ओलंपिक गेम्स पेरिस 2024: निकहत ज़रीन ने जर्मन मुक्केबाज को हराया, महिलाओं के 50 किग्रा प्री-क्वार्टरफाइनल में पहुंची

Sports 28 जुलाई 2024 प्रियंका कश्यप

निकहत ज़रीन, जो दो बार की विश्व चैंपियन हैं, ने पेरिस ओलंपिक 2024 में अपने करियर की पहली ओलंपिक बाउट में जर्मनी की मैक्सी कैरिना क्लोट्जर को हराकर रविवार को महिला 50 किग्रा वर्ग के प्री-क्वार्टरफाइनल में अपनी जगह बनाई। इस मुकाबले में निकहत ने 5-0 के निर्णायक स्कोर के साथ जीत दर्ज की।

निकहत ज़रीन के लिए यह मुकाबला बेहद चुनौतीपूर्ण था, जिससे उन्होंने अपनी मजबूती और रणनीतिक कौशल का शानदार प्रदर्शन किया। पहले राउंड के बाद निकहत को तीन जजो के स्कोरकार्ड पर पीछे होना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपने दमदार पंचों और रणनीतिक प्रदर्शन से मुकाबले को अपने पक्ष में कर लिया।

जर्मन मुक्केबाज मैक्सी कैरिना क्लोट्जर, जिनकी ऊंचाई कम थी, ने अपनी लंबाई का पूरा फायदा उठाते हुए अपनी तेज गति से पहला राउंड 3-2 के विभाजित निर्णय से जीत लिया था। लेकिन दूसरे राउंड से निकहत ने अपना लय पकड़ लिया और क्लोट्जर पर दमदार हुक्स से हमला किया। तीसरे राउंड में, निकहत ने अपनी सटीक मार्क और निरंतर हमलों से क्लोट्जर को थका दिया, जिससे वह ग्रेपलिंग पे अधिक निर्भर हो गई और उसे रेफरी से कई चेतावनियां मिलीं।

निकहत की मजबूती और सामरिक कुशलता

निकहत ज़रीन ने इस मुकाबले में अपने दृढ़ संकल्प और सामरिक कुशलता का प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने पंचों की सटीकता और जबरदस्त ताकत से न केवल मुकाबले को अपने पक्ष में किया, बल्कि अपने प्रतिद्वंद्वी को आत्मसात करने के लिए मजबूर कर दिया।

प्रसिद्धि की नई ऊंचाइयाँ

प्रसिद्धि की नई ऊंचाइयाँ

इस जीत के साथ, निकहत अब अगले राउंड में चीन की शीर्ष वरीयता प्राप्त वू यू का सामना करेंगी, जो वर्तमान फ्लाईवेट विश्व चैंपियन भी हैं। इस मुकाबले को लेकर निकहत काफी आत्मविश्वासी हैं और उन्हें बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।

ओलंपिक मुक्केबाजी की असली मर्मता निकहत जैसी प्रतिभाओं में देखने को मिलती है, जो पूरी मेहनत और हौसले के साथ यहां तक पहुंचती हैं। निकहत की यह जीत न केवल उनकी कठिन परिश्रम का प्रमाण है, बल्कि भारतीय खेल जगत के लिए भी गर्व की बात है।

भारतीय खेल के लिए गर्व का क्षण

भारतीय खेल के लिए गर्व का क्षण

इस जीत से निकहत ने भारत का नाम रोशन किया है और पूरे देश को उन पर गर्व है। उनकी इस जीत से युवाओं में नई प्रेरणा आएगी और युवाओं को खेलों में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरणा मिलेगी। निकहत की यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि सही दिशा और मेहनत से किसी भी ऊंचाई को छुआ जा सकता है।

ओलंपिक मंच पर निकहत की यह जीत सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि पूरे भारतीय खेल जगत के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। अब, सभी की निगाहें उनके अगले मुकाबले पर हैं जहाँ वह विश्व चैंपियन वू यू के साथ मुकाबला करेंगी।

प्रियंका द्वारा, ज्यादातर लेखन का अर्थ यह होता है कि न केवल एक कहानी बताई जाए, बल्कि ऐसी कहानी बताई जाए जो पाठकों के दिल को छू सके। निकहत ज़रीन की यह यात्रा सभी के लिए प्रेरणा देने वाली है।

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