El Clásico Rivalry: मार्क मार्केज़ और कार्लोस सैंज के बीच फुटबॉल जूनून की जंग

खेल 27 अप्रैल 2025 प्रियंका कश्यप

फुटबॉल का जुनून: जब मोटरस्पोर्ट्स ने लीग बदल दी

स्पेन का क्लब फुटबॉल हमेशा से ही रोमांच और जुनून से भरा रहा है, खासकर जब बात El Clásico यानी रियल मैड्रिड और एफसी बार्सिलोना के बीच टकराव की हो। लेकिन इस बार मैदान पर फुटबॉलर नहीं, मोटरस्पोर्ट्स के सुपरस्टार्स आमने-सामने आ गए।मार्क मार्केज़ (MotoGP के दिग्गज) और कार्लोस सैंज (फेरारी एफ1) एक प्रमोशनल फोन कॉल में अपने-अपने पसंदीदा क्लब्स की शान बचाने के लिए भिड़ गए।

एस्टेला गैलिसिया की इस प्रमोशनल कॉल में दोनों ब्रांड एम्बेसडर ने अपनी स्पोर्ट्स-स्पिरिट को फुटबॉल पैशन के साथ जोड़ा। मार्केज़ बचपन से बार्सिलोना फैन हैं, वहीं कार्लोस सैंज बेचैन रियल समर्थक। बात बढ़ी तो तंज भी तेज हो गए–मार्केज़ ने सैंज को आगाह किया, ‘अगर दिल दुखाना नहीं चाहते तो मैच मत देखना।’ सैंज का जवाब कुछ कम नहीं था, 'रियल मैड्रिड फाइनल्स कभी हारता ही नहीं!' दोनों ने यह शर्त भी लगा दी कि जिसकी टीम हारेगी, विजेता को बीयर पिलाएगा।

El Clásico की राइवलरी: खिलाड़ियों की सीमाओं पार

फुटबॉल के ये दो नामी क्लब्स सिर्फ स्पेन ही नहीं, बल्की पूरी दुनिया के फुटबॉल प्रेमियों के दिलों में बसते हैं। मैच के नतीजे से कहीं ज्यादा, दोनों की यह चुहलबाजी सोशल मीडिया पर चर्चाओं का विषय बन गई। स्पेन में El Clásico को लेकर ऐसा जुनून है कि यह बहस किसी एक खेल तक सीमित नहीं रहती। मार्केज़ और सैंज की खींचतान ने यह साबित कर दिया कि फुटबॉल राइवलरी कैसे क्रॉस-ओवर होकर, मोटरस्पोर्ट्स में भी अपनी जगह बना लेती है।

इन दोनों दिग्गज चेहरों की बातचीत में कहीं न कहीं वो Messi vs. Ronaldo वाली फीलिंग झलकती है। मेसी और रोनाल्डो के जाने के बाद से भले ही यूरोपीय फुटबॉल थोड़ा फीका पड़ा, लेकिन El Clásico की टेंशन अभी भी जिंदा है—चाहे वो रेसिंग ट्रैक हो या प्रमोशनल सर्कल। अब सोशल मीडिया से लेकर फैंस के बीच, इस दौर की यह नई 'ह्यूमन राइवलरी' अपना रंग दिखा रही है।

  • मार्केज़ और सैंज की बहस ने El Clásico को एक नया चेहरा दिया
  • दोनों के मुकाबले में स्पोर्ट्स की सीमा टूट गई—फुटबॉल की दिवानगी हर जेनरेशन में दिखती है
  • स्पॉन्सर ब्रांड्स भी ऐसे मजेदार 'नॉकवर्स' से खुश रहते हैं, जिससे गेम्स के प्रशंसक करीब आते हैं

स्पोर्ट्स का असली रोमांच तभी है जब खिलाड़ी मैदान से बाहर भी अपनी टीम के लिए दिल से लड़ जाएं। यही El Clásico की ताकत है, जो हर सूरत में सामने आती है—चाहे पैर हो, पहिए हों, या सिर्फ एक फोन कॉल!

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