राष्ट्रीय एकता दिवस: मोदी ने दी सरदार पटेल को श्रद्धांजलि और राष्ट्र निर्माण में योगदान पर की चर्चा

राष्ट्रीय एकता दिवस: मोदी ने दी सरदार पटेल को श्रद्धांजलि और राष्ट्र निर्माण में योगदान पर की चर्चा
Shubhi Bajoria 1 नवंबर 2024 19 टिप्पणि

राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर को गुजरात के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में सरदार वल्लभभाई पटेल की 149वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है और यह आयोजन पूरे देश में राष्ट्र की एकता और अखंडता की भावना को बढ़ावा देता है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में सरदार पटेल की दृष्टि, उनकी सशक्त नेतृत्व शैली और राष्ट्र के प्रति उनकी अद्वितीय समर्पण की चर्चा की। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल जैसे महान नेताओं के योगदान ने भारत को एकता के सूत्र में पिरोने के लिए मजबूत आधार प्रदान किया।

इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की महिला जवानों ने अद्भुत करतब दिखाए। वे देश के विभिन्न हिस्सों से आईं थीं और उनकी योग्यता और साहस की सराहना की गई। इसके अलावा, भारत-चीन सीमा के पास स्थित गांवों के कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया, जिससे वहां उपस्थित लोगों को विविध भारतीय संस्कृति की झलक मिली।

दिल्ली में एकता के लिए समर्पण

नई दिल्ली में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पटेल चौक पर सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। अमित शाह ने 'एकता के लिए दौड़' का झंडा दिखाकर उद्घाटन किया, जो मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम से शुरू हुई। इस दौड़ के बाद एकता की शपथ दिलाई गई, जिसमें विभिन्न समुदायों के लोग शामिल हुए। गृह मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि सरदार पटेल ने भारत के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उन्हें देश के 'लौह पुरुष' के रूप में याद किया गया।

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 'एकता के लिए दौड़' में भाग लिया। उन्होंने घोषणा की कि प्रधानमंत्री मोदी देश के युवा को राष्ट्र निर्माण गतिविधियों में शामिल करने के लिए 'मेरा युवा भारत' कार्यक्रम शुरू करने वाले हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा शक्ति को वैश्विक स्तर पर उभारना और उन्हें नेतृत्व के कौशल सिखाना है।

इस दिन को संपूर्ण भारत में सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें 'भारत का लोहे का व्यक्ति' कहा। उन्होंने कहा कि पटेल ने देश को एकीकरण और अखंडता के साथ जोड़ा था। इस वार्षिक उत्सव में सरदार पटेल के असाधारण योगदान को याद किया जाता है और राष्ट्र के प्रति उनकी भूमिका का सम्मान किया जाता है।

सरदार पटेल का जीवन और योगदान

सरदार वल्लभभाई पटेल भारतीय स्वाधीनता संग्राम के एक प्रमुख नेता थे। उन्हें 'लौह पुरुष' और 'बारदोली के सरदार' के नाम से भी जाना जाता है। उनके अथक प्रयासों से भारत के सांविधानिक एकीकरण की नींव पड़ी और उन्होंने विभिन्न रियासतों को एकीकृत कर भारत की वर्तमान संरचना में भूमिका निभाई। पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था और उन्होंने अक्टूबर 1950 तक देश की सेवा की। उनकी दृढ़ता और साहसिकता आज भी भारतीय युवा को प्रेरित करती है।

सरदार पटेल ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू जैसे नेताओं के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक थे। भारतीय गणराज्य के पहले उप प्रधान मंत्री और पहले गृहमंत्री के रूप में, उन्हें भारत के एकीकरण के लिए महत्त्वपूर्ण माना जाता है। उनकी नेतृत्व क्षमता और राजनीतिक दृष्टिकोन ने भारत को कई चुनौतियों का सामना करने का साहस दिया।

