अरविंद केजरीवाल की सेहत को लेकर आप नेताओं के झूठे दावे: तिहाड़ जेल की सफाई

अरविंद केजरीवाल की सेहत को लेकर आप नेताओं के झूठे दावे: तिहाड़ जेल की सफाई
Shubhi Bajoria 16 जुलाई 2024 5 टिप्पणि

अरविंद केजरीवाल की सेहत पर आप नेताओं के दावे का पीछे का सच

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सेहत को लेकर हाल ही में आप पार्टी के नेता संजय सिंह ने एक बयान दिया था। उन्होंने दावा किया था कि तिहाड़ जेल में रहते हुए केजरीवाल ने 8.5 किलो वजन कम किया है। संजय सिंह ने कहा था कि यह वजन कम होना किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। इस दावे के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने अपनी सफाई पेश की है।

तिहाड़ जेल के अधिकारियों की प्रतिक्रिया

तिहाड़ जेल प्रशासन ने आप नेताओं के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि अरविंद केजरीवाल का वजन 65 किलो से घटकर 61.5 किलो हुआ है। जेल अधिकारियों ने बताया कि वजन कम होने का कारण केजरीवाल द्वारा कम खाना खाना या कम कैलोरी का सेवन करना हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि केजरीवाल के रक्त शर्करा स्तर में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, लेकिन उनके अन्य महत्वपूर्ण स्वास्थ्य पैरामीटर्स सामान्य हैं।

केजरीवाल की स्वास्थ्य स्थिति पर तिहाड़ जेल की नजर

केजरीवाल की सेहत पर नजर रखी जा रही है और उन्हें चौबीसों घंटे वरिष्ठ चिकित्सक की निगरानी में रखा गया है। जेल प्रशासन ने इस बात की पुष्टि की कि केजरीवाल को टाइप-2 मधुमेह है, साथ ही उन्हें पुरानी खांसी और समय-समय पर कब्ज की समस्या रहती है। इन सभी समस्याओं के बावजूद, उन्हें लगातार जरूरी चिकित्सा सहायता और तीन बार घर का बना खाना दिया जा रहा है।

आप नेताओं द्वारा झूठी जानकारी फैलाने का आरोप

आप नेताओं द्वारा झूठी जानकारी फैलाने का आरोप

तिहाड़ जेल प्रशासन ने आप नेताओं पर सोशल मीडिया के माध्यम से झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है। प्रशासन का कहना है कि इस तरह की अफवाहें जनता को गुमराह करने के उद्देश्य से फैलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को जेल में पर्याप्त चिकित्सा सहायता दी जा रही है और उनकी सेहत की नियमित जांच की जा रही है।

एम्स मेडिकल बोर्ड से परामर्श

अरविंद केजरीवाल की रक्त शर्करा स्तर के निरंतर उतार-चढ़ाव को देखते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन ने एम्स मेडिकल बोर्ड से परामर्श के लिए अनुरोध भी भेज दिया है। इसका उद्देश्य केजरीवाल की सेहत की विस्तृत जांच और उचित इलाज सुनिश्चित करना है। एम्स मेडिकल बोर्ड के सलाहकारों द्वारा की गई जांच के आधार पर जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

केजरीवाल की खांसी और कब्ज से जुड़ी समस्याएँ

अक्सर देखा गया है कि जिन लोगों को टाइप-2 मधुमेह होता है, उन्हें अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। केजरीवाल को भी इसी तरह की समस्याएँ हैं। उन्हें पुरानी खांसी और कब्ज की शिकायत रहती है, जिससे उनकी सेहत पर असर पड़ता है। लेकिन, जेल प्रशासन द्वारा सुनिश्चित किया गया है कि उन्हें समय पर सभी दवाइयाँ और उपचार मिलें।

समाज पर असर

समाज पर असर

इसी प्रकार की अफवाहें और झूठी जानकारी जब सार्वजनिक होती है, तो इसका समाज पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जनता में भ्रम फैलता है और सच्चाई से दूर हो जाती है। ऐसा करना किसी भी राजनेता के लिए उचित नहीं है। असल मुद्दों से ध्यान हटाकर इस तरह की अफवाहें फैलाना एक गंभीर समस्या बन सकती है।

समाज में सही सूचना और तथ्यों पर आधारित संवाद होना चाहिए। इस पूरी घटना से यह स्पष्ट है कि हमें किसी भी जानकारी को सत्यापित करके ही आगे बढ़ाना चाहिए।

समाप्ति

यह मामला हमें यह याद दिलाता है कि राजनीति में पारदर्शिता और ईमानदारी कितनी महत्वपूर्ण है। अरविंद केजरीवाल की सेहत को लेकर तिहाड़ जेल प्रशासन ने जो जानकारी दी है, वह इस बात की पुष्टि करती है कि जेल प्रशासन उनकी सेहत के प्रति पूरी तरह सचेत और जिम्मेदार है।

5 टिप्पणि
Arpit Jain जुलाई 17 2024

ये सब नेता तो बस अपनी जनता को धोखा देने में ही माहिर हैं। 8.5 किलो वजन कम हुआ? अरे भाई, तिहाड़ में खाना तो बहुत अच्छा होता है, अगर तुम चाहो तो तीन बार घर जैसा खाना मिल जाता है। वजन कम होने का मतलब बीमारी नहीं, बल्कि शायद वो अब चावल की जगह ब्रोकोली खा रहे हैं।

Karan Raval जुलाई 19 2024

सच्चाई ये है कि हर किसी की सेहत का ख्याल रखना जरूरी है चाहे वो नेता हो या आम आदमी। जेल में भी इंसानियत बरकरार रहनी चाहिए। अगर केजरीवाल को डायबिटीज है तो उन्हें दवाइयाँ और खाना ठीक से मिल रहा है तो ये बात अच्छी है। अफवाहें फैलाने से कोई फायदा नहीं, बल्कि देश को बांटने का काम होता है।

divya m.s जुलाई 20 2024

ये आप नेता तो बस एक बार फिर से बकवास फैला रहे हैं। 8.5 किलो वजन कम हुआ? अरे भाई ये तो बस उनकी जेल की चावल की रोटी का नाम लेकर अफवाह फैला रहे हैं। जेल प्रशासन ने तो साफ कह दिया कि एम्स के डॉक्टर भी उनकी निगरानी कर रहे हैं। अब तुम लोग बस इस बात को छुपाने की कोशिश कर रहे हो कि तुम्हारा राजनीतिक रंग बदल गया है। बेवकूफ लोगों को धोखा देने की ये तरकीब अब काम नहीं करेगी।

PRATAP SINGH जुलाई 20 2024

इस घटना का विश्लेषण करने के लिए हमें डेटा के आधार पर निष्कर्ष निकालना चाहिए, न कि भावनात्मक अभिव्यक्ति के आधार पर। तिहाड़ जेल प्रशासन द्वारा प्रस्तुत किए गए स्वास्थ्य आँकड़े वैज्ञानिक रूप से सत्यापित हैं। एम्स के सलाहकारों की भागीदारी भी इस बात की पुष्टि करती है कि चिकित्सा प्रक्रिया पारदर्शी है। इसलिए, अफवाहों के आधार पर निर्णय लेना अनुचित है।

Akash Kumar जुलाई 21 2024

सच्चाई कभी छिपती नहीं। अगर किसी की सेहत के बारे में अफवाहें फैलाई जा रही हैं, तो उसका जवाब सिर्फ तथ्यों से ही दिया जा सकता है। तिहाड़ जेल ने जो जानकारी दी है, वो पूरी तरह से पारदर्शी है। ये एक नमूना है कि एक राष्ट्रीय संस्थान कैसे जिम्मेदारी से काम करता है। हमें ऐसे मामलों में भावनाओं की जगह तथ्यों पर भरोसा करना चाहिए।

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