Arundhati Reddy की गंभीर लेग इन्जरी से भारत की वर्ल्ड कप bowling पर बड़े सवाल

Arundhati Reddy की गंभीर लेग इन्जरी से भारत की वर्ल्ड कप bowling पर बड़े सवाल
Shubhi Bajoria 26 सितंबर 2025 0 टिप्पणि

इन्जरी का विवरण

बिचौलिया इंग्लैंड के खिलाफ वार्म‑अप मैच में Arundhati Reddy को बायीं पैर में अचानक दर्द महसूस हुआ। गेंदबाज़ी समाप्त करने के बाद वह चलने में असमर्थ हुई और मैदान के मैदान के किनारे तक पहुँचने में व्हीलचेयर की मदद लेनी पड़ी। कप्तान और स्टाफ ने तुरंत मेडिकल टीम को बुलाया, जिसने बताया कि हड्डी या लिगामेंट में चोट हो सकती है, इसलिए आगे की जांच अनिवार्य है। इस घटना को कई विशेषज्ञों ने ‘फ्रिक इन्जरी’ कहा, क्योंकि यह तैयारी मैच में ऐसा कोई पूर्व संकेत नहीं था।

रॉडिडी ने पिछले दो साल में भारत की पेसिंग साइड में महत्वूपर्ण भूमिका निभाई है। 2022 के एशिया कप में उनका 18.5 ओवर में 4 विकेट का प्रदर्शन यादगार था, और वे महिला ODI वर्ल्ड कप में मुख्य फास्ट बॉलर के रूप में चुनी गई थीं। इस चोट ने न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत तैयारी को प्रभावित किया, बल्कि टीम के प्लानिंग में भी बड़ा मोड़ लाया है।

वर्ल्ड कप पर प्रभाव

वर्ल्ड कप पर प्रभाव

इंजरी का असर दो पहलुओं में दिखेगा। पहला, बॉलिंग यूनिट में गति और गहराई को बनाए रखना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि रॉडिडी की रफ़्ट और बाउंस क्षमता टीम का बड़ा हथियार रही है। दूसरा, टीम मैनेजमेंट को तुरंत विकल्प ढूँढ़ना पड़ेगा। वर्तमान में भारत की तेज गेंदबाज़ी में मूर्ति, जेनिफर फाल्कोना, मोहर फेज़ली और कोरिना नैयर जैसी खिलाड़ी हैं, पर उनके साथ तालमेल बनाने में समय लग सकता है।

  • जेनिफर फाल्कोना: हालिया सीरीज में तेज़ गति और प्रयोगात्मक स्विंग दिखा रही हैं।
  • मोहर फेज़ली: मध्यम गति पर नियंत्रण और लाइन‑लेंथ में माहिर।
  • कोरिना नैयर: नई उभरती प्रतिभा, जो घरेलू टुर्नामेंट में लगातार सुधार दिखा रही हैं।

चिकित्सीय टीम अभी वेस्टपर को एकीकृत कर रही है, जिससे यह पता चल सके कि रॉडिडी को व्यायाम या उपचार के बाद कितनी जल्दी मैदान पर वापसी की संभावना है। यदि 2‑3 हफ्तों में पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं हुईं, तो टीम को वर्ल्ड कप से पहले एक प्रतिस्थापन बॉलर को अंतिम तस्वीर में लाना होगा। यह निर्णय कोच कन्नन और कप्तान मेहता के बीच गहन चर्चा का विषय बनेगा।

अंत में, यह घटना खिलाड़ियों की तैयारी के दौरान भी जोखिमों को उजागर करती है। वार्म‑अप मैचों में सुरक्षा उपायों को पुनः मूल्यांकन करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इसी तरह के ‘फ़्रिक’ इन्जरी से बचा जा सके।