महत्वपूर्ण देने वाले कार्यक्रम

राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर CENTRAL RIFLE FORCE यानी कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित महिला जवानों द्वारा दर्शाये गए करतब ने सबका दिल जीत लिया। साहसी और ललकार भरे इन प्रदर्शन ने हर भारतीय विशेषकर महिलाओं को प्रेरित किया। यह बताता है कि भारतीय महिलाएं किसी भी चुनौती का सामना करने और उत्कृष्टता हासिल करने में सक्षम हैं। यह आयोजन केवल एक विशेष कार्यक्रम नहीं बल्कि साहस एवं चुनौतीपूर्ण परेक्षा का प्रमाण भी था।

इस कार्यक्रम ने भारतीय व्यवस्था की विविधता, सामरसता और साहस को दर्शाते हुए एकता को मजबूत किया। महिलाएँ आज के समय में किसी भी क्षेत्र में चुनौती नहीं केवल जिम्मेदारी लेती हैं, बल्कि अमल में भी लाती हैं। ये महिलाएं अन्य महिलाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गई हैं जो आने वाले समय में और देखो अग्रसर होंगी।

सम्मान और विचार

सरदार वल्लभभाई पटेल को सम्मानजनक श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें उनके योगदान के लिए सराहा, जिन्होंने भारत की समृद्धि और अखंडता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका दृढ़ संकल्प और राष्ट्रहित सर्वोपरि की भावना आज भी देश के विकास कार्य का मार्गदर्शन कर रही है।

अमित शाह के नेतृत्व में दिल्ली में आयोजित 'एकता के लिए दौड़' और शपथ ने इस बात को दिखाया कि हम सब मिलकर एक सशक्त और समग्र भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह उनके प्रति श्रद्धांजलि मात्र नहीं, बल्कि उनके आदर्शों और सिद्धांतों के प्रति एक समर्पण भी है, जो सभी भारतीयों को एकीकृत और सशक्त बनाने का प्रयास कर रहा है।

राष्‍ट्र के प्रति योगदान और प्रेरणा

सरदार पटेल के विचार और आदर्श आज भी राष्ट्र की अस्मिता के प्रतीक के रूप में विद्यमान हैं। उनके द्वारा स्थापित किए गए सिद्धांत और विचार न केवल अतीत के लिए प्रासंगिक थे, बल्कि वर्तमान और भविष्य के लिए भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। सशक्त राष्ट्र के निर्माण में योगदान का संकल्प हमें उनकी याद दिलाता है और उनके दिखाए मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। वे हमारे लिए केवल अतीत की कहानी नहीं, बल्कि भविष्य का उजास और प्रेरणा स्रोत हैं।

ऐसे कार्यक्रम और आयोजनों के माध्यम से हम उनकी आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि उनके विचार और आदर्श हमेशा हमारे भीतर जीवित रहें। यह याददृश्य केवल एक आयोजन के रूप में नहीं, बल्कि हमारे भविष्य की योजना के लिए एक सशक्त प्रेरणा के रूप में है। सरदार पटेल के प्रति हमारा समर्पण एक मजबूत सम्मान और चुनौती का प्रतीक है - जो आने वाली पीढ़ियों को दिशा और प्रकाश देगा।

19 टिप्पणि
Gaurav Verma नवंबर 1 2024

ये सब नाटक है। सरदार पटेल का नाम लेकर कोई भी राजनीति कर रहा है।

Fatima Al-habibi नवंबर 3 2024

क्या यह एकता का दिन है, या बस एक बड़ा फोटो शूट? कुछ लोग तो बस इमेज के लिए जा रहे हैं।

Nisha gupta नवंबर 3 2024

सरदार पटेल की विचारधारा को आधुनिक भारत में लागू करने की जरूरत है - लेकिन नाटकों से नहीं। वास्तविक एकता तब आएगी जब हम अपनी भाषा, धर्म और जाति के भेदभाव को छोड़ दें।

