भारतीय बल्लेबाज संजू सैमसन ने टी20 क्रिकेट में अपने करियर का एक अहम मुकाम हासिल किया। उन्होंने मात्र 269 पारियों में अपने 7000 रन पूरे किए। यह उपलब्धि उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टी20 मैच में हासिल की। इस मील के पत्थर पर पहुँचने के लिए सैमसन ने महेंद्र सिंह धोनी को पछाड़ दिया, जिन्हें 305 पारियों की आवश्यकता पड़ी थी। इस उपलब्धि के साथ, संजू अब टी20 क्रिकेट में 7000 रन बनाने वाले संयुक्त रूप से सातवें सबसे तेज भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं।
इस सूची में शीर्ष भारतीय बल्लेबाजों में केएल राहुल (197 पारी), विराट कोहली (212 पारी), शिखर धवन (246 पारी), सूर्यकुमार यादव (249 पारी), सुरेश रैना (251 पारी), रोहित शर्मा (258 पारी), संजू सैमसन (269 पारी) और रॉबिन उथप्पा (269 पारी) शामिल हैं। इसके साथ ही विश्व में सबसे तेज 7000 रन बनाने का रिकॉर्ड बाबर आजम के नाम है, जिन्होंने मात्र 187 पारियों में यह उपलब्धि हासिल की है। उनके बाद क्रिस गेल का स्थान आता है, जिन्होंने यह कारनामा 192 पारियों में किया है।
संजू सैमसन इस समय शानदार फॉर्म में हैं। साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज से पहले, वे बांग्लादेश के खिलाफ हाॅदरबाद में राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम में शानदार शतक बना चुके थे। साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टी20 मैच में जब भारत पहले बल्लेबाजी के लिए उतरा, तो सैमसन ने अपने साथी अभिषेक शर्मा को जल्दी खो दिया, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कप्तान सूर्यकुमार यादव के साथ मिलकर 66 रनों की साझेदारी की। सूर्यकुमार 17 गेंदों में 21 रन बनाकर पाट्रिक क्रूगर का शिकार हुए।
आगे की पारी में संजू ने साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों को खूब परेशान किया और 27 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने गेंदबाजों पर लगातार दबाव बनाये रखा और मैदान के चारों ओर शॉट्स लगाए। उनकी बल्लेबाजी का अंदाज ऐसा कि संघर्षरत स्थिति में भी टीम को मजबूती प्रदान की। टीम के प्रदर्शन में संजू की भूमिका हमेशा से ही महत्वपूर्ण रही है और उन्होंने अपनी उपलब्धियों के माध्यम से टीम को मजबूती दी है।
संजू का करियर उधंतार पर है और उनसे भविष्य में भी शानदार प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है। उनके शानदार फॉर्म और नई उपलब्धियों ने उन्हें टीम के महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर दिया है। उनके बल्लेबाजी की क्षमता और दबाव के क्षणों में धैर्य उन्हें एक बेहतरीन खिलाड़ी बनाते हैं। संजू सैमसन का यह करियर मील का पत्थर भविष्य में उनकी छवि को और मजबूती देगा और उन्हें भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक विशेष स्थान दिलाएगा।