भारत में सबसे बड़े घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट को लेकर हर कोई उत्साहित रहता है। चाहे आप दादाजी हों, कॉलेज का दोस्त या फिर सिर्फ़ क्रिकेट का शौक़ीन—रणजि ट्रॉफी की खबरें सबको बांधे रखती हैं। इस पेज पर आपको हाल के मैचों के स्कोर, टॉप बॉलर्स और बैटर की जानकारी एक ही जगह मिलेगी। चलिए, बिना देर किए सीधे मैदान में कदम रखते हैं।
पिछले हफ़्ते हुए कोलकाता‑बॉम्बे डर्बी में मुंबई ने 350/7 से जीत हासिल की। रवींद्र जैन ने 112 रन बनाकर टीम का पत्थर तोड़ा, जबकि तेज़ लघु बॉल वाले रवि शंकर ने 4 विकेट लिए। दूसरी ओर दिल्ली की टीम ने वेस्ट इंडिया के खिलाफ कठिन ग्राउंड पर 280 रन बनाकर हार मानी। इस मैच में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाला खिलाड़ी था अमित सिंह, जो 85* अनटिल आउट रहे।
अगर आप देखना चाहते हैं कौन सी टीम प्ले‑ऑफ़ तक पहुंची है तो यहाँ एक छोटा सारांश:
इन आँकड़ों को देखते हुए अगले हफ़्ते की मैच फिक्सचर भी रोमांचक लग रही है। हर टीम अपने सबसे भरोसेमंद ओपनर और तेज़ गेंदबाज़ी यूनिट को लेकर आएगी, इसलिए टॉस से ही खेल का मूड बदल सकता है।
रणजि ट्रॉफी में अक्सर वही नाम चमकते हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उभर रहे होते हैं। इस सीज़न के कुछ उल्लेखनीय प्रदर्शन:
इन खिलाड़ियों के अलावा कई अनदेखे चेहरा भी सामने आ रहे हैं। जैसे कि सागर पांडे, जो टॉप ऑर्डर पर लगातार 30‑40 रन बनाते हुए टीम को स्थिरता दे रहे हैं। उनके साथ ही तेज़ गती वाले पवन सिंह ने सीमित ओवर में बॉलिंग करके कई बार विपक्षी की स्कोरिंग रेट को दबाया है।
अगर आप अपने पसंदीदा खिलाड़ी के आँकड़े देखना चाहते हैं, तो साइट पर प्रत्येक मैच का डिटेल्ड स्कोरकार्ड उपलब्ध है। वहां से आप गेंदों की गति, स्पिन प्रकार और बॉलिंग एरियाज़ भी चैक कर सकते हैं। यह जानकारी सिर्फ़ क्रिकेट प्रेमियों को ही नहीं, बल्कि उन लोगों को भी मदद करती है जो भविष्य में खेल के आँकड़ों का विश्लेषण करना चाहते हैं।
अंत में इतना कहेंगे कि रणजि ट्रॉफी केवल एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट की जनन कूट है। हर साल नई प्रतिभा उभरती है और पुरानी टीमें अपना अनुभव साझा करती हैं। इसलिए जब भी आप इस पेज को खोलें—ताज़ा स्कोर, प्रमुख प्लेयर रैंकिंग और मैच विश्लेषण के साथ अपडेट रहें। खेल का मज़ा तभी बढ़ता है जब आपके पास सही जानकारी हो!
रणजी ट्रॉफी के गोवा बनाम मिजोरम मुकाबले में अर्जुन तेंडुलकर का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। पहले ही गेंद पर आउट होने से उनके प्रदर्शन पर सवाल उठे हैं, खासकर जब लोग उनसे उनके पिता सचिन तेंडुलकर जैसी उत्कृष्टता की उम्मीद रखते हैं। यह प्रदर्शन उनके लिए व्यक्तिगत चुनौती बन गया, जिसमें उन्हें अपने पिता की छवि से हटकर खुद की पहचान बनानी है।