Roshni Angom नवंबर 4 2024

महिला जवानों ने जो करतब दिखाए... वो तो दिल छू गया... असली एकता तो वहीं है जहां एक लड़की अपने बैग में फर्स्ट एड किट और एक छोटा सा फूल लेकर आती है... बिना किसी फ्लैग के... बस अपने देश के लिए...

vicky palani नवंबर 4 2024

तुम सब लोग बस इसे गूंगा नारा बना रहे हो... क्या तुम्हारे घर में अलग बाथरूम हैं कम्युनिटी के लिए? अगर हां, तो तुम एकता के लिए नहीं, बस लोगों को बहकाने के लिए यहां हो।

jijo joseph नवंबर 6 2024

इस इवेंट का ऑपरेशनल फ्रेमवर्क बहुत स्ट्रक्चर्ड था - CRPF की एंगेजमेंट मॉडल ने डिस्ट्रिक्ट लेवल रिस्पॉन्सिवनेस को एक्सेलरेट किया।

Manvika Gupta नवंबर 6 2024

मुझे लगता है ये सब बहुत बोरिंग है... लेकिन फिर भी दिल दहल गया जब उन महिलाओं ने फ्लैग उठाया...

leo kaesar नवंबर 7 2024

नेहरू ने जो किया, वो बेकार था। पटेल ही सच्चे नेता थे।

Ajay Chauhan नवंबर 8 2024

ये सब तो बस एक और नाटक है। जब तक हमारे गांवों में बिजली नहीं आ रही, तब तक ये सब फुल्ली वास्तविकता से दूर है।

Taran Arora नवंबर 9 2024

भारत की शक्ति यही है - एक छोटी सी लड़की जो गुजरात से आई, एक लड़की जो अरुणाचल से आई, दोनों एक ही फ्लैग के नीचे दौड़ रही हैं। ये है असली एकता।

Atul Panchal नवंबर 9 2024

कांग्रेस वाले भी श्रद्धांजलि दे रहे हैं? ये लोग तो पटेल को राष्ट्रीय नेता नहीं मानते थे! ये बस वोट के लिए बोल रहे हैं।

Shubh Sawant नवंबर 10 2024

हमारे देश का नाम बदल दो - भारत नहीं, पटेल देश रखो! वो ही असली नेता थे!

Patel Sonu नवंबर 11 2024

युवाओं को लेकर जो बात हुई वो अच्छी है... लेकिन उन्हें बस नेतृत्व के लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए तैयार करना होगा...

Puneet Khushwani नवंबर 11 2024

इतना धमाका क्यों? एक फूल चढ़ा देते तो काफी था।

Adarsh Kumar नवंबर 12 2024

ये सब बस एक गुप्त योजना है - लोगों को भूलने के लिए कि वो गरीब हैं, बेरोजगार हैं, और बिना लाइसेंस के बिजली नहीं मिल रही। इसलिए एकता का नारा लगाया जा रहा है।

Santosh Hyalij नवंबर 14 2024

कोई भी व्यक्ति जो भारत के एकीकरण के लिए काम करे, उसे श्रद्धांजलि देनी चाहिए - लेकिन अगर तुम अपने घर में अपनी बहन को भी बर्बर बताते हो, तो तुम्हारा ये नारा बेकार है।

Sri Lakshmi Narasimha band नवंबर 15 2024

इतनी सुंदर छवियां... 🌸🇮🇳 लेकिन क्या ये बस एक दिन का नाटक है? या हम इसे हर दिन जी सकते हैं? 🤔

Sunil Mantri नवंबर 17 2024

पटेल के बारे में बहुत बात हो रही है... पर उनके बारे में जो बातें नहीं कही जा रहीं वो क्या हैं? जैसे उन्होंने कुछ जातियों को बर्बर किया था... ये सब छुपा रहे हो?

Nidhi Singh Chauhan नवंबर 18 2024

एकता के लिए दौड़? अच्छा... तो अब जब तक तुम अपने बाजार में गांव वालों को नहीं बुलाते, तब तक ये दौड़ बस एक फिल्मी दृश्य है...

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