वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय की दुखद मौत: नई दिल्ली में इमारत निरीक्षण के दौरान गिरे और जान गंवाई

वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय की दुखद मौत: नई दिल्ली में इमारत निरीक्षण के दौरान गिरे और जान गंवाई
Shubhi Bajoria 3 सितंबर 2024 19 टिप्पणि

वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय की दुखद मौत: एक गहरी क्षति

वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय, जो अपने निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के लिए मशहूर थे, का रविवार को निधन हो गया। वसंत कुंज, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में स्थित अपने घर की चौथी मंजिल से नीचे गिरने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। वह केवल 64 वर्ष के थे।

घटना सुबह लगभग 10:30 बजे की है, जब उमेश अपने घर के चौथी मंजिल पर बने छत के निरीक्षण के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गए। शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, उमेश जी ने चौथी मंजिल से दूसरी मंजिल तक गिरते समय सिर और अन्य कई हिस्सों में गंभीर चोटें हासिल की। दुर्घटना के तुरंत बाद, उन्हें वसंत कुंज स्थित इंडियन स्पाइनल सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां लगभग 11 बजे वह पहुंचे। लेकिन उनकी स्थिति गंभीर थी और डॉक्टर्स के सभी प्रयासों के बावजूद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनका निधन लगभग 2:50 बजे हुआ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संवेदनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद ख़बर पर गहरी शोक संवेदनाएं प्रकट की। उन्होंने उमेश उपाध्याय को एक उत्कृष्ट और प्रतिबद्ध पत्रकार बताया, जिन्होंने डिजिटल मीडिया और टेलीविजन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पीएम मोदी ने कहा कि उनके निधन से पत्रकारिता जगत को एक अपूर्णीय क्षति पहुंची है और उनके परिवार को अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।

देशभर के पत्रकार और मीडिया संस्थान भी उनके इस अचानक निधन पर स्तब्ध हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उमेश उपाध्याय का योगदान अतुलनीय रहा है। उनके लेख और रिपोर्ट्स ने हमेशा सच को उजागर किया और जनता तक निष्पक्ष जानकारियां पहुंचाई।

द प्रेस क्लब ऑफ इंडिया का बयान

द प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय की निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को याद करते हुए, क्लब ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि उमेश जी का निधन पत्रकारिता के क्षेत्र के लिए एक अपूर्णीय क्षति है।

विधिक कार्यवाही और पोस्त्मॉर्टम

उमेश उपाध्याय के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर का पोस्टमॉर्टम किया गया। पुलिस ने घटना के संबंध में कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है और आगे की जांच जारी है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह दुर्घटना है या किसी अन्य संदर्भ में हुई है, पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।

उमेश उपाध्याय के निधन से न केवल उनका परिवार बल्कि पूरा पत्रकारिता जगत शोक में हैं। अपने निर्भीक लेखन और सच्चाई के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें मीडिया इंडस्ट्री में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व बनाया था।

परिवार और पत्रकार साथियों की प्रतिक्रिया

उमेश उपाध्याय के परिवार और करीबी लोग इस घटना से स्तब्ध हैं। उनके साथियों ने बताया कि वह हमेशा अपने कार्य के प्रति समर्पित रहे और किसी भी कठिन परिस्थिति में भी सच्चाई के साथ खड़े रहे। उनकी इस अनौपचारिक निधन ने पत्रकारिता के क्षेत्र में एक गहरा घाव पैदा कर दिया है, जिसे भर पाना शायद ही संभव हो सके।

इस दुखद समाचार ने देशभर के मीडिया समुदाय को गहरे शोक में डाल दिया है। उमेश उपाध्याय की यादों को हमेशा संजोया जाएगा और उनके द्वारा किए गए कार्यों को आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी।

फिलहाल, सभी उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट कर रहे हैं और इस मुश्किल समय में उनके साथ खड़े हैं। उमेश जी का योगदान और उनकी यादें हमेशा जीवित रहेंगी।

19 टिप्पणि
Gayatri Ganoo सितंबर 3 2024

ये इमारत किसने बनवाई थी? चौथी मंजिल पर छत का निरीक्षण करने के लिए कोई सुरक्षा नहीं थी? ये सब ठीक है लेकिन ये लोग जानबूझकर खतरनाक जगहों पर काम करवाते हैं ताकि बचत हो जाए। ये नहीं है दुर्घटना ये है नेतृत्व की अनदेखी।

harshita sondhiya सितंबर 5 2024

अरे भाई ये लोग तो बस अपने घर की छत देख रहे थे और गिर गए? इतने बड़े पत्रकार थे फिर भी लैडर नहीं लगाया? ये लोग अपने आप को बहुत बड़ा समझते हैं और बेवकूफी कर जाते हैं।

Balakrishnan Parasuraman सितंबर 6 2024

हमारे देश में ऐसे ही लोग गिरकर मर रहे हैं और बाहर से आ रहे हैं लोग देश की निंदा करने। ये दुर्घटना है या षड्यंत्र? क्या कोई जांच करेगा? हमारे पत्रकार तो बहुत बड़े हैं लेकिन अपनी सुरक्षा के बारे में क्यों नहीं सोचते?

Animesh Shukla सितंबर 8 2024

क्या हम इस घटना को सिर्फ एक दुर्घटना के रूप में देख सकते हैं? या यह एक संकेत है कि हमारी सामाजिक और सांस्कृतिक व्यवस्था में एक गहरी खाई है? जहां एक वरिष्ठ पत्रकार भी अपने घर की छत के निरीक्षण के लिए बिना सुरक्षा के जाने को मजबूर हो जाता है? क्या हमारे घरों में भी अनुशासन खत्म हो रहा है? क्या हम भी इसी तरह अपने आप को नष्ट कर रहे हैं?

Abhrajit Bhattacharjee सितंबर 8 2024

उमेश जी के निधन के लिए बहुत दुख हुआ। उनकी निष्ठा और सच्चाई के प्रति लगाव को याद करके बहुत शोक होता है। आशा है उनके परिवार को इस समय सांत्वना मिले। और हां, घरों में भी सुरक्षा के बारे में सोचना जरूरी है।

Raj Entertainment सितंबर 9 2024

यार ये लोग तो अपने घर की छत देख रहे थे और गिर गए? ये बात तो बहुत दुखद है। पर देखो अगर कोई बड़ा आदमी है तो उसकी जिम्मेदारी भी बड़ी होती है। अपने घर में भी सुरक्षा के बारे में सोचो।

Manikandan Selvaraj सितंबर 9 2024

अरे ये तो बस एक दुर्घटना है लेकिन इतना धमाका क्यों? ये पत्रकार तो लगातार अपने आप को बड़ा बताते हैं और अब गिरकर मर गए? ये लोग तो बस अपने आप को बहुत बड़ा समझते हैं और बेवकूफी कर जाते हैं

Naman Khaneja सितंबर 9 2024

बहुत दुख की बात है। उमेश जी का जीवन एक उदाहरण है कि सच्चाई के लिए कैसे लड़ा जाता है। आपका याद जीवित रहेगा। ❤️

Gaurav Verma सितंबर 10 2024

ये सब षड्यंत्र है। छत पर जाने के बाद गिरना? बहुत अजीब है। किसी ने उन्हें धक्का दिया होगा।

Fatima Al-habibi सितंबर 12 2024

मजेदार है कि जब कोई बड़ा आदमी मरता है तो सब शोक व्यक्त करते हैं। लेकिन जब एक आम आदमी गिरकर मरता है तो कोई नहीं देखता।

Nisha gupta सितंबर 13 2024

क्या हम सच में इतने असुरक्षित हैं कि एक पत्रकार भी अपने घर की छत पर जाने के लिए बिना सुरक्षा के जाने को मजबूर हो? यह एक सामाजिक विफलता है। यह एक व्यक्ति की मौत नहीं, एक प्रणाली की मौत है।

Roshni Angom सितंबर 14 2024

उमेश जी का निधन... ये तो बहुत दुखद है। उनकी लेखन शैली ने मुझे हमेशा प्रेरित किया। उनके लिए एक छोटी सी श्रद्धांजलि। और हाँ, घर की छत पर जाने से पहले लैडर लगाना जरूरी है। बहुत जल्दी बात बन गई।

vicky palani सितंबर 15 2024

ये लोग तो बस अपने आप को बहुत बड़ा समझते हैं। इतने बड़े पत्रकार थे और घर की छत पर जाने के लिए लैडर नहीं लगाया? ये लोग अपने आप को बहुत बड़ा समझते हैं और बेवकूफी कर जाते हैं।

jijo joseph सितंबर 16 2024

इस घटना में बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर की असुरक्षा और ऑपरेशनल गैप का विश्लेषण करना चाहिए। इमारत के निर्माण में सामान्य सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ है, जिसका निष्कर्ष एक अमूल्य जीवन की हानि है।

Manvika Gupta सितंबर 17 2024

उमेश जी की मौत... ये तो बहुत दुखद है। मैं तो बस रो रही हूँ। उन्हें याद करके दिल टूट रहा है।

leo kaesar सितंबर 18 2024

ये लोग तो बस अपने आप को बहुत बड़ा समझते हैं। इतने बड़े पत्रकार थे और घर की छत पर जाने के लिए लैडर नहीं लगाया? ये लोग अपने आप को बहुत बड़ा समझते हैं और बेवकूफी कर जाते हैं।

Ajay Chauhan सितंबर 18 2024

इतना बड़ा बयान देकर भी ये लोग लैडर नहीं लगाते? ये लोग तो बस अपने आप को बहुत बड़ा समझते हैं।

Taran Arora सितंबर 19 2024

उमेश जी का निधन भारतीय पत्रकारिता के लिए एक बड़ी क्षति है। उनकी निष्ठा और सच्चाई के प्रति लगाव ने हम सभी को प्रेरित किया। उनकी याद हमेशा जीवित रहेगी।

Atul Panchal सितंबर 21 2024

ये लोग तो बस अपने आप को बहुत बड़ा समझते हैं। इतने बड़े पत्रकार थे और घर की छत पर जाने के लिए लैडर नहीं लगाया? ये लोग अपने आप को बहुत बड़ा समझते हैं और बेवकूफी कर जाते हैं।

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