जब आप गेम खेलते हैं या वीडियो एडिट करते हैं, तो स्क्रीन पर तेज़ और साफ़ इमेज़ देखना चाहते हैं। ये सब कुछ GPU – यानी ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट के कारण होता है। CPU (सीपीयू) कंप्यूटर की दिमागी काबिलियत देता है, जबकि GPU तस्वीरों को जल्दी-जल्दी बनाकर स्क्रीन पर दिखाता है।
GPU में सैकड़ों से लेकर हजारों छोटे‑छोटे प्रोसेसर (कोर) होते हैं। ये कोर एक साथ मिलकर इमेज़ डेटा को प्रोसेस करते हैं, इसलिए एक फ्रेम बनना सेकंड में ही हो जाता है। जब आप 60 FPS गेम चलाते हैं, तो GPU हर सेकंड 60 बार नई तस्वीर बना रहा होता है। इसका मतलब है—बिना रुकावट के स्मूथ विज़ुअल्स।
GPU दो मुख्य चीजें करता है: रेंडरिंग (इमेज बनाना) और कॉम्प्यूट (गणना)। रेंडरिंग में टेक्सचर, शेडो, लाइटिंग इत्यादि जोड़ते हैं। कॉम्प्यूट में मशीन लर्निंग या डेटा एनालिसिस जैसे काम होते हैं, जहाँ GPU की तेज़ी काम आती है।
बाजार में कई ब्रांड और मॉडल आते हैं—NVIDIA, AMD, फिर इंटेल भी नया GPU लॉन्च कर रहा है। सही चुनाव करने के लिए नीचे दिये पॉइंट्स पर ध्यान दें:
एक बार जब आप मॉडल चुन लेते हैं, तो उसके रिव्यू पढ़ें—यकीनी तौर पर किसी भी गड़बड़ी या ओवरहीटिंग की रिपोर्ट नहीं होनी चाहिए। साथ ही, मॉनिटर के रिज़ॉल्यूशन और रिफ्रेश रेट को देखते हुए GPU का चयन करें; 144 Hz मोनिटर के लिए हाई‑FPS वाला कार्ड बेहतर रहेगा।
सारांश में, GPU आपका विज़ुअल पार्टनर है जो स्क्रीन पर हर पिक्सेल को चमकाता है। सही जानकारी और थोड़ी रिसर्च से आप ऐसा GPU ले सकते हैं जो आपके काम या गेमिंग को सहज बनाये रखे। आगे भी नई टेक्नोलॉजी आती रहेगी—जैसे AI‑अधारित अपस्केलिंग, क्लाउड गेमिंग इंटीग्रेशन—तो अपडेटेड रहना न भूलें।
Nvidia ने अपनी आमदनी में तीन गुना वृद्धि की घोषणा की है, जिससे कंपनी का राजस्व पिछले वर्ष की तुलना में 262% बढ़ गया है। इसके चलते Nvidia के शेयर की कीमत $1,017 की नई ऊंचाई पर पहुंच गई है। कंपनी के ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (GPUs) और डेटा सेंटर्स की मांग में वृद्धि ने इस सफलता को मजबूत किया है।