अगर आप रोज़मर्रा की खर्ची या कर‑रिटर्न से जुड़ी खबरें फॉलो करते हैं, तो इस बजट को मिस नहीं करना चाहिए। सरकार ने 1 फ़रवरी को नर्मला सीतारमण के हाथों नया वित्तीय योजना पेश किया। इसमें टैक्स में बदलाव, नई सामाजिक योजनाएँ और बुनियादी ढाँचा कैसे सुधरेगा‑यह सब एक ही जगह मिलते हैं। चलिए समझते हैं कि यह आपके जेब पर कैसे असर डालेगा।
सबसे पहले, टैक्स स्लैब में हल्की कटौती की गई है। 30 % टैक्स वाले लोगों को 5 हजार रुपए का छूट मिला है, जबकि 20 % स्लैब में कोई नया बदलाव नहीं हुआ। इस साल से वैट (GST) की कुछ वस्तुओं पर 1 % तक की दर घटाई गई है—मुख्य रूप से बेसिक फ़ूड आइटम और मेडिकल सप्लाईज़। यह छोटा‑छोटा सुधार रोज़मर्रा के खर्चे को थोड़ा हल्का करेगा।
परिणामस्वरूप, सरकार ने 2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व लक्ष्य रखा है। इस पैसें का बड़ा हिस्सा सड़कों, रेल्वेज और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में जाएगा। राष्ट्रीय हाईवे नेटवर्क को 2028 तक 15 % बढ़ाने की योजना है, जबकि ग्रामीण broadband कनेक्टिविटी पर 30 % अधिक फंड आवंटित किया गया है।
सामाजिक क्षेत्र भी नहीं छोड़ा गया। वृद्धावस्था पेंशन में सालाना 10 हजार रुपए की बढ़ोतरी होगी और गरीब परिवारों के लिए नया “स्वच्छ जल योजना” लॉन्च होगा, जिसका लक्ष्य अगले दो साल में ग्रामीण भारत के 80 % घरों को सुरक्षित पानी प्रदान करना है।
अगर आप छोटे व्यवसायी हैं तो नई MSME फंडिंग स्कीम आपके काम आ सकती है। सरकार ने 5 हजार करोड़ रुपये का विशेष फंड बनाया है, जिसे बिना किसी अतिरिक्त दस्तावेज़ के सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा। इससे छोटे उद्यमियों को जल्दी पूँजी मिल सकेगी और विस्तार आसान होगा।
कर्मचारियों के लिए, ईपीएफ योगदान में 0.5 % की बढ़ोतरी होगी, जिससे भविष्य में रिटायरमेंट पेंशन थोड़ा अधिक मिलेगी। साथ ही, नई “डिजिटल साक्षरता” योजना के तहत स्कूल और कॉलेजों को मुफ्त टैबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे छात्रों का डिजिटल सीखना आसान हो जाएगा।
उच्च आय वाले लोगों के लिए सबसे बड़ा सवाल है टैक्स कटौती। 5 हजार रुपए की छूट से थोड़ा राहत मिलती है, लेकिन कुल टैक्स बोझ अभी भी अधिक रहेगा क्योंकि नई राजस्व लक्ष्य को पूरा करने के लिये कई बड़े कंपनियों पर एंटी‑डम्पिंग टैरिफ लागू किया गया है। अगर आप निवेशक हैं तो स्टॉक मार्केट में कुछ सेक्टर—जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल सेवाएँ—अधिक आकर्षक हो सकते हैं।
बजट को देख कर अक्सर लोग पूछते हैं‑ “क्या इसे समझना मुश्किल है?” नहीं, अगर आप आधिकारिक वेबसाइट पर जा कर ‘Budget Highlights’ PDF खोलेंगे तो 10 पृष्ठों में सभी मुख्य बिंदु मिल जाएंगे। साथ ही कई ऐप्स अब बजट का सारांश आवाज़ में पढ़कर देते हैं, जिससे सुनते‑सुनते भी समझ सकते हैं।
अंत में, इस बजट का सबसे बड़ा उद्देश्य ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को तेज़ी से आगे बढ़ाना है। इसलिए हर सेक्टर—कृषि, उद्योग, शिक्षा और स्वास्थ्य—पर ध्यान दिया गया है। आपके लिए अब सिर्फ़ ये देखना बाकी है कि कौन‑सी योजना आपके जीवन में सीधे मदद करेगी और उससे कैसे लाभ उठाया जाए।
भारत की जीडीपी वृद्धि दर वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में 5.4% पर आ गई, जो पिछले दो वर्षों में सबसे कम है। निर्मिती और निजी खपत में कमजोरी के कारण यह गिरावट आई है, जिससे यह दर विश्लेषकों के अनुमानित 6.5% से कम है। अर्थशास्त्रियों ने साल के दौरान 7% वृद्धि के लक्ष्य पर चिंता व्यक्त की है।