महिला बॉक्सिंग: नई लहर, बड़ी उम्मीदें

आजकल हर टीवी चैनल पर महिला बॉक्सर्स के मैच दिखते हैं और सोशल मीडिया पर उनके नाम तेजी से ट्रेंड हो रहे हैं। क्या आप भी इस खेल को समझना चाहते हैं? तो पढ़िए, हम आपको बताते हैं कैसे महिलाओं ने मुक्केबाज़ी में कदम रखा और अब कौन‑कौन से खिलाड़ी धूम मचा रहे हैं।

भारत की प्रमुख महिला बॉक्सर्स

भारतीय बॉक्सिंग सर्किट में कई नाम चमके हैं—विजय लाहोटी, मिताली राज, और नवीना कुमारी बसु। विजय ने 2020 के एशियन चैम्पियनशिप में सिल्वर जेताया, जबकि मिताली ने Commonwealth Games में ब्रॉन्ज़ पेनल्टी शॉट से दिल जीत लिया। इनके अलावा, युवा सितारा अंशिका सिंह अभी राष्ट्रीय स्तर पर धूम मचा रही हैं और जल्द ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर दिखने की तैयारी कर रही हैं।

ट्रेनिंग और फिटनेस टिप्स

अगर आप बॉक्सिंग शुरू करना चाहते हैं, तो सबसे पहले बेसिक फ़ॉर्म सीखें—जैसे सही स्टांस, गार्ड और जाब। शुरुआती के लिए दो‑तीन महीने रोज़ाना 30 मिनट रेसistance ट्रेनिंग और कार्डियो चाहिए। घर में रोप स्किपिंग या शॉर्ट बैग पर पंच मारने से कंधे और कोर स्ट्रेंथ बढ़ती है। साथ ही, प्रोटीन‑रीच डाइट (दाल, अंडा, दही) फॉलो करें ताकि मसल रिकवरी तेज़ हो।

एक बात ध्यान रखें—बॉक्सिंग में चोट लगना आम है, इसलिए हर वर्कआउट से पहले 10 मिनट वार्म‑अप ज़रूरी है। स्ट्रेचिंग, जंपिंग जैक और हल्की दौड़ से शरीर तैयार होता है, फिर आप पावरफ़ुल पंच मार सकते हैं बिना दर्द के।

यदि आपके पास जिम नहीं है तो स्थानीय क्लबहाउस या स्कूल के फ़िटनेस सेंटर में बुनियादी उपकरण मिल सकते हैं। कई शहरों में महिला‑केवल बॉक्सिंग अकादमी भी खुल रही हैं, जहाँ कोचेज़ खास तौर पर महिलाओं की बॉडी टाइप और जरूरतों के हिसाब से ट्रेनिंग प्लान बनाते हैं।

बॉक्सिंग सिर्फ फिजिकल स्ट्रेंथ नहीं, बल्कि माइंडसेट भी बदलता है। मैच में पेसिंग, रिफ्लेक्स और सिचुएशन को पढ़ना सीखते हैं—ये स्किल रोज़मर्रा की ज़िंदगी में भी काम आती है। कई बॉक्सर कहते हैं कि उनका आत्मविश्वास दोगुना हो गया और स्ट्रेस कम हुआ।

आने वाले बड़े इवेंट्स पर नज़र रखें: 2025 का एशियन गेम, Commonwealth Games क्वालिफ़ायर्स और विश्व चैंपियनशिप। इन टूर्नामेंट में भारतीय महिला बॉक्सर्स को अक्सर समर्थन मिलता है, इसलिए उनके मैच लाइव देखना प्रेरणा देगा।

समाचारों में बार‑बार कहा जाता है कि भारत में महिलाएँ अब सिर्फ बैडमिंटन या एथलेटिक्स तक सीमित नहीं रहेंगी—बॉक्सिंग भी उनका नया फोकस बन रहा है। सरकारी स्कीम्स, प्रायोजन और निजी क्लबस ने इस बदलाव को तेज़ किया है।

अगर आप बॉक्सिंग की दुनिया में कदम रखना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने लक्ष्य तय करें: फिटनेस बढ़ाना, प्रोफेशनल बनना या सिर्फ आत्मरक्षा सीखना। एक स्पष्ट लक्ष्य आपको सही कोच और सही ट्रेनिंग प्लान चुनने में मदद करेगा।

अंत में, याद रखें कि हर बड़ी जीत छोटे‑छोटे कदमों से शुरू होती है—जैसे रोज़ 10 जाब्स मारना या हफ्ते में दो बार रेसistance ट्रेनिंग करना। लगातार प्रैक्टिस और सही गाइडेंस के साथ आप भी महिला बॉक्सिंग की नई कहानी लिख सकते हैं।

Shubhi Bajoria 24 अगस्त 2025

पेरिस ओलंपिक: महिला बॉक्सिंग विवाद में क्या तय है, क्या अनसुलझा

पेरिस ओलंपिक 2024 में 46 सेकंड में खत्म हुए एक बाउट से महिला बॉक्सिंग पर बड़ा विवाद खड़ा हुआ। अल्जीरिया की इमान खेलेफ और चीनी ताइपे की लिन यू-टिंग 2023 में IBA द्वारा अयोग्य घोषित हुई थीं, मगर IOC ने दोनों को योग्य महिला एथलीट माना। सोशल मीडिया पर गलत दावों की बाढ़ आई, जिसे IOC ने खारिज किया। मामला अब नीति, सुरक्षा और पारदर्शिता के सवालों पर टिक गया है।