मानसिक स्वास्थ्य: दिमाग को फिट रखने के आसान कदम

हम सब अपने‑अपने काम में व्यस्त रहते हैं, लेकिन क्या कभी सोचा है कि आपका मन कैसे चल रहा है? आजकल तनाव, अनिद्रा और डिप्रेशन आम हो गए हैं। इस पेज पर हम आपको ऐसे छोटे‑छोटे टिप्स देंगे जो आपकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को हल्का बनायेंगे और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करेंगे।

मानसिक स्वास्थ्य के प्रमुख मुद्दे

सबसे पहले तो यह समझना जरूरी है कि किस चीज़ से दिमाग पर दबाव पड़ता है। काम का बोझ, रिश्तों में टेंशन, या फिर सोशल मीडिया की लत—इनमें से हर एक अलग‑अलग तनाव बनाता है। डिप्रेशन अक्सर धीरे‑धीरे शुरू होता है; शुरुआती संकेत जैसे नींद न आना, भूख में बदलाव या लगातार उदासी को अनदेखा नहीं करना चाहिए। अगर ये साइन दिखें तो तुरंत भरोसेमंद व्यक्ति या प्रोफ़ेशनल से बात करें।

रोज़मर्रा में तनाव कम करने की आसान तकनीक

तनी‑सी कोशिशों से भी बड़े फर्क पड़ते हैं। सुबह उठते ही पाँच मिनट का डीप ब्रीदिंग अभ्यास दिल को शांत करता है और दिमाग को साफ़ रखता है। काम के बीच छोटे‑छोटे ब्रेक ले कर स्ट्रेच या चलना ऊर्जा रीफ़्रेश करता है। स्क्रीन टाइम कम करें; खासकर सोने से पहले फोन बंद रखें, इससे नींद बेहतर आती है और मस्तिष्क को आराम मिलता है।

खानपीन भी असर डालती है—ऑमेगा‑3 युक्त मछली, नट्स और हरी पत्तेदार सब्ज़ियां दिमाग की सेहत बढ़ाती हैं। कॉफ़ी या चाय में कैफीन बहुत ज़्यादा नहीं होना चाहिए; अगर आप अक्सर झुंझलाते हैं तो एक कप कम करें। पानी पर्याप्त मात्रा में पीना भी जरूरी है, क्योंकि डिहाइड्रेशन मूड को प्रभावित कर सकता है।

सोशल सपोर्ट का असर अनदेखा न करें। परिवार या दोस्तों से खुलकर बात करना, चाहे छोटे‑छोटे मुद्दों पर ही क्यों न हो, दिमाग की बोझ कम करता है। अगर आप अकेले महसूस करते हैं तो ऑनलाइन हेल्प ग्रुप्स या स्थानीय काउंसलिंग सेंटर में मदद ले सकते हैं—ये आजकल आसानी से उपलब्ध होते हैं।

यदि आप लगातार उदासी या बेचैनी का अनुभव कर रहे हैं, तो खुद को दोष न दें। यह एक सामान्य मानव प्रतिक्रिया है और इसका इलाज मौजूद है। पेशेवर मनोवैज्ञानिक या सायकोलॉजिस्ट से मिलना सबसे तेज़ कदम हो सकता है। कई बार सिर्फ़ एक छोटी सी बातचीत ही बड़े बदलाव की ओर ले जाती है।

आखिर में, सकारात्मक सोच को अपनाएँ। रोज़ाना पाँच चीजें लिखें जिनके लिए आप धन्यवाद देते हैं—यह आपका मनोविज्ञानिक संतुलन बनाता है। छोटे‑छोटे लक्ष्य रखें और उन्हें पूरा करने की खुशी महसूस करें। इससे आत्मविश्वास बढ़ता है और तनाव कम होता है।

इन सभी टिप्स को धीरे‑धीरे अपनी दिनचर्या में जोड़ें, एक बार में सब नहीं। समय के साथ आप देखेंगे कि आपका दिमाग अधिक स्थिर, खुश और काम करने में तेज़ हो गया है। मानसिक स्वास्थ्य सिर्फ़ बीमारी से बचाव नहीं, बल्कि एक स्वस्थ जीवन का हिस्सा है। अब बस शुरू करें—आपका दिमाग आपका सबसे बड़ा दोस्त बन जाएगा।

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