16 फरवरी, 2025 को नई दिल्ली के मुख्य रेलवे स्टेशन पर हुए भयावह त्रासदी में 18 लोगों की मृत्यु हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। यह त्रासदी उस समय घटी जब हजारों तीर्थयात्री देरी से चल रही ट्रेनों में सवार होने के लिए प्लैटफॉर्म पर जमा थे। गंतव्य था प्रयागराज, जहां हिंदू महाकुंभ मेला चल रहा था।
घटना के दौरान प्लैटफॉर्म 12 पर उपस्थित भीड़ को अचानक प्लेटफॉर्म 16 की तरफ जाने के लिए घोषणा की गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई। प्लेटफॉर्म्स पहले से ही भीड़ से खचाखच भरे हुए थे, और अचानक हुई इस घोषणा से भगदड़ मच गई।
उमेश गिरी, जो कुंभ मेला के लिए जा रहे थे, ने कहा कि जब भीड़ सीढ़ियों से नीचे धकेली जा रही थी, तब लोगों में खासी अफरा-तफरी मची थी। उनके अनुसार, उनकी पत्नी भी इस दुर्घटना की शिकार हो गईं। वहीं, एक स्टेशन पोर्टर ने बताया कि लोग एक दूसरे पर गिरने लगे और एस्केलेटर व सीढ़ियों पर दब गए। इसके तुरंत बाद पुलिस, दमकल और एंबुलेंस को बुला लिया गया।
घटना के वीडियो और तस्वीरों में भीड़ का अत्यधिक घनत्व देखा गया, जहां किसी भी सुरक्षा उपायों का अभाव था। इसके विपरीत, रेलवे प्रशासन ने पहले इस घटना को 'अफवाह' बताया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी पर गहरा दुःख व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना की जांच और पीड़ितों के लिए ₹10 लाख के मुआवजे की घोषणा की। दिल्ली की कार्यकारी मुख्यमंत्री आतिशी ने इस घटना को महाकुंभ यात्रियों से जोड़ा, लेकिन व्यवस्था सम्बंधी मुद्दों पर कोई बात नहीं की।
राजनीतिक दलों ने भी इस घटना को लेकर सरकार पर आक्रोश जताया। कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी ने रेलवे सिस्टम की 'विफलता' की आलोचना की और इसको सरकारी कुप्रबंधन का नतीजा बताया। सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने रेलवे मंत्री की इस्तीफे की मांग की, यह कहते हुए कि लगातार हो रहे दुर्घटनाओं और किराए की बढ़ोत्तरी के बाद यह जरूरी है।
महाकुंभ मेला के कारण यह दूसरे बार है जब इस तरह की भगदड़ हुई है, इसके पहले प्रयागराज में जनवरी में एक ऐसी ही भगदड़ में 79 लोगों की जान गई थी।