अगर आप वॉलीबॉल देखते‑देखते थक गए हैं और समझ नहीं पा रहे कि ‘गोल’ शब्द क्यों बार‑बार आता है, तो यह लेख आपके लिए है। बुनियादी तौर पर गोल मतलब वह अंक जो टीम को मिलते हैं जब उनका अटैक सफल हो जाता है या विरोधी की त्रुटि से पॉइंट मिलता है। इस खेल में हर सर्विस, रिवर्स या ब्लॉक के बाद ही स्कोर बदलता है, इसलिए गोल बनना और रोकना दोनों ही उतने ही जरूरी हैं जितनी गेंद को नेट के पार भेजना।
हर सेट में पाँच से सात रैली होती हैं, लेकिन केवल एक रैली पर ही स्कोर तय होता है। जब आपकी टीम सर्विस करती है और गेंद जमीन तक नहीं पहुँचती या विरोधी टीम ने तीन बार बॉल को टच किया, तो आपके पास पॉइंट आता है। यदि विरोधी सर्विस के दौरान आपका ब्लॉक सफल रहता है और वे तीन टैच से कम कर देते हैं, तब भी आप गोल हासिल करते हैं। यही कारण है कि रक्षात्मक खेल में भी उतनी ही मेहनत चाहिए जितना आक्रमण में।
पिछले हफ्ते यूरोपियन लीग के फाइनल में इटली ने फ्रांस को 3‑1 से हराया, जिससे उनका पॉइंट प्रतिशत रिकॉर्ड तोड़ गया। वहीं एशिया कप में भारत की महिला टीम ने जापान पर आश्चर्यजनक जीत हासिल की, दो सेट्स में ही पाँच गोल बनाकर मैच का रुख पलटा। अगर आप इन टीमों के खेल को फॉलो करना चाहते हैं, तो उनके सर्विस पैटर्न और ब्लॉकिंग तकनीक देखना न भूलें – ये दोनों चीज़ें सीधे गोल के आँकड़े बढ़ाती हैं।
इनसे भी महत्वपूर्ण है कि खिलाड़ियों की व्यक्तिगत फ़ॉर्म देखें। वर्तमान में वर्ल्ड रैंक 1 पर रहने वाले ब्राज़ीलियाई स्पाइकर जुलियो ने अपनी सर्विस एफ़ेक्टिवनेस को 85% तक बढ़ा दिया है, जिससे उसकी टीम का औसत गोल प्रति सेट 12 से ऊपर चला गया है। ऐसे आंकड़े दर्शाते हैं कि तकनीकी सुधार सीधे स्कोरिंग पर असर डालता है।
अगर आप खुद वॉलीबॉल खेलते हैं या कोचिंग में हैं, तो इन टिप्स को अपनाएं: सर्विस के बाद हमेशा दो-तीन सेकंड में बॉल की गति और दिशा तय करें, ब्लॉकर को टीम की सेट‑अप पर भरोसा रखें, और रैली के दौरान कम्युनिकेशन बढ़ाएँ। छोटे बदलाव अक्सर बड़े गोल लाते हैं।
संक्षेप में, वॉलीबॉल में गोल बनना सिर्फ शारीरिक शक्ति नहीं बल्कि रणनीति, टाइमिंग और टीमवर्क का नतीजा है। ताज़ा मैचों की खबरें, खिलाड़ी फ़ॉर्म और तकनीकी अपडेट पर ध्यान दें, तभी आप या तो दर्शक के रूप में मज़े ले सकेंगे या मैदान पर जीत की राह बना पाएंगे।
रियल मैड्रिड ने ला लिगा में विलारियल को 2-0 से हराया, जिसमें वाल्वेर्दे और विनीसियस जूनियर की शानदार गोल शामिल थे। हालांकि, दानी कारवहाल की गंभीर चोट ने जीत का मज़ा किरकिरा कर दिया। कारवहाल को यरेमि पिनो के साथ टकराव के बाद मैच की अंतिम मिनटों में मैदान से उठाना पड़ा।