भारत-चीन संबंध – आज क्या चल रहा है?

भारत और चीन के रिश्ते हमेशा से जटिल रहे हैं. एक तरफ आर्थिक सहयोग बढ़ा है, तो दूसरी तरफ सीमा पर झड़पें कभी‑कभी गर्म हो जाती हैं। इस पेज में हम आपको उन खबरों का सार देंगे जो रोज़ाना सामने आती हैं, ताकि आप जल्दी समझ सकें कि कौन सी बात आपके लिये सबसे ज़रूरी है.

सीमा विवाद और सुरक्षा कदम

पिछले कुछ महीनों में उत्तराखंड‑हिमाचल के खिलाफ़ कई बार सैनिकों की टकराव हुई। दोनों देशों ने मिलिट्री को बढ़ाया, लेकिन साथ ही डिप्लोमैटिक चैनल भी खुला रखा. भारत ने नई सुरक्षा योजना लॉन्च की है ताकि पहाड़ी क्षेत्रों में जल्दी प्रतिक्रिया दे सके और चीन का जवाब दे सके.

दक्षिण में अरुणाचल प्रदेश के लद्दाख से जुड़े कई छोटे‑छोटे झगड़े भी रिपोर्ट हुए हैं। इनका मुख्य कारण मानचित्र विवाद और पानी के अधिकार होते हैं. दोनों पक्ष ने फिर से वार्ता शुरू करने की बात कही है, इसलिए उम्मीद है आगे शांति बनी रहेगी.

व्यापार और आर्थिक जुड़ाव

सीमा मुद्दों के बावजूद व्यापार में वृद्धि जारी है। 2024‑25 वित्तीय वर्ष में भारत‑चीन द्विपक्षीय व्यापार लगभग $100 बिलियन तक पहुंच गया. प्रमुख एक्सपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स और टेक्नोलॉजी से होते हैं, जबकि इम्पोर्ट मुख्यतः एल्युमिनियम, मशीनरी और रेज़र बॉल्स है.

दोनों देशों ने नई ई‑कॉमर्स समझौते पर साइन किया है जिससे छोटे व्यापारियों को सीधे ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म मिलेंगे. इससे स्थानीय कंपनियों को बड़ी मार्केट तक पहुंच आसान होगी और कीमतें भी कम हो सकती हैं.

चीन के ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल में भारत का हिस्सा सीमित रहा, लेकिन नई जलवायु प्रोजेक्ट्स पर सहयोग बढ़ाया जा रहा है. सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग नेटवर्क दोनों देशों ने मिलकर बनाना शुरू किया है.

सांस्कृतिक और लोगों के बीच संपर्क

पर्यटन भी धीरे‑धीरे फिर से उभरा है। 2025 में दोनों देशों के बीच लगभग 1.2 लाख भारतीय पर्यटक चीन की यात्रा करेंगे, जबकि चाइनीज़ टूरिस्ट भारत में 80 हजार तक बढ़े हैं. इससे स्थानीय व्यवसायों को फायदा होगा.

शिक्षा क्षेत्र में कई विश्वविद्यालय अब द्विपक्षीय सहयोगी प्रोग्राम शुरू कर रहे हैं। छात्रवृत्ति और एक्सचेंज प्रोग्राम से दोनों देशों के युवा एक‑दूसरे की संस्कृति को बेहतर समझेंगे.

सारांश में, भारत‑चीन संबंध अभी भी चुनौतीपूर्ण लेकिन संभावनाओं से भरपूर है. यदि दोनों सरकारें संवाद जारी रखें और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करें तो भविष्य में अधिक स्थिरता देखी जा सकती है.

Shubhi Bajoria 22 अक्तूबर 2024

भारत और चीन के बीच लद्दाख में सैन्य गतिरोध समाप्ति पर सहमति के संकेत

भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से चल रहे सैन्य गतिरोध को समाप्त करने पर सहमति व्यक्त की है। यह समझौता दोनों देशों के बीच परस्पर संवाद और सामरिक प्रयासों का परिणाम है। समझौते के तहत, सैनिक अपनी पूर्व-अप्रैल 2020 की स्थिति में लौट जाएंगे और वाद-विवादित क्षेत्रों में गश्ती प्रणाली की पुनः स्थापना होगी। यह कदम दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की दिशा में एक प्रमुख प्रगति है।