का असर। जब चाँद पृथ्वी से करीब आता है तो उसका आकार थोड़ा बड़ा दिखता है, और अक्सर लोग इसे फोटो खींचने का मौका मानते हैं। यह घटना ‘परिपूर्ण’ कहलाती है, लेकिन वैज्ञानिक तौर पर इसका मतलब सिर्फ दूरी में बदलाव होता है।
अगर आप इस चाँद की रोशनी से अपनी नींद को बेहतर बनाना चाहते हैं तो एक आसान टिप अपनाएं: रात के समय स्क्रीन का उपयोग कम करें और सोने से पहले हल्की धूप वाली लैंप से पढ़ें। इससे आपका शरीर प्राकृतिक ‘सर्कैडियन रिदम’ को फॉलो करता है और सुबह उठते ही ताजगी महसूस होती है।
खगोल विज्ञान के शौकीनों के लिए चाँद पर नजर रखना एक मजेदार काम बन जाता है। अक्सर अंतरिक्ष एजेंसियां नई खोजें साझा करती हैं, जैसे कि लुनर मॉड्यूल की परीक्षण उड़ान या चंद्र सतह पर पानी का पता लगाना। इन खबरों को फॉलो करने से आप भविष्य में मंगल मिशन या चाँद के बैंकेट प्रोजेक्ट्स को समझ पाएंगे।
भारत में भी चाँद को लेकर कई त्योहार और मान्यताएँ हैं। सबसे प्रमुख है ‘हिंदुस्तानी नव वर्ष’ का पहला दिन, जहाँ लोग चाँद को देख कर शुभकामनाएं लेते हैं। कुछ लोग इसे सौंदर्य, स्वास्थ्य या समृद्धि से जोड़ते हैं – इसलिए रात में चाँद देखकर मन खुशी से भर जाता है।
अगर आप अपने बच्चों को इस विषय में रूचि दिलाना चाहते हैं तो एक छोटा-सा प्रोजेक्ट कर सकते हैं: घर के बाहर एक कैलेंडर बनाइए और हर दिन चाँद की स्थिति नोट करें। कुछ हफ्तों बाद आप देखेंगे कि यह कितनी सटीकता से दोहराता है, जिससे बच्चे विज्ञान में उत्सुक हो जाएंगे।
अंत में याद रखें – चाँद सिर्फ एक चमकीला पत्थर नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, विज्ञान और दैनिक जीवन का हिस्सा है। इसके बारे में पढ़ते रहिए, नई खबरें फॉलो कीजिए और जब भी मौका मिले, रात के आकाश को निहारिए। यह छोटा‑सा कदम आपके ज्ञान को बड़ा बना देगा।
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