अगर आप कभी भी स्टॉक मार्केट देखे बिना नहीं रह सकते, तो निफ़्टी आपका पहला दोस्त होगा। यह भारत की सबसे बड़ी शेयर इंडेक्स है जो 50 प्रमुख कंपनियों का औसत लेती है। जब ये 50 कंपनी अच्छे प्रदर्शन करती हैं, तो निफ़्टी ऊपर जाता है और आपका पोर्टफ़ोलियो भी बढ़ता है।
कंपनी की कमाई, सरकारी नीतियां और वैश्विक बाजार सब मिलकर निफ़्टी को हिला देते हैं। उदाहरण के तौर पर, जब RBI ब्याज दर घटाती है तो फाइनेंस स्टॉक्स में बढ़ोतरी होती है और निफ़्टी भी साथ‑साथ ऊपर जाता है। इसी तरह, अगर विदेशों में तेल की कीमत गिरती है तो भारतीय ऊर्जा कंपनियों का मुनाफा बेहतर हो सकता है, जिससे इंडेक्स को फायदा मिलता है।
आप अपने फोन पर किसी भी फाइनेंशियल ऐप से निफ़्टी की रीयल‑टाइम कीमत देख सकते हैं, बस ‘NIFTY 50’ सर्च कर दें। अगर सीधे शेयर खरीदना मुश्किल लगता है तो आप NIFTY एक्सचेंज ट्रेडेड फ़ंड (ETF) या म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। ये दोनों ही तरीके आपके पैसे को निफ़्टी के साथ चलाते हैं, बिना हर एक कंपनी की अलग‑अलग स्टॉक खरीदने की ज़रूरत पड़े।
निवेश करने से पहले अपने लक्ष्य तय करें: अगर आप दीर्घकालिक पूंजी वृद्धि चाहते हैं तो कम जोखिम वाले फ़ंड चुनें; और अगर आपको अल्पकालिक मोमेंटम से फायदा चाहिए तो रिटेल ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म पर लाइव चार्ट देख सकते हैं। याद रखें, मार्केट हमेशा उतार‑चढ़ाव करता है, इसलिए भावनाओं में नहीं, आंकड़ों में भरोसा रखिए।
आज की बात करें तो निफ़्टी 18,500 के आसपास चल रहा है। पिछले हफ्ते कुछ बड़े टेक कंपनियों ने बेहतर क्वार्टर्ली रिजल्ट दिखाए जिससे इंडेक्स को थोड़ा बूस्ट मिला। अगर आप इस रेंज में एंट्री करना चाहते हैं, तो अब तक का डेटा देख कर उचित स्ट्राइक प्राइस तय करें।
अंत में एक छोटी टिप: हर महीने अपने पोर्टफ़ोलियो की समीक्षा जरूर करें। निफ़्टी के साथ जुड़ी कंपनियों के समाचार पढ़ें, क्योंकि किसी भी बड़े बदलाव से आपका निवेश सीधे असर ले सकता है। सरल शब्दों में कहें तो, निफ़्टी को समझना और उसके अनुसार चलना ही शेयर बाजार में सफलता का पहला कदम है।
यह लेख निफ्टी इंडेक्स के वर्तमान तकनीकी दृष्टिकोण के बारे में चर्चा करता है, विशेष रूप से 50-दिन एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (EMA) क्षेत्र के आसपास इसके समर्थन पर ध्यान केंद्रित करता है। निफ्टी 23,950-24,000 के समर्थन क्षेत्र में है और 23,600 महत्वपूर्ण समर्थन स्तर है। निकटतम प्रतिरोध 24,150-24,200 के बीच है। विशेषज्ञों की राय में, अल्पकालिक रुझान कमजोर बना हुआ है।