अभी कई क्षेत्रों में तेज़ बारिश ने नदी‑पानी को उफ़ान पर ले आया है, और बाढ़ का खतरा हर घर के सामने खड़ा हो गया है। अगर आप भी इन इलाकों में रहते हैं या यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो कुछ आसान कदम आज़माएँ – मौसम रिपोर्ट देखिए, निचली सड़कों से बचें, और अपने परिवार को एक साथ रखें। यही नहीं, सरकारी अलर्ट सुनना और स्थानीय मदद के नंबर याद रखना अक्सर ज़रूरी हो जाता है।
सबसे पहला काम है तैयार रहना। घर में जरूरी दवाइयाँ, पानी की बोतलें, टॉर्च और बैटरी रखिए। अगर आपके पास बेसमेंट या नीची मंज़िल पर सामान रखा है तो उसे ऊँचे प्लेटफ़ॉर्म पर ले जाएं। पड़ोसियों के साथ मिलकर एक छोटी‑सी बचाव टीम बनाएं – किसी को भी अकेले नहीं चलना चाहिए। सड़क की स्थिति बदलती रहती है, इसलिए गाड़ी चलाते समय स्थानीय पुलिस या डाकघर की अपडेटेड मैप देखें।
भोजन और पेय की बात करें तो पैकेटेड फ़ूड, चावल, दाल और कच्ची सब्जियाँ बेहतर होती हैं; इन्हें पानी में न छोड़ें। अगर बिजली कट जाती है तो रिफ्रिज़रेटर के दरवाज़े बंद रखें, ताकि ठंडा भोजन थोड़ा समय तक बना रहे।
हर राज्य की आपदा प्रबंधन विभाग बाढ़‑प्रभावित लोगों को शीघ्र मदद पहुँचाने के लिए मोबाइल रेस्क्यू टीमें तैनात करती है। इस दौरान डिज़ास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट (DMD) का 112 नंबर सबसे तेज़ संपर्क साधन है। कई बार स्थानीय अस्पतालों में आपातकालीन बेड की कमी हो सकती है, इसलिए निजी क्लिनिक या टेंट हॉस्पिटल्स के बारे में पहले से जानकारी रखें।
सरकारी योजना जैसे प्रधानमंत्री आवासीय योजना (PMAY) और न्यूनतम सहायता निधि (NRLM) बाढ़‑पीड़ित परिवारों को वित्तीय मदद देती हैं। अगर आपका घर नुकसान में है, तो तुरंत स्थानीय पंचायत या नगर निगम के पास शिकायत दर्ज कराएँ – कई बार फॉर्म ऑनलाइन भी उपलब्ध होते हैं, जिससे प्रक्रिया तेज़ होती है।
सुरक्षा के लिए एक छोटा‑छोटा कदम बड़ा फर्क डालता है: अपने मोबाइल पर मौसम अलर्ट ऐप इंस्टॉल रखें, घर में जलरोधी दरवाज़े लगवाएँ और निचली खिड़कियों को सील करें। बाढ़ का डर हमेशा रहेगा, लेकिन सही तैयारी से नुकसान कम किया जा सकता है।
आखिर में यही कहूँगा – अगर आपसी मदद और सरकारी सहायता दोनों को साथ लाते हैं तो बाढ़ के बाद की स्थिति जल्दी सुधरती है। सुरक्षित रहें, सतर्क रहें, और इस कठिन समय में एक दूसरे का सहारा बनें।
कर्नाटक के बल्लारी जिले में तुंगभद्रा बांध का गेट नंबर 19 खराब हो गया और शनिवार देर रात टूट गया, जिसके कारण अप्रत्याशित रूप से पानी का बहाव शुरू हो गया। इस घटना के बाद क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को सचेत रहने और सावधानियां बरतने की सलाह दी है।