क्या आपने सुना है कि भारत में हर साल नई सोलर पॉवर प्लांटें बन रही हैं? अगर आप भी इस क्षेत्र में कदम रखना चाहते हैं तो सही जगह पर आए हैं। यहाँ हम आपको सबसे आसान तरीकों से बताएँगे कि सौर ऊर्जा परियोजना कैसे शुरू करें, कौन‑सी सरकारी योजना मदद करती है और आपके लिए क्या फायदे होंगे।
सबसे पहले तो देखिए सरकार की मुख्य स्कीम – सोलर पावर इनडोर (SPIP) योजना, जो छोटे किसानों से लेकर बड़े उद्योगों तक सबको 30‑40% सब्सिडी देती है। इसके अलावा, राज्य‑स्तरीय टैक्स रिबेट और सॉलर लोन सुविधा भी मिलती है, जिससे शुरुआती पूँजी की चिंता कम हो जाती है। अगर आप बैंक या NBFC से लोन ले रहे हैं तो ‘सोलर लोन’ के नाम से एक विशेष प्रोडक्ट देखें; इसमें ब्याज दरें आमतौर पर 9‑11% के बीच रहती हैं और रीपेमेंट अवधि 5‑7 साल तक मिल सकती है।
1. साइट सर्वे: सबसे पहले जमीन या छत की सौर संभावनाएँ जांचें। धूप का औसत घंटे, शेडिंग और पैनल माउंटिंग स्पेस देखना जरूरी है। 2. पावर रेटिंग तय करें: घर के लिये 3‑5 kW, छोटे उद्योगों को 10‑50 kW और बड़े प्रोजेक्ट्स में 100 MW तक जा सकते हैं। आप जितनी शक्ति चाहते हैं, उतने पैनल की संख्या बढ़ेगी। 3. टेक्निकल कंसल्टेंट चुनें: अनुभवी इन्जीनियर या कंपनी से कॉन्सेप्ट डिज़ाइन करवाएँ। उनकी रिपोर्ट में शेड्यूल, लागत और ROI (रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट) स्पष्ट होना चाहिए। 4. फायनेंसिंग फाइल करें: सब्सिडी के लिए ऑनलाइन आवेदन भरें, लोन डॉक्यूमेंट तैयार रखें और आवश्यक मंजूरी लें। 5. इंस्टॉलेशन और कनेक्शन: मान्य EPC (Engineering Procurement Construction) कंपनी से पैनल लगवाएँ, फिर डिस्ट्रिक्ट एनेर्जी ऑफिस में ग्रिड कनेक्शन की प्रक्रिया शुरू करें। 6. ऑपरेशन & मेनटेनेंस: हर साल 5‑10% रखरखाव खर्च आता है; सफाई, इन्वर्टर जांच और इन्श्योरेंस को न भूलें।
जब सभी चरण पूरे हो जाएँ तो आप अपनी बिजली बिल में 50‑80% बचत देखेंगे। साथ ही, सौर ऊर्जा से निकलने वाली हर यूनिट CO₂ कम होने के कारण पर्यावरण भी साफ़ रहेगा।
वर्तमान में राजस्थान की जैसलमेर 500 MW सोलर फार्म, तमिलनाडु का कन्नीपुराम 300 MW प्लांट और गुजरात के सूर्यनगर 250 MW प्रोजेक्ट बहुत चर्चा में हैं। इन सभी ने दिखाया है कि बड़े पैमाने पर भी सोलर ऊर्जा जल्दी किफायती बन रही है। छोटे स्तर पर, कई स्कूलों ने छत‑स्थापित पैनलों से अपनी विद्युत आवश्यकता का 70% पूरा किया है – यह एक तेज़ी से बढ़ता ट्रेंड है।
यदि आप अभी शुरुआत कर रहे हैं तो ‘सोलर किट’ (5‑10 kW) खरीदना सबसे आसान विकल्प है। इसे खुद इंस्टॉल करना या स्थानीय ठेकेदार को देना, दोनों ही संभव है और शुरुआती निवेश कम रहता है। एक साल के भीतर बची हुई बिजली की कीमत से आपका खर्च पूरा हो जाता है।
अंत में, याद रखें कि सौर ऊर्जा सिर्फ पैसे बचाने का साधन नहीं बल्कि भविष्य की ऊर्जा सुरक्षा भी है। सही योजना, सरकारी मदद और भरोसेमंद पार्टनर चुनें – फिर देखें कैसे आपकी छोटी सी परियोजना बड़े बदलाव का हिस्सा बन जाती है।
रामा स्टील ट्यूब्स लिमिटेड (RSTL) के शेयर 5 सितंबर 2024 को 20% ऊपरी सर्किट पर पहुंचे, जब कंपनी ने ओनिक्स रिन्यूवेबल लिमिटेड के साथ रणनीतिक सहयोग की घोषणा की। यह सहयोग RSTL की ग्रीन ऊर्जा क्षेत्र में प्रविष्टि का संकेत देता है, जिससे कंपनी सौर परियोजनाओं के लिए विशेष स्टील संरचनाओं और ट्रैकर ट्यूब्स का उपयोग करेगी।