बिहार विधानसभा चुनाव 2025: अक्टूबर 6 के बाद ट्रांसफर‑पोस्टिंग समाप्त, तिथि घोषणा जल्द ही

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: अक्टूबर 6 के बाद ट्रांसफर‑पोस्टिंग समाप्त, तिथि घोषणा जल्द ही
Shubhi Bajoria 26 सितंबर 2025 19 टिप्पणि

इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया ने बिहार में सभी सरकारी अधिकारियों की ट्रांसफर‑पोस्टिंग प्रक्रिया को 6 अक्टूबर तक पूर्ण करने का निर्देश दिया है। यह कदम आगामी 2025 विधानसभा चुनाव की तैयारियों को तेज करने के लिए उठाया गया है। डेडलाइन के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ग्यानेश कुमार बिहार की यात्रा करेंगे, जहाँ वे राज्य की चुनाव‑तैयारी की बारीकी से समीक्षा करेंगे।

तारीख़ें, चरण और तैयारी

ऑफ़िशियल घोषणा के बाद, बिहार विधानसभा चुनाव की तिथियों की आधिकारिक घोषणा 6 अक्टूबर के बाद की जाएगी। अनेक स्रोतों ने संकेत दिया है कि यह घोषणा लगभग 4 अक्टूबर को भी हो सकती है, जिससे पार्टी‑जुड़ावों को अभियान‑शुरू करने का समय मिल सकेगा। चुनाव का शेड्यूल मुख्य रूप से दो प्रमुख त्योहार‑सीजन—छठ पूजा और दीपावली—के आसपास केंद्रित रहेगा, जो 18 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक चलेंगे। इन तिथियों को ध्यान में रखते हुए मतदान अक्सर नवंबर के पहले दो हफ्तों में दो‑तीन चरणों में बँटा जाएगा।

  • पहला चरण: 3‑9 नवंबर
  • दूसरा चरण: 10‑16 नवंबर
  • तीसरा चरण (यदि आवश्यक हो): 17‑23 नवंबर

वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर, 2025 को समाप्त हो रहा है, इसलिए नया विधानसभा इस तिथि से पहले ही गठित हो जाना अनिवार्य है। मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (MCC) की घोषणा तिथि के साथ ही लागू हो जाएगी, जिससे सभी सरकारी स्थानांतरण, नई योजनाओं की शुरुआत और प्रचार‑भवन पर रोक लग जाएगी। इस दिशा‑निर्देश का पालन सुनिश्चित करने के लिये बिहार के मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारियों को अक्टूबर 6 तक सभी प्रशासनिक तैयारियों को पूरा करने का आदेश दिया गया है।

मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता

मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता

इस चुनाव में वर्तमान में केंद्र‑शासित भाजपा‑जदयू गठबंधन का सामना महागठबंधन (महागथबंध) से होगा, जिसमें कांग्रेस, राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) और अन्य छोटे दल शामिल हैं। 243 विधानसभा सीटों पर लड़ाई होगी, और दोनों पक्षों ने अपनी‑अपनी रणनीतियों को पहले ही तैयार करना शुरू कर दिया है। भाजपा‑जदयू के पास पिछले दो वर्षों में विकास‑कार्य और सामाजिक कल्याण योजनाओं की उपलब्धियों को दिखाने का अवसर है, जबकि महागठबंधन अपने लोकल मुद्दों और प्रतिवादी सरकार की नीतियों को बारीकी से उजागर करना चाह रहा है।

इस बार मतदान का माहौल विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह बिहार की राजनीति में फिर से संतुलन बदल सकता है। चुनाव आयोग, दोनों पक्षों और मतदाताओं के लिए यह अवधि संवेदनशील होगी, जहाँ प्रत्येक कदम का असर भविष्य की नीति‑निर्धारण पर पड़ेगा।

19 टिप्पणि
Shubh Sawant सितंबर 27 2025

अक्टूबर के बाद ट्रांसफर बंद? बस यही नहीं, सारे अधिकारी अब बिहार में चुनावी नक्शे बनाने लगेंगे। भाजपा-जदयू की टीम तो पहले से ही अपने नियुक्ति लिस्ट तैयार कर रही है। अब तो ये चुनाव नहीं, एक बड़ा एडमिनिस्ट्रेटिव ऑपरेशन लग रहा है।

Patel Sonu सितंबर 28 2025

ये MCC लागू होते ही सब कुछ स्टॉप हो जाएगा लेकिन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को एक्सीक्यूट करने के लिए एक्सेप्शन चाहिए ना? बिहार में तो अब तक कोई भी योजना फिनिश नहीं हो पाई क्योंकि चुनाव के बाद नया सरकार आ जाता है और सब रिवाइज हो जाता है

Puneet Khushwani सितंबर 30 2025

चुनाव तो होगा ही

Adarsh Kumar अक्तूबर 1 2025

अक्टूबर 6 को ट्रांसफर बंद? ये तो अंतरराष्ट्रीय नेताओं के लिए फैक्ट चेक करने का मौका है। ये सब एक बड़ा डिस्ट्रैक्शन टैक्टिक है ताकि लोगों को ये भूल जाए कि राज्य के अंदर बर्बरी चल रही है। अगर ये चुनाव अमेरिका जैसा होता तो तुरंत डिप्लोमेट्स आ जाते।

Santosh Hyalij अक्तूबर 2 2025

मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। यह एक संवैधानिक आधार है। बिहार के लोगों को इसकी समझ नहीं है। वे सिर्फ वादे सुनना चाहते हैं।

Sri Lakshmi Narasimha band अक्तूबर 3 2025

छठ पूजा के बाद मतदान? 🤯 ये तो परमेश्वर का खुद का टाइमिंग है! भगवान के साथ चुनाव शेड्यूल मिल गया 😇 अब तो वोटर्स के लिए भक्ति और बूथ दोनों एक ही दिशा में हैं। इस बार तो मतदान बिल्कुल धार्मिक अनुष्ठान बन गया है 🙏

Sunil Mantri अक्तूबर 5 2025

ये सब ट्रांसफर बंद करने की बात तो बहुत अच्छी है पर अगर अधिकारी भी बदल जाएंगे तो कौन बात बनाएगा? ये तो अभी तक एक बार भी सही तरीके से नहीं हुआ

Nidhi Singh Chauhan अक्तूबर 5 2025

चुनाव आयोग के अधिकारी बिहार आ रहे हैं? वो भी शायद अपने दोस्तों के लिए नौकरियां बना रहे होंगे... ये सब नाटक है। असली चुनाव तो आईएएस अधिकारियों के बीच चल रहा है।

Anjali Akolkar अक्तूबर 5 2025

ये टाइमिंग तो बहुत अच्छी है छठ के बाद तो लोग खुश रहते हैं और वोट भी शांति से डालेंगे 😊 उम्मीद है सब कुछ निष्पक्ष होगा

sagar patare अक्तूबर 7 2025

अक्टूबर 6 तक ट्रांसफर बंद? अरे भाई ये तो पहले से ही सब कुछ बंद है! बिहार में तो अधिकारी बदलने के बजाय बैठे रहते हैं और बाहर से निर्देश आते हैं। ये तो बस फॉर्मलिटी है।

srinivas Muchkoor अक्तूबर 8 2025

महागठबंधन? ये तो बस एक नाम है। राजद के साथ कांग्रेस का रिश्ता तो पानी और तेल जैसा है। ये गठबंधन तो एक बार में टूट जाएगा।

Shivakumar Lakshminarayana अक्तूबर 9 2025

चुनाव आयोग के आंकड़े झूठे हैं। जिन लोगों को ट्रांसफर किया गया उनमें से 70% भाजपा के समर्थक हैं। ये एक छिपा हुआ चुनाव फ्रॉड है। अगर तुम वास्तव में निष्पक्ष होते तो तुम ये नहीं करते।

Parmar Nilesh अक्तूबर 10 2025

अक्टूबर के बाद ट्रांसफर बंद? ये तो बिहार के लिए एक बड़ा विजय है! अब तो जमीनी स्तर पर काम ठीक से होगा। ये चुनावी शोरबाजी से ऊपर उठने का अवसर है।

Arman Ebrahimpour अक्तूबर 11 2025

मुख्य चुनाव आयुक्त ग्यानेश कुमार आ रहे हैं? वो तो एक नए राष्ट्रीय स्तरीय अभियान के लिए बनाया गया एजेंट है! ये तो एक बड़ा राष्ट्रीय साजिश है जिसमें बिहार को एक बड़ा राजनीतिक टेस्ट बनाया जा रहा है। तुम लोग इसे नहीं देख रहे।

SRI KANDI अक्तूबर 13 2025

अच्छा हुआ कि ये टाइमिंग निर्धारित हो गई... अब तो लोग तैयार हो जाएंगे 🤗

Ananth SePi अक्तूबर 14 2025

ये चुनाव तो बिहार के सांस्कृतिक अस्तित्व का परीक्षण है। छठ पूजा के बाद मतदान? ये तो प्राचीन भारतीय समयचक्र का ही एक अंश है! यहाँ के लोगों की भक्ति और राजनीति एक ही धागे में बुनी हुई है। ये एक अद्वितीय भारतीय अनुभव है - जहाँ धर्म और राजनीति एक हो जाते हैं। ये दुनिया में कहीं और नहीं होता।

Gayatri Ganoo अक्तूबर 16 2025

चुनाव आयोग ने तिथि घोषित करने के लिए अक्टूबर 4 की बात कही? ये तो बस एक भूल है। असली तारीख तो अभी तक अंधेरे में है। और अगर वो 4 को घोषित कर देंगे तो ये तो बिहार के लोगों के लिए एक बड़ा धोखा होगा।

harshita sondhiya अक्तूबर 18 2025

ये चुनाव आयोग क्या चल रहा है? ये तो बिहार के लोगों के दिमाग को बर्बाद कर रहा है! अब तो तीन चरण में मतदान? ये तो बिहार के लोगों को थका देगा! अगर ये चुनाव असली होता तो तुरंत एक चरण में होता!

Balakrishnan Parasuraman अक्तूबर 19 2025

इस चुनाव के लिए आयोग द्वारा लिए गए उपाय अत्यंत आवश्यक और संवैधानिक हैं। इसके विपरीत कोई भी आचरण भारतीय लोकतंत्र के लिए अस्थायी और विनाशकारी होगा।

कुछ कहो