दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सेहत को लेकर हाल ही में आप पार्टी के नेता संजय सिंह ने एक बयान दिया था। उन्होंने दावा किया था कि तिहाड़ जेल में रहते हुए केजरीवाल ने 8.5 किलो वजन कम किया है। संजय सिंह ने कहा था कि यह वजन कम होना किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। इस दावे के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने अपनी सफाई पेश की है।
तिहाड़ जेल प्रशासन ने आप नेताओं के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि अरविंद केजरीवाल का वजन 65 किलो से घटकर 61.5 किलो हुआ है। जेल अधिकारियों ने बताया कि वजन कम होने का कारण केजरीवाल द्वारा कम खाना खाना या कम कैलोरी का सेवन करना हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि केजरीवाल के रक्त शर्करा स्तर में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, लेकिन उनके अन्य महत्वपूर्ण स्वास्थ्य पैरामीटर्स सामान्य हैं।
केजरीवाल की सेहत पर नजर रखी जा रही है और उन्हें चौबीसों घंटे वरिष्ठ चिकित्सक की निगरानी में रखा गया है। जेल प्रशासन ने इस बात की पुष्टि की कि केजरीवाल को टाइप-2 मधुमेह है, साथ ही उन्हें पुरानी खांसी और समय-समय पर कब्ज की समस्या रहती है। इन सभी समस्याओं के बावजूद, उन्हें लगातार जरूरी चिकित्सा सहायता और तीन बार घर का बना खाना दिया जा रहा है।
तिहाड़ जेल प्रशासन ने आप नेताओं पर सोशल मीडिया के माध्यम से झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है। प्रशासन का कहना है कि इस तरह की अफवाहें जनता को गुमराह करने के उद्देश्य से फैलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को जेल में पर्याप्त चिकित्सा सहायता दी जा रही है और उनकी सेहत की नियमित जांच की जा रही है।
अरविंद केजरीवाल की रक्त शर्करा स्तर के निरंतर उतार-चढ़ाव को देखते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन ने एम्स मेडिकल बोर्ड से परामर्श के लिए अनुरोध भी भेज दिया है। इसका उद्देश्य केजरीवाल की सेहत की विस्तृत जांच और उचित इलाज सुनिश्चित करना है। एम्स मेडिकल बोर्ड के सलाहकारों द्वारा की गई जांच के आधार पर जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
अक्सर देखा गया है कि जिन लोगों को टाइप-2 मधुमेह होता है, उन्हें अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। केजरीवाल को भी इसी तरह की समस्याएँ हैं। उन्हें पुरानी खांसी और कब्ज की शिकायत रहती है, जिससे उनकी सेहत पर असर पड़ता है। लेकिन, जेल प्रशासन द्वारा सुनिश्चित किया गया है कि उन्हें समय पर सभी दवाइयाँ और उपचार मिलें।
इसी प्रकार की अफवाहें और झूठी जानकारी जब सार्वजनिक होती है, तो इसका समाज पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जनता में भ्रम फैलता है और सच्चाई से दूर हो जाती है। ऐसा करना किसी भी राजनेता के लिए उचित नहीं है। असल मुद्दों से ध्यान हटाकर इस तरह की अफवाहें फैलाना एक गंभीर समस्या बन सकती है।
समाज में सही सूचना और तथ्यों पर आधारित संवाद होना चाहिए। इस पूरी घटना से यह स्पष्ट है कि हमें किसी भी जानकारी को सत्यापित करके ही आगे बढ़ाना चाहिए।
यह मामला हमें यह याद दिलाता है कि राजनीति में पारदर्शिता और ईमानदारी कितनी महत्वपूर्ण है। अरविंद केजरीवाल की सेहत को लेकर तिहाड़ जेल प्रशासन ने जो जानकारी दी है, वह इस बात की पुष्टि करती है कि जेल प्रशासन उनकी सेहत के प्रति पूरी तरह सचेत और जिम्मेदार